आज़ाद भारत के 75 साल में 46 साल चार Nationalist & Patriotic नेता देश के प्रधानमंत्री रहे।भारतीय इतिहास इन ही चार लोगो को हमेशा याद रखे गा।यह लोग पूरे भारतीय समाज को साथ ले कर चले और सारा फैसला देशहित मे किया और बहुत तरक्की कराई। इन मे तीन ब्राह्मण नेता थे।

#पंडित जवाहर लाल नेहरू के बारे मे बाप-दादा से हमेशा बड़ाई ही सूना।

#इंदिरा गॉधी के राज को होश संभाला तो बंगलादेश वार मे देखा।बहुत जान गई मगर जो हुआ भारत और भारतीय मुस्लिम के लिये सही ही हुआ।इंदिरा ने मुस्लिम को रेलवे, बैंक मे नौकरी दे कर मायूसी कम किया।इंदिरा गॉधी ने सिक्किम का विलय कर देश की सिमा बढ़ाया, ISRO बनाया, ऐटम बम बनाया।1973 में दुनिया मे तेल का दाम 378 गुणा बढ़ा और अर्थव्यवस्था पर बूरा असर पडा।भारत को अरब देशो से कम दाम पर तेल मिलना शुरू हुआ। इंदिरा ने बम्बई हाई मे कुछ तेल निकला।1974 मे जय प्रकाश अंदोलन शुरू हुआ और 1977 मे इंदिरा गॉधी चुनाव हारीं और अपने ही मूत से दॉत का दतवन करने वाले मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री (1977-79) बने।

#अटल बिहारी बाजपेयी जनता पार्टी के सरकार (1977-79) के विदेशमंत्री बने और खूब विदेश घूमें जिस मे चीन और सऊदी अरब और मिडिल इस्ट भी गये। वापसी पर वाजपेयी ने पासपोर्ट आफिस सब राज्य मे खोल दिया और केरल के लोग जिस को बाल ठाकरे ने शिव सेना बना कर बोम्बे से निकाला था वह अरब के देशो मे नौकरी करने लगे और देश को विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange) का नया Source मिला।पासपोर्ट आसानी से बनने लगा, मुस्लिम को अरब मे नौकरी मिलने लगी और भारत को आज तक Muslim remittances से विदेशी मुद्रा मिल रहा है।बाजपेयी की जिंदगी एक पत्रकार से शुरू होकर राईट विंग पार्टी जन संघ मे परवान चढ़ी मगर वह देश मे सब को लेकर चलने वाले नेता थे।बाजपयी कशमीर मसला हल नही कर सके इस का हम को बहुत अफसोस है।वाजपेयी मे इंसानियत थी।

#मनमोहन सिंह को तो सब ने देखा है।उन पर मेरा 20 सितंबर 2020 का एक पोस्ट है जो 143 बार शेयर हुआ है, पढ लें।

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मेरे नज़र मे लालू प्रसाद यादव जैसा “सेकूलर” नेता भारत मे कोई दूसरा पैदा नही हुआ।आज जो लालू जेल मे हैं, वह सेकूलर होने के वजह कर हैं न की ज़ात-पात के वजह से हैं।ज़ात-पात तो भारत मे हर जमाने मे हर नेता का धर्म रहा है।