Post of 25th October 2024

रूस के राष्ट्रपति पुटिन ने BRICS समिट को मॉस्को में न करा कर रूसी फ़ेडरेशन के मुस्लिम रिपब्लिक तातारसतान की राजधानी काज़ान मे कर दुनिया को “न्यू वर्ल्ड आर्डर” बन्ने का संदेश दिया।

तातारसतान के लोग तुर्क नस्ल के हैं और यहॉ तेल और गैस है मगर आबादी केवल 40 लाख है। पिछले बीस साल मे तातारसतान ने बहुत तरक़्क़ी किया है और अब 70% आबादी शहर में रहती है।

BRICS के 9 सदस्य मूलकों मे 45% दुनिया की आबादी है और दुनिया के अर्थव्यवस्था में इन का 35% योगदान है। तीन दिन तक चले काज़ान समारोह मे 30 मूलकों के राष्ट्राध्यक्ष/मंत्री ने भाग लिया। इस मे सऊदी अरब का नेतृत्व सऊदी विदेश मंत्री ने किया और तुर्की का नेतृत्व राष्ट्रपति अरदोगान ने पुटिन के ख़ास मेहमान बन कर किया।अरदोगान ने समापन समारोह का भाषण दिया और ग्रुप फ़ोटोग्राफ़ी हुई (नीचे तस्वीर देखें)

1973 अरब-इसराइल जंग के बाद तेल का दाम 378 फ़ीसद बढ़ा। यूरोप-अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पश्चिमी मुल्कों ने G7 बनाया। पचास साल बाद फिर 7 अक्टूबर 2023 मे इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों का मार-काट शुरू हुआ तो 2024 मे काज़ान शहर मे BRICS सम्मेलन ने 1876 के बाद बदले “न्यू वर्ल्ड आर्डर” की एक रौशनी दुनिया को दिखा दिया।

सऊदी अरब ने 1939 से तेल अमेरिकी डॉलर ($) में बेचना शुरू किया और 2023 तक दुनिया मे तेल और गैस 100% डॉलर में बिकता रहा और डॉलर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बना रहा। मगर रूस-यूक्रेन मार-काट (24 फ़रवरी 2023) के बाद अब 80% तेल और गैस डॉलर में बिकने लगा है। अभी BRICS+ के सदस्यों में केवल चीन और भारत के पास गैस/तेल नहीं है और यह दोनों देश 80% तेल आयात करते हैं।

काज़ान के BRICS+ समिट में राष्ट्रपति पुटिन ने ब्रिक्स समूह की मुद्रा का sample का उद्घाटन किया जिस का नाम “BRIC” रखा गया है। “BRIC” नोट में पॉच देश रूस, भारत, चीन, साऊथ अफ़्रीका, ब्राज़ील के झंडा के साथ इन देशों के मशहूर तारीखी निशान (Landmark) भी प्रिंट है, जैसे रूस का ऐतिहासिक “Red Square”, चीन का “Dragon”, साउथ अफ़्रीका का “Martyr Statue”, ब्राज़ील का “Statue of Jesus (with 92 feet arm)” और भारत का दुनिया का सातवाँ अजूबा “Taj Mahal”.

अभी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ (G7) उच्च मुद्रास्फीति के दौर से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि जियोपोलिटिक्स मे उथल-पुथल, मिडिल ईस्ट और रूस-यूक्रेन मार काट ने मिडिल ईस्ट के तेल/गैस उत्पादक देशों द्वारा दुनिया में निवेश (investment) बंद कर दिया।

“BRIC” मुद्रा को New Development Bank (NDB) जिस का मुख्यालय चीन के शंघाई शहर मे है वह Float करे गा। पुटिन और शी जिनपिंग अच्छी तरह यह जानते हैं कि जब तक सऊदी अरब/GCC देश अपना तेल डॉलर मे बेचें गे “BRIC” अंतरराष्ट्रीय मुद्रा नहीं बन पाये गा, जिस तरह से तीस साल मे EURO अंतरराष्ट्रीय मुद्रा नहीं बन पाया।

#नोट: यह बात ग़ौर करने की है कि पिछले पचास साल मे “फलस्तीन-इसराइल” मसला ने 1876 से चले आ रहे “वर्ल्ड ऑर्डर” को बदल दिया। दुआ किजये की अब जल्द दुनिया में अमन (Peace) हो।