Post of 3rd October 2023
नीतीश कुमार ने “धर्म बनाम जाति” का आँकड़ा प्रकाशित कर भारत के Political Landscape को अगले सौ साल के लिए बदल दिया है।
यह धर्म बनाम जाति का आँकड़ा उत्तर भारत के संघ तथा सभी राजनीतिक पार्टी को मालूम था मगर नीतीश कुमार ने इसे देश मे पहली बार बिहार मे प्रकाशित कर संघ तथा कांग्रेस या मार्क्सवादियों और समाजवादियो के राजनीति को ध्वस्त कर दिया।
#नीतीश कुमार को पता था बिहार मे कुर्मी 2.87% है और अब अगले सौ साल बिहार मे कोई कुर्मी नेता पैदा नही हो गा जो 2005 से 2025 तक बीस साल मुख्यमंत्री रहे गा, इस वजह कर आँकड़ा प्रकाशित कर स्वर्ण, यादव और अनुसूचित जाति को उन की औक़ात अगले सो साल के लिए बता दिया।
#कर्पूरी ठाकुर के शुरू किए सामाजिक न्याय का मिशन को नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना को प्रकाशित कर ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, लाला (10.5%) को समाज का अकेला बुद्धिजिवी ठिकेदार बनने से अगले सौ साल के लिए रोक दिया।
#नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश और बिहार मे नये स्वर्ण बने यादव जाति को भी बता दिया कि आप केवल 14.2% हैं मगर 1990 से 2005 तक बिहार मे #कमंडल_आंदोलन के कारण मुख्य मंत्री रहे मगर अब भविष्य मे यादव नेतृत्व सब को लेकर नही चले गा तो अगले सौ साल मुख्य मंत्री नही बने गा।
#नीतीश कुमार ने संघ की बाबरी दहशत फैला कर समाज और भारत को तोड़ने का खेल-खेल कर अपना #बुद्धिजिवी_पैठ बनाया था उस मे सेंध डाल दिया।नीतीश कुमार, एक अकेला आदमी, एक अकेला देशभक्त ने आरएसएस ऐसे बडे संस्था को अपनी सौ साल की सोंच को बदलने पर मजबूर कर दिया।
#Note: नीतीश कुमार का नाम भारतीय राजनीति मे सैकडो साल शोध का विषय रहे गा मगर अब संध के किसी नेता का नही रहे गा।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman RSS ने जो 1857 के बाद बाबरी दहशत फैला कर जो सामाजिक धुर्वीकरण अपने पक्ष मे किया था उस को नीतीश कुमार ने अकेले ध्वस्त कर दिया। संध ने बहुत बडी गलती किया जो कमंडल का नारा लगाया ताकि मंडल ख़त्म हो मगर नीतीश ने इसी कमंडल का फायदा उठा कर गैर-स्वर्ण जाति का युग भारत मे ला दिया। इस से मुस्लिम समाज को घाटा नही होगा ब्लकि फायदा होगा। अब मुस्लिम समाज पढा लिखा, सामाजिक, अखलाक़मंद नेता पैदा करे जो सब को साथ लेकर चले।
- Naushad Ansari, Mohammed Seemab Zaman सर2 साल पीछे आपने एक पोस्ट किया थानीतीश कुमार कुर्मी में कोई नेता तैयार नहीं कियालालू प्रसाद यादव में कोई नेता तैयार नहींशरद पवार पावर या पाटिल में कोई ऐसा नेता तैयार नहीं किया .
- Aftab Yousufzai, Mohammed Seemab Zamanसर, जो लोग एक मिशन की तहत काम करते हैं उनसे ख़ुद को बचाना या उन्हें defeat करना बेहद मुश्किल काम है…
Ashwani Suhag, Mohammed Seemab Zaman क्या आपको लगता है की संघ/ब्राह्मण अपनी इतने सालों की मेहनत को यूहीं जाया होने देगा , कहीं ये निष्कर्ष जल्दी तो नहीं ? क्योंकि मुद्दों को घुमाने में संघ का कोई तोड़ नहीं है ।
- Mohammed Seemab Zaman, Ashwani Suhag साहेब, संघ पिट गया, बाबरी दहशत फैला कर भी संघ कामयाब नही हुआ। अब मथुरा-काशी करे गें तो उस के बाद पंडित जी लोग को यह बैकवर्ड और अनुसूचित जाति इन को मंदिर से निकाल कर पुजारी बन बैठे गा।
मियाँ भाई, Mohammed Seemab Zaman साहब मुस्लिमो के पास इंडिया के नेताओ में सबसे पढ़ा लिखा नेता है जिसे सब b team बोलते है
- Mohammed Seemab Zaman, मियाँ भाई साहेब, एक नेता से कुछ नही होगा, ऐसा ऐसा पढा लिखा पूरे हिन्दुस्तान मे दस मुस्लिम नेता चाहिये। अच्छा हुआ पूराना सब नेता रो बीजेपी ने ख़त्म कर दिया, सब opportunist थे। अब नया नेता पैदा किजये जो 10-15 साल बाद मूल्क और समाज को कामयाब करे। उत्तर भारत मे कोई मुस्लिम नेता नही है जिस का हजार लोग भी फौलोवर हो, सब दरी बिछाने वाला था और है।
Zeenat Khan सर नीतीश कुमार खुद अपने को पलटू साबित कर चुके हैँ पिछले कई मौक़े पे ये संघ के कंधे पे सवार हुए हैँ…
- Mohammed Seemab Zaman इसी से तो लिखा है कि यह शोध का विषय बन गये हैं।
Tur Khan मौहब्बत की दुकान वालों की भी एक ही पैंतरे में दौहरे चरित्र की पौल खोल दी और संघ की दशकों की गंदगी साफ करने का रास्ता दिखाकर खुद को इतिहास में अमर कर लिया। नितीश कुमार जी की शुरुआत कहीं से भी हुई हो लेकिन कैरियर के आखिर में असली मास्टर स्ट्रोक मारा है। अंत भला तो आदमी भी भला।
- Mohammed Seemab Zaman बहुत शानदार कौमेंट है।
- Tur Khan, Mohammed Seemab Zaman साहेब बहुत बहुत शुक्रिया । आपका ये कहना ही मेरे लिए फख्र की बात है
Firoz Siddiki सर इसका असर होने में तो अभी टाइम है और लोगों को समझने में भी अभी टाइम लगेगा. इंडिया में दा इस्लामिक अमीरात आफ अफगानिस्तान की एंबेसी बंद होने का क्या मतलब है सर
- Mohammed Seemab Zaman इंडिया मे अफगानिस्तान का अपनी प्रोपर्टी है वह दूतावास जिस मे अशरफ गनी के बहाल राजदूत थे। भारत तालिबान सरकार को नही मानती है, इस वजह कर दूतावास बंद कर दिया और अशरफ गनी के बहाल राजदूत और दूसरे लोग अमेरिका मे जा कर पनाह ले लिया क्योकि तालिबान उन लोगो को वेतन नही दे रहा था और न दूतावास चलाने के लिए पैसा।जब भारत सरकार तालीबान को मान ले गी तो दूतावास का चाभी लौटा दे गी।
- Firoz Siddik, iMohammed Seemab Zaman बहुत शुक्रिया सर कुछ अंदाजा लग रहा था लेकिन क्लियर नहीं था आप ने बहुत आसानी से समझा दियाजजाक अल्लाह.
Kamil Khan कांग्रेस राज मे सवन मलाई काट रहे थे, कांग्रेस मुस्लिम का हक़ मार के दलित को मजबूत कर रही थी, मगर मंदिर आंदोलन ने सवन को बीजेपी की तरफ़ कर दिया, यही चीज़ बामन को भारी पड़ गई, पहले VP सिंह ने मनडल का खेल खेला जिस से नितीश लालू मुलायम मायावती पैदा हुए अब तो हर जाति मे एक obc नेता पैदा होगा.
Aftab Yousufzai जी बिल्कुल.. लेकिन कोई भी जियो पॉलिटिक्स वाले हालात संघ को बदल नहीं पाए.. जियो पॉलिटिक्स से देश के हालात बदलने का दम भरने वाले एक्सपर्ट सिर्फ मुन्ना भाई वाली जादू की झप्पी ही दे पाए.
Skand Kumar Singh सुप्रीम कोर्ट में कैस दायर हो गया है।6अक्टूबर को सुनवाई होगी
- Mohammed Seemab Zaman, Skand Kumar Singh साहेब, कोर्ट में केस दायर करने से कुछ नही होगा, अब तो ऑकडा प्रकाशित हो गया। बिहार सरकार ने लिख कर सुप्रीम कोर्ट को लिख कर दिया है कि इस से रिज़र्वेशन का कोई संबंघ नही है।यह तो सयासत को बदले गा और इस का रिजल्ट 5-10 साल बाद नजर आये गा। अब जो नेता पैदा हो गा वह विकास करे गा, धुर्वीकरण या दंगा कर राजनीति नही करे गा।
- Skand Kumar Singh Mohammed Seemab Zaman प्रभु करे ऐसा ही हो।
Zeya Hasan Siddique नीतीश के इंजीनियरिंग ने सांप्रदायिकता में ऐसी कील ठोकी है की बहुसंख्यक लोग बऊरा कर के आपस में ही गजब भिड़े हुए हैं।सोशल मीडिया से लेकर के गांव मोहल्ला तक से रुझान दिख रहे हैं।हमको शुरू से ही नीतीश कुमार में एक अलग राजनेता वाली क्वालिटी दिखती थी जो सबसे अलग होती थी और लालू से भी बड़े सेकुलर है नीतीश लेकिन जनता को कन्फ्यूज कर के सांप्रदायिकता पे चोट करते हैं।अब ऐसा लगता है कि राजनीति हिंदू मुस्लिम न होकर जात बिरादरी पे होगी।
Misbah Siddiki सियासत में सोशल इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट प्लेयर का ये शॉट मास्टर स्ट्रोक कहा जायेगा। हक़दारों में अपने हुक़ूक़ की जो शुरुआती अलख लालू प्रसाद यादव ने जगाई थी उसे अब नीतीश कुमार ने बुलंदी देकर सरअंजाम देकर ख़ुद को बिहार और मुल्क की सियासत में अपना नाम नाक़ाबिले फ़रामोश बना लिया।
फ़िलहाल महसूस होता है कि ख़ास तौर से नार्थबेल्ट (पार्लियमेंट्री सीट्स की ज़रख़ेज़ एरिया) में मुसलमानों से नफ़रत, हक़तलफ़ी, ताअस्सुब जो माहौल बना हुआ है उस पर कास्ट सेंसेस का असर होने में थोड़ा वक्त लगेगा ही, नफ़रत का असर इतनी जल्दी नहीं जाएगा।
हालांकि मेरी नज़र में जयप्रकाश नारायण के इस शागिर्द के माथे पर संघ/बीजेपी को सेंटर और बिहार में फौकियत देने, वक़्त वक़्त पर केंद्र से लेकर बिहार तक बीजेपी का सहारा बनने, सहारा लेने का कलंक भी रहेगा।
- Mohammed Seemab Zaman संघ ने मुसलमानों से नफ़रत और ताअस्सुब का जो माहौल पिछले 40 साल मे बाबरी दहशत से बनाया था उस का लालू यादव और नीतीश कुमार, बैकवर्ड नेता ने कास्ट सेंसेस कर के फ़ायदा उठा लिया।ऊँची ज़ात के सारे बुद्धिजीवियों की कलई हटा दिया, सारी चाणक्य नीति पर पानी फेर दिया।
Qasim Chaudhary साहब इस बात से मैं 1000% सहमत हूँ की नई नई सवर्ण जाति बनी यादव। मेरे उस्ताद हमेशा ये बात बोलते हैं
- Mohammed Seemab Zaman यादव लोग अपने को बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीति मे indispensable समझने लगे थे और कुछ पढ़े लिखे अपने को स्वर्ण बुद्धिजीवी समझने लगे थे, नीतीश कुमार ने “धर्म और जाति” का ऑंकडा छाप कर सब नशा उतार दिया।
- Qasim Chaudhary, Mohammed Seemab Zaman अखिलेश जी की राजनीति इसलिए फैल हो रही है क्योकि वह ख़ुद को सवर्ण समझने लगे हैं। जबकि वो ये भूल रहे हैं की जब उनके बाबा सपथ लेकर मुख्यमंत्री बन कर आये तो मुख्यमंत्री आवास गंगा जल से धुलवाया क्योकि इसमें पिछडा मुख्यमंत्री रह गए हैं ओर उनसे पहले मायावती जी दलित मुख्यमंत्री.
Farman Khan वास्तव में नीतीश कुमार शोध का विषय है..
- Mohammed Seemab Zaman किसी को नीतीश कुमार पर PhD करनी है तो हम से contact करें हम करवा दे गें। सिर्फ़ तीन दिन नीतीश कुमार के साथ सुबह उठने से रात सोते तक रहने का Permission मिल जाये।
Joher जातिवाद को छुपा कर एक धर्म नेहरू ने 1955 में ही बना दिया था, ताकि देश पर स्वर्णों का क़ब्ज़ा बना रहे, नीतीश कुमार ने, नेहरू की उस सोच को, जिसे संघ ने आगे बढ़ाया, तोड़ा है।
अगर इतिहास को पढ़ते हुए सोचिए तो, जाती को समेत कर हिंदू बनाते हुए, एक बेहद गहरी चाल चली गई थी, जिसके शिकार हम सब रहे हैं, अगर 1955 में नेहरू ने अलग अलग जातियों और धर्मों को जोड़ कर एक हिंदू नहीं बनाया होता तो आज ये सारे जातियों के लोग.
Reyaz Ahmad Khan बेहतरीन और संतुलित! देखिए नितीश कुमार जी खिलाड़ियों के खिलाड़ी रहे हैं और जनगणना प्रकरण के बाद सबसे बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे हैं! उन्होंने ऐसा ब्रह्मास्त्र छोड़ा है जिसका फिलहाल कोई काट नहीं है, अब कोई इस रिपोर्ट को गलत करार दे, कोर्ट इस फैसले पर रोक लगा दे, ब्रह्मास्त्र अपने लक्ष्य की ओर चल पड़ा है.
Mohd Shaan भारतीय राजनीति के भविष्य को दर्शाता हुआ, लाजवाब पोस्ट “सर”
- Mohammed Seemab Zaman, Mohd Shaan साहेब, यह सब का रिजल्ट 5-10 साल बाद नज़र आये गा। अगर लोग सोंच रहा है कि अगले चुनाव मे इस का रिजल्ट मिल जाये गा तो वह बेवक़ूफ़ी है।
Sahid Malick स्वर्ण समाज एक तरफ होकर बहुत बड़ा गलती किया है अब तो राहुल गाँधी भी जातिगत जनगणना के पक्ष में है
- Mohammed Seemab Zaman, Sahid Malick साहेब, स्वर्ण समाज जो पूरा का पूरा मंडल के डर से संघ के कमंडल को सपोर्ट किया वह बलंडर कर गया।हम हमेशा लिखा संघ से मुस्लिम समाज को फायदा ज्यादा है, नुकसान कम। आज नीतीश कुमार ने वह कर देखाया जो संघ के लाखों प्रचारक या स्वयं सेवक या मोहन जी नही कर पाये। एक stroke मे नीतीश कुमार ने भारत के भविष्य को बदल दिया, जो बहुत जरूरी था।
Mehmood Hussain क्या जनता को नीतीश कुमार को PM बनाकर समस्त जातियों को, सत्ता का हक दिलवाना चाहिए।
Arshad Husain वाकई सियासत का हुनर नीतीश कुमार से सीखना चाहिए. सालों मिलकर सरकार चलाई, उनसे मक्कारी सीख कर, उन ही पर ही आजमाई.
Mehmood Hussain देश की दिशा बदलने वाली घटना जिसके प्रणेता नीतीश ही सिद्ध हुए।
Jabid Khan , बेहतरीन पोस्ट. बेहतरीन विश्लेषण. उम्दा पोस्ट सर.
Turab Qureshi बेहतरीन लिखा है सर, मौजूदा समय मे सबसे असरदार नेता है