Post of 4th October 2023
हम यह नही जानते हैं कि यह कौन हैं? मगर विडियो सून्ने से पता चला कि यह अम्बेदकरवादी हैं।
यह लोग 73 साल से भारत मे आरक्षण का लाभ ले रहे हैं मगर जब बिहार का “धर्म बनाम जाति” जनगणना आया तो यह संकल्प का ऐलान कर रहे हैं कि अब अम्बेदकराईट (अनुसूचित जाति) भारत मे “मुस्लिम- हिन्दु” दंगा मे भाग नही लेगा और न दंगानवमी मे तलवार लहराये गा।
आज यह Constitution Club के अपने भाषण मे कह रहे हैं कि “अपने लोगो को #दंगा मे भाग लेने से रोकें गे क्योकि सवाल मानवता का है।” अब 73 साल देश मे दंगा करा करा के देश का GDP जलाने और आरक्षण का फ़ायदा उठा कर मानवता की बात कर रहे हैं।
यह अनुसूचित जाति वाले अम्बेदकराईट लोग RSS के संघ प्रमुख हमारे आदरणीय विश्वप्रख्यात दार्शनिक, इतिहास वेत्ता, भाषा विद, धाराप्रवाह हिन्दी वाचक डाक्टर मोहन जी के तरह हज़ार साल से अपने को मज़लूम (victim) का राग अलाप कर दूसरे धर्म तथा दूसरे हिन्दु जाति का शोषण करते रहे और अपना लाभ उठाते रहे।
मगर नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना प्रकाशित कर सौ साल की संघ जो मुस्लिम समाज के तिरस्कार और अमबेदकरवादी जो हिन्दु भगवान और देवी-देवताओ का खुले आम तिरस्कार कर समाज मे दहशत फैला कर 70-75 साल से लाभ उठा रहे थे, उन के दहशत को ख़त्म कर दिया।
#Note: अब अगर संघ प्रमुख बाबरी दहशत की तरह “काशी-मथुरा” का ध्वंस करें गे तो याद रखें हमारे आदरणीय मोहन जी कि काशी-मथुरा मंदिर तो बन जाये गा मगर मंदिर में पुजारी आप नहीं रहिये गा बल्कि पिछड़ी और अनुसूचित जाति पुजारी बन बैठें गें।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman यह मेरा जातिगत जनगणना पर आख़री पोस्ट है।
Aabid Sheikh सर ये लोग जिसके मुंह पर होते है उन्ही के होजाते है ।यहीं लोग वो लोग है जो खुद को हिन्दू भी नही मानते और नाम रमेश,सुरेश,आनंद,प्रज्ञानन्द, रखने को शुभ मानते है। यहीं लोग है जो संघ की सरकार को एकजुट होकर चुनते है और बाद में विक्टिम कार्ड खेलते है और evm पर रोना रोते है
- Lalit MohanAabid Sheikh ऐसा बिलकुल भी नही है।बर्मा, लंका, थाइलैंड तक लगभग एक जैसे नाम ही है। उच्चारण में भिन्नता रहती हैं..!लेकिन ये सभी लोग हिंदू बिलकुल भी नही है।बात रही मूंह पर कौन किसके साथ है।मेरे पास मुस्लिम वोटर का पूरा डेटा रहता है।मै दलित और मुस्किम इलाको पर लगभग 2010से चुनाव प्रचार देखता आया हुं।मुस्लिम वोटर ने स्वयं cong के साथ प्रचार कर अगले दिन आम आदमी को वोट डाला..!क्योंकि समुदाय का यह निर्णय एक रात पहले लिया गया था।मेनका गांधी ने खुले आम मुस्लिम समाज को धमका कर कहा था कि पता तो चल ही जायेगा..!फिर आना काम कराने.!ओर सभी ने भाजपा को वोट डाला।
Anish Akhtar शानदार..इस देश मे विक्टिम कार्ड खेलना बहुत आसान है लेकिन समय का चक्र सभी कार्ड धराशाई कर देता है अभी तो बहुत कुछ करना होगा
- Mohammed Seemab Zaman, Anish Akhtar साहेब विक्टिम कार्ड का खेल आरएसएस ने खेलना शुरू किया “हजार साल हमें आक्रांता और आक्रमणकर्ता भारत आये और हमें पादोभ्रांत करते रहे” यह कह कह कर समजा को भटकाते रहे, और 10% लोग 80% नौकरी पा लिया। अम्बेदकराईट ने भी संघ से यह सीख लिया और यह भी विक्टिम कार्ड खेलते रहे। इस विडियो मे देखये कैसे सच्चाई बोल दिया कि दंगा यही लोग करत रहे और देश का जीडीपी जला कर चीन को विस्तारवादी बना दिया। आज मानवता की बात कर रहे हैं।
- Anish Akhtar, Mohammed Seemab Zaman अब दोनों विक्टिम कार्ड की लड़ाई लड़ना शुरू हो गये.
Kamil Khan जिस दलित पिछड़ों की चेतना को काशीराम ने जगाया था उसे मुलायम और मायावती ने बरबाद कर दिया, लेकिन नितीश ने फिर एक बार संघ को पीछे धकेल दिया, इस बार कांग्रेस नितीश के साथ है, ये संघ के लिए बहुत बुरी खबर है
- Mohammed Seemab Zaman, Kamil Khan साहेब, काशीराम भी अम्बेदकराईट थे, यह कोई नई चेतना नही थी, उन्होने सिर्फ एक नई पार्टी बनाने के लिए नारा लगा लगा कर लोग को भड़काया मगर मायावती ने सब को निस्त-नाबूद कर दिया। महाराष्ट्रा मे दलितों का हर क्षेत्र मे संगठन है, दलित-किसान यूनियन, दलित-कामगार यूनियन…. सब आज कल बीजेपी मे मंत्री बने बैठे हैं।
- Kamil Khan, Mohammed Seemab Zaman सर, अब उत्तर भारत में भी महाराष्ट्र वाला ही प्रयोग चल रहा है, हर दलित के चार पांच गाँव के बीच एक बजरंग दल का ऑफिस खुला हुआ है और उसमें कुछ दलित दबंग टाइप लड़के बैठते हैं और पूरे छेत्र को संचालित करते हैं,
- सौबान रजा, Kamil Khan जी, एकदम सही कहा आपने हमारे क्षेत्र तहसील उतरौला जिला बलरामपुर, यूपी में 2014 के बाद से जितनी दलित समुदाय की जनसंख्या है उनमें से तकरीबन 80% दलित समुदाय आरएसएस समर्थित बीजेपी को वोट करतीं आ रही हैं.
Sanjay Nagtilak गांधीवादी लोग और हिंदुत्ववादी लोग जातिय जनगणना के खिलाफ थे. और आज भी हिंदुत्ववादी और मुस्लिम लोग जातिय आरक्षण के खिलाफ हैं.
- Mohammed Seemab Zaman, Sanjay Nagtilak साहेब, यह आप ने बहुत सही लिखा #गॉधीवादी लोग जातिय जनगणना के खिलाफ थे। आप बताई मुस्लिम कैसे जातिगत जनगणना मॉंगता? उस को तो दंगा करा करा के उस के कारोबार को 1935 से भागलपुर दंगा के बाद एक परम्परा बना दिया गया है। जिस समाज का लोग विदेशी मेहमान (ट्रम्प) के सामने राजधानी दिल्ली मे 25-28 फरवरी 2020 को ग़ाज़ियाबाद से लडका ला कर दंगा करा देता है वह तो जान बचाने के लिए हाथ जोड़ता है वह जनगणना या आरक्षण कैसे मॉंगे गा। यही तो संघ की चाल है, जो चीन को महाशक्ति बना दिया।
Sanjay Nagtilak सर, कोई भी गुन्हा होता हैं, पोलिस का उद्देश गुन्हेगार के साथ मास्टर माईंड को पकडने का होता हैं, ताकी बाद में कोई गुन्हा ना हो, लेकिन आप मास्टर माईंड को बचाने के लिए गुन्हेगार को दोषी मान कर सजा देना चाहते हैं.
- Mohammed Seemab Zaman आप सही कह रहे हैं मास्टर माईंड कोई और है। मगर 75 साल मे मास्टर माईंड का खेल लोगो ने क्यो नही समझा? अब इस जातिगत जनगणना से मास्टर माईंड का होश उड गया।
- Sanjay Nagtilak, Mohammed Seemab Zaman सर,गुन्हेगार अज्ञानी था, इस लिये उसके हक्क अधिकार पर कोई डाका डाला रहा हैं ये बात उसके समजमें नहीं आ रही थी. अब उसको समज में आया गया हैं असली मास्टर माईंड कौन है.
सौबान रजा बहुत शानदार विश्लेषण सर, यही वर्ग दंगों में सबसे आगे वाली पंक्ति में रहती है और सबसे अधिक नुकसान भी यही लोगों का होता है
- Mohammed Seemab Zaman, सौबान रजा साहेब, यही वर्ग उत्तर प्रदेश मे दंगा मे तलवार लहराता है और अब “बोल बम” मे जा रहा है और नूह मे दंगा शुरू किया। अब दंगानवमी के बाद “हर हर दंगे” का खेल चले गा सौ साल। विडियो मे सूनये, यह सच्चाई बोल गये।बिहार मे यादव दंगा मे भाग लेता था, लालू जी के आने के बाद यह स्वर्ण हो गया। बिहार मे दंगा बंद हो गया।
Sahid Malick ये लोग जितना बक ले अगर एक बार ब्राह्मणों का चाबुक चल गया तो भाग जाएगा. इसमें हिम्मत नहीं होता है भारी डरपोक लोग है ये ताकत पाने के लिए भाजपा को वोट करता है और मुसलमानों को सताता है. ये बुझदिल कौम है इसके सपोर्ट में लिखने बोलने से कोई फायदा नहीं है
- Adil Khurshid, Sahid Malick बिल्कुल सही कहा आपने.
Qamar Khan सर इन लोगों का कोई बेस नही है ये माईक पर बोल कर गयब हो जाते उधर संघ इनके घर का व्हाटसप नम्बर लेकर इनकी नस्ल को डंडा झंडा उठाने के लिए तैयार कर रहा .. कई और ऐसे संगठन हैं आए दिन ऐसे ही बोलते एक मेश्राम है वो भी ऐसा ही है.
Tanveer Aalam Teli सर हम तो शुरू से ही कहते हैं एससी एसटी ही दंगों की जननी है लेकिन अपनो को बुरा लगता हैं.
Mohd Shaan संपूर्ण आरक्षण समाप्त होना चाहिए
Parvez Ahmed, Itihasik post