Post of 20 February 2024

इस पोस्ट को Islam Hussain साहेब के एक शेर से शुरू करते है:
“नशा कितना भी गहरा उनपे चढ़ा हो कभी न कभी उतर जाएगा”

पिछले दस साल से वर्तमान सरकार भारत का इतिहास-भूगोल भूल कर पश्चिमी देशों से गले पड़-पड़ कर हाऊडी मोदी, नमस्ते टर्म्प, कर विश्वगुरु बन्ने का सपना हम लोगों को देख और देखा रही थी।

और, दस साल से यह सरकार अपने संघ तथा सख़्त हिन्दुत्ववादी छवि का दबाव बना कर भारत मे लिंचिंग, एनआरसी, तीन-तलाक़, यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड, हिजाब, कश्मीर आदि का मसला उठा कर एक ख़ास तबक़ा को “सामाजिक और नैतिक दबाव” में रख कर गल्फ़ देशों को भारत में निवेश करने के लिए मजबूर करना चाहती थी।

मगर, दस साल में गल्फ़ देशों ने भारत मे कोई निवेश नहीं किया बल्कि सऊदी अरब, यूएई और क़तर ने उच्च स्तरीय राजनीति और कूटनीति का मुज़ाहिरा कर प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दे दिया और बहुसंख्यक समाज आनंदमय और गौरोमयए होते रहे।

यह सामाजिक दबाव वर्तमान सरकार इस लिए बना रही थी कि मनमोहन सिंह के दस साल मे या उस के पहले भी भारत में दंगा-फ़साद के कारण गल्फ़ देशों से कोई निवेश नहीं आया जबकि गल्फ़ देश अपने तेल और गैस का पैसा यूरोप, अमेरिका, चीन, जापान मे बडे पैमाना पर निवेश करते रहे।

जब सारे दबाव के बावजूद कोई निवेश नहीं आया तो तेजस्वी सूर्या और निपूर शर्मा से पैग़म्बर इस्लाम के खिलाफ बोलवा कर सारी नैतिक सीमा पार कर दिया, मगर फिर भी गल्फ़ के शासकों ने निवेश नहीं किया बल्कि सऊदी अरब ने चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया में पेट्रोकेमिकल्स प्लांट लगा दिया और चीन तथा जापान को Blue Ammonia भेज दिया।

अब तो कोरोना, रूस-यूक्रेन लड़ाई तथा इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के संघर्ष ने संघ की सरकार को फिर सौ साल बाद भारत का इतिहास-भूगोल याद करा दिया और 12 फ़रवरी 2024 को 7वीं बार खाड़ी देशों में जाकर “अल हिन्द, अल एमारात, वल क़लम, ज़मॉ, दुनिया, किताब……” बोल कर तुष्टिकरण करने पर मजबूर कर दिया ताकि अरब देशों के तेल, गैस, ट्रेड, रक्षा में पार्टनर बनें और चीन को भारत मे विस्तारवादी होने से रोकें।

भारत मे पिछले दस साल मे 130 करोड़ जनता के लिए मोबाईल नहीं बना और न कोई Chips बनाने की फ़ैक्टरी लगी।खबर है कि Artificial Intelligence Chips (AI) बनाने के लिए जापान के Soft Bank में गल्फ़ देश $70 billion निवेश करें गें ताकि जापान और गल्फ़ देश AI Chips बनाने मे विश्वगुरु बनें। SenseTime और Alibaba इत्यादि चीन की कम्पनी में सऊदी अरब निवेश कर AI क्षेत्र में काम कर रहा है।

#Note: Dr Manmohan Singh has warned this government in November 2019 that “for economic growth to revive, it is very important that our torn social fabric of fear and distrust be stitched and knitted together to enthuse trust and confidence.”

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