Post of 9 December 2023
कल रात UNSC मे 50 साल बाद UN Charter 99 का प्रयोग कर ग़ज़ा में युद्धविराम करवाना चाहा मगर अमेरिका ने Veto कर “मार-काट” जारी रखने की रज़ामंदी दिया।
कल पहली बार इंग्लैंड और फ्रांस ने इसराइल के पक्ष में हाथ उठा कर विटो नहीं किया क्योंकि यूरोप खुद 75 साल में पहली बार “रूस-यूक्रेन” लड़ाई के कारण बरबाद हो रहा है और अरब दुनिया तेल-गैस का दाम बढ़ा कर यूरोप को आर्थिक चोट पहुँचा रहे हैं।
भारत मे उर्दु नाम वाले, उर्दू-हिन्दी अख़बार पढ़ कर हम से अक्सर पूछते हैं कि “अरब दुनिया मुर्दा है, वह क्यों नही फ़लस्तीन के फ़ेवर में बोलती है”
कल मेरा पोस्ट था कि सऊदी अरब के क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 3 दिसम्बर की लंदन यात्रा पुटिन के मेज़बानी के लिए स्थगित कर दिया जिस का नतीजा है कि कल इंग्लैंड ने संयुक्त राष्ट्र में उँगली उठा कर Veto नहीं किया (नीचे, Financial Times, London की तस्वीर देखिये).
भारत के उर्दू नाम वाले चाहते हैं कि 1878 के बाद जो मुस्लिम दुनिया अपने पैर पर खड़ी हो रही है वह अमेरिका (इसराइल) से लड़ कर अपना हाल इराक़ और लिबिया के तरह कर लें ताकि फिर 100-200 साल के लिए यह लोग दुनिया मे नज़र नही आयें।
जिस तरह से भारत के बहुसंख्यक को “The Fast Changing World” समझ में नहीं आ रहा है वैसे ही भारत के अल्पसंख्यकों को बदली दुनिया नज़र नहीं आ रही है।
#नोट: उर्दू नाम वालों कभी अपना इतिहास और भूगोल पढ़ें और पता लगायें हम 1878 क्यों हमेशा लिखते हैं। कभी मेरे पोस्ट पर 1878 लिखने की वजह को पढ़ कर पता लगाया है कि यह 1878 क्या बला थी?