Post on FB on 19th December 2021

अल्लाह की भी कमाल कूद्रत है!

आज से 41 साल पहले 27-29 जनवरी 1980 को पाकिस्तान मे OIC का दो दिन का इजलास अफगानिस्तान के लिए हुआ था जब सोवियत यूनियन के राषट्रपति बरेजनेफ वोदका के नशा मे 1979 में काबूल को कब्जा किया था।दस साल रूस से अफगानियो ने लडा और 1989-90 मे सोवियत यूनियन टूट कर रूस रह गया।सेंट्रल एशिया के पॉच और कौकस का एक मुस्लिम देश आईजरबाईजान सत्तर साल बाद सोवियत यूनियन के जूल्म और बेदिनियत से आजाद हुआ।

सब को पता है अफगान लोगो ने किस बहादूरी से सोवियत एम्पायर से जंग लड़ी।सोवियत यूनियन के टूटने को इंग्लैंड की प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर ने बीसवी सदी का सब से बडा “सानेहा” कहा था। हम को याद है थैचर ने कहा WWI & II से बडा सानेहा सोवियत यूनियन का टूटना है।अल्लाह ने यह एजाज़ अफगानियो को दिया, अलहमदोलिल्लाह।

1991 से अमेरिका ने गल्फ़ मे जंग छेड़ी और फिर 9/11 हुआ और बीस साल अफगानियों ने अमेरिका से जंग लडा और 15 अगस्त 2021 को अमेरिका बेईज्जत हो कर जंग हार कर रातों रात भागा।बाकी तो लोग सब देख रहे हैं।

41 साल बाद पाकिस्तान ने 18-19 दिसंबर 2021 को फिर अफगानिस्तान के सलामती और अमन के लिए OIC का दो दिन का इजलास इस्लामाबाद मे बूलाया। OIC के 57 देश के प्रतिनिधि और 20 विदेश मंत्री आये और यूरोपियन यूनियन, यूएनओ, चीन, जापान, अमेरिका वगैरह के डेलिगेट्स ने शिरकत किया।

इस मे इमरान खान, तुर्की के विदेश मंत्री और Islamic Development Bank (IDB) के चेयरमैन डा० सुलेमान अल जासीर ने अंग्रेज़ी मे स्पीच दिया।सऊदी अरब और जोर्डन के विदेशमंत्री ने अरब दुनिया और निजेर के विदेश मंत्री ने अफ्रिका के तरह से स्पीच दिया।

इस मिटिंग की सब से बडी एतिहासिक उपलब्धी IDB के नेतृत्व मे Afghanistan Humanitarian Trust Fund बना जिस मे दुनिया के देश, अंतरराष्ट्रीय संस्था तथा डोनर पैसा दे गे।यह फँड यूएन रिलिफ फंड के बाद दुनिया का दूसरा बडा फँड होगा जिस का सारा Distribution & Administration का काम IDB करे गा। IDB इस पैसा से अभी अफगानिस्तान मे अनाज, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और वेतन पर खर्च करे गा।बाद मे कृषि, SMES, Micro Finance पर काम हो गा। उजबेकिस्तान मे इस का एक केन्द्र बने गा।

इस पोस्ट को इक़बाल के अफगानिस्तान के #बदख्शॉ शहर के शेर पर ख़त्म करते हैं।

“ख़ाक मशरिक़ पर चमक जाये मिसाले आफताब
ता बदख्शॉ फिर वही लाल गरॉ पैदा करे”

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Mohammed Seemab Zaman
خاک مشرق پر چمک جاے مثال آفتاب
تا بدخشاں پھر وہی لعل گراں پیدا کر
اقبال کا یہ شعر نظم “زندگی” کے دوسرے بند کا ہے- محمد بدیع الزماں صاحب نے” خاک مشرق “سے مراد ایشیا اور “بدخشاں” سے مراد ملت اسلامیہ لکھا ہے-غور کرنے کی بات یہ ھے کی اقبال نے جو سو سال پہلے کھا وہ آج ملت اسلامیہ جمع ھو کر افغانستان کے لیے کر رھی ھے

  • Mohd Chaudhary, Mohammed Seemab Zaman सर आप ये जो इकबाल को विथ एक्ससप्लानेसन कोट करते हैं उसका कोई सानी नही । एक दो किताब हमे भी बताये ऐसी जिससे पढ़कर समझा जा सके । प्लीज
  • Khursheeid Ahmad, Mohammed Seemab Zamanاشعار کے علاوہ اپنی تقریروں میں بھی علامہ اقبال نے افغان قوم پر امیدیں جتایی تھیں یہاں تک کہا تھا کہ اسلام کی نشأت ثانیہ افغانستان سے ہی ہوگی اور جب شاہ افغانستان نے علامہ اقبال ، سید سلیمان ندوی اور سر راس مسعود کو افغانستان آنے اور وہاں کے نصاب تعلیم کو مرتب کرنے کی دعوت دی تو علامہ اقبال وہاں گیے اور وہاں قیام کیا افغان قوم سے متاثر ہویے ان سے امیدیں وابستہ کیں

Kamal Siddiqui माशा अल्लाह बहुत अच्छा सर मैंने कहीं पढ़ा सऊदी अरब अफगानिस्तान को एक अरब रियाल देने का ऐलान किया है।

  • Mohammed Seemab Zaman दिया होगा। यह कोई ताजुब की बात नही है। डा० जासीर ने स्पीच मे कहा है यह यूएनओ के बाद दूसरा बडा फँड होगा। अभी तो कतर, यूएई, कोवैत, ईरान, इंडोनेशिया का फँड एलान होगा।
  • Muhammed Zubair Masha Allah
  • Muhammed Zubair Aap ki post pad ker jahan me chamak a jati hai, Allah aap ka darja buland rakkhe, Ameen

Shalini Rai Rajput (1) वो ब्रिटिश ही थे जिन्होंने साऊदी बनाकर तुर्की साम्राज्य को कमजोर कर दिया था।(2) ओआईसी के देश अभी भी तालेबान सरकार को मान्यता नहीं दे सके हैं। डीआईबी एक बाहरी मदद है।

  • Mohammed Seemab Zaman तालेबान खूद पूरी सरकार temporary कहता है तो मान्यता दे गा कौन। लोया जिरगा के बाद सरकार बने गी, अभी तो वह हर गली हर शहर मे मौजूद आतंकी को फॉसी दे रहा है।

Shambhu Kumar मुस्लिम देश ये समझ गए हैं कि अफ़ग़ानिस्तान की कामयाबी में उनका भविष्य है#रूमी की आत्मा आजकल उधर ही है

  • Mohammed Seemab Zaman, Shambhu Kumar साहेब, सही लिखा #रूमी की आत्मा आज कल उधर ही है। हम ने पहली बार तुर्की के विदेशमंत्री को अंग्रेजी मे बोलते सूना। इस वजह कर पोस्ट मे mention भी किया है। आरमेनिया का देखा क्या हो रहा है। रोड-रेल सब शुरू हो रहा है।
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Afreen Noor raslated hindi Post in English

IN 41 YEARS, TWO CONFERENCES OF ORGANISATION OF ISLAMIC COOPERATION (OIC) ON AFGHANISTAN IN PAKISTAN: HOPE AFGHANISTAN WILL RISE AS GREAT NATION

41 years ago today, on 27-29 January 1980, two days of OIC in Pakistan took place for Afghanistan when the President of Soviet Union Brezhnev captured Kabul in 1979 intoxicated with vodka. Afghans fought with Russia for ten years and In 1989-90, the Soviet Union broke up and became Russia. A Muslim country of Five and Caucasus in Central Asia, Azerbaijan became independent from the oppression and cruelty of the Soviet Union after seventy years. Everyone knows with what bravery the Afghan people fought the Soviet Empire. The breakup of the Soviet Union was called by the British Prime Minister Margaret Thatcher as the biggest “Saneha” of the twentieth century. We remember Thatcher saying that the biggest threat to WWI & II is the breakup of the Soviet Union. Allah gave this to the Afghans, Alhamdolillah. From 1991, America waged war in the Gulf and then 9/11 happened and twenty years Afghans fought with America and on August 15, 2021, America was humiliated and ran overnight after losing the war. Everyone else is watching. After 41 years, on 18-19 December 2021, Pakistan again called a two-day procession of OIC in Islamabad for the safety and peace of Afghanistan. OIC representatives from 57 countries and 20 foreign ministers came and delegates from the European Union, UNO, China, Japan, America, etc. attended. In this, Imran Khan, Turkey’s Foreign Minister and Islamic Development Bank (IDB) Chairman Dr. Suleiman Al Jasser gave a speech in English. The Foreign Minister of Saudi Arabia and Jordan gave the speech in the form of the Arab world and the Foreign Minister of Nijer in Africa. The biggest historical achievement of this meeting became the Afghanistan Humanitarian Trust Fund under the leadership of IDB, in which the countries of the world, international organizations and donors will give money. This fund will be the second largest fund in the world after the UN Relief Fund, whose entire Distribution & Administration IDB will do the job. IDB will now spend this money on food, water, health, education and salary in Afghanistan. Later work will be done on agriculture, SMES, Micro Finance. A center of this has become in Uzbekistan.

Lets end this post with a couplet from Iqbal #Badakhshaw, city of Afghanistan.

خاک مشرق پر چمک جاے مثال آفتاب
تا بدخشاں پھر وہی لعل گراں پیدا کر