3 April 2023
कल अचानक OPEC+ ने तेल का उत्पादन मई महीना से दिसंबर तक 11 लाख बैरल कम करने का एलान किया। आज तेल का दाम $5 बढ कर $80-85 प्रति बैरल हो गया।इधर तीन महीना से तेल का दाम गिर कर $65-67 हो गया था जबकि सऊदी अरब तथा ओपेक इस को $90-100 का उचित दाम कह रहे थे।अरब देशो ने अपने बजट मे तेल का दाम $90 रखा है।
मेरा पहले से अनुमान था जुलाई के बाद तेल का दाम $90-100 हो जाये गा क्योकि बाईडेन की नीति विश्व मे शांति की नही है और अरब देश इस का फायदा उठा कर तेल को आर्थिक हथियार के तौर पर इस्तमाल कर अपना विकास करें गें।यह तेल का खेल अगले साल अमेरिकी चुनाव नवंबर 2024 तक चले गा।
सऊदी अरब ने मई से 5 लाख बैरल प्रति दिन कम तेल उत्पादन करने का फैसला किया है।यूएई, इराक़, कुवैत, ओमान, बहरैन सभो ने इसी अनुपात मे उत्पादन कम करने का फैसला किया है।रूस पिछले दिसंबर से 5 लाख तेल कम बाजार मे बेच रहा है।
जापान 98% तेल (27 लाख बैरल प्रति दिन) सऊदी अरब, यूएई, ओमान, कुवैत से ख़रीदता है और भविष्य मे भी खरीदे गा मगर उस के ट्रेड बैलेंस तथा अर्थव्यवस्था पर बढे दाम का बहुत खराब असर पडे गा।आज की खबर है कि क़ज़ाखस्तान रूस के पाइपलाइन से जर्मनी और पोलैंड को तेल बेचे गा (यूरोप सीधा कान न पकड कर उलटा कान पकड रहा है!)
उमीद है कि तेल उत्पादक देश तेल और गैस को हथियार बना कर दुनिया मे #शांति पैदा करने मे सफल हों गें क्योंकि Renewable या Nuclear उर्जा से transport planes, container ships, mining equipment, steel, cement, plastics’ battery नही उड या बन सकते हैं।
#नोट: दंगा नवमी से भारत मे निवेश अगले दो साल नही होगा जिस के कारण GDP 0.2-0.3% कम होगा और तेल तथा गैस के दाम बढ़ने से GDP 0.5-0.7% कम होगा। उमीद है कि तेल उत्पादक देश भारत मे भी शांति पैदा करने मे सफल हों गें।