Post of 6th April 2022

यह अप्रील (1992-22) का महीना 30 साल हो गया यूरोप के बोसनिया और हरजेगोवीना मे मुस्लिम के कत्ल, रेप और शरणार्थी बनाने की कहानी को।

उस के बाद तीस साल तक अमेरिका मिडिल ईस्ट मे क़त्ल व आतंक करता रहा और आख़ीर मे 2015 से सिरिया मे इन के मार-काट का अन्त पुटिन ने किया। इस बीच ओबामा-मोदी-ट्र्म्प के कारण सात साल मे दुनिया बहुत तेज़ी से बदली जिस का अमेरिका/ वेस्ट/भारत को गुमान भी नही हुआ।

हम इधर लिख रहे हैं कि रूस-यूक्रेन की लडाई मे एक तीसरा फ़रीक़ है वह तेल/गैस उत्पादक देश हैं जो इस लडाई मे निर्णायक भूमिका निभाये गें।बाईडेन/ यूरोप/भारत ने इस तीसरे फ़रीक़ को नही सोंचा था कि यह सुप्रसोनिक वेपन से भी ज्यादा ख़तरनाक फैक्टर हो गया है।

बाईडेन गलत समझ रहे हैं वह चीन के दोस्त श्रीलंका या पाकिस्तान या तीसरे मूल्क मे तख्ता पलटवा कर एशिया के देश को सबक़ सिखा दें गें।उसी कड़ी मे बाईडेन ने आज अपने दोस्त इस्राईल मे भी सरकार को अल्पमत मे ला दिया।

सात साल की बदली दुनिया से पूरा एशिया और अफ्रिका इस लडाई मे अमेरिक का साथ छोड चूका है क्योकि पैसा और तेल अभी सिर्फ मिडिल ईस्ट के पास है अमेरिका किस किस की सरकार गिराऐ गा? तेल और गैस अभी दुनिया का सब से किमती हथियार है।

रूस सैंगशन्स के कारण यूक्रेन लडाई को बाईडेन के कार्यकाल 2024 तक लम्बा करे गा ताकि दुनिया मे उर्जा (तेल/गैस) संकट अमेरिका के दोस्तों को अमेरिका के खेलाफ कर दे जैसे जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, भारत।

इस लडाई से भारत का उर्जा संकट यूरोप से ज्यादा खराब होगा। इस यूक्रेन-रूस लडाई से सब से ज्यादा फायदा मिडिल ईस्ट और चीन को होगा और दो उभरी नई विश्वशक्ति हम आप देखें गें।
=============

Mohammed Seemab Zaman आज इस्राईल मे डिफेक्शन करा कर अमेरिका सब को डराना चाह रहा है मगर तेल उत्पादक देश इस से डरें गें नही क्योकि यह लडाई दुनिया मे बहुत बडा energy crisis पैदा कर दिया है जो अमेरिका और यूरोप ने नही सोंचा था।ठीक है यूक्रेन की क़ुरबानी यूरोप ने दे दिया मगर यूरोप को भी इस का भायदा नही होगा क्योकि रूस इस को यूरोप मे दूसरा अफगानिस्तान बनाना चाहे गा जो चार पॉच साल चले गा।यह कार्टून इस हफ्ता लंदन के The Economist मे छपा है जो बहुत कुछ बता रहा है।

  • Arif Kamal sirआपका कहना ये है कि रूस जान बूझ कर यूक्रेन फतह नही कर रहा है ?जहा तक कार्टून का सवाल है वो तो ये समझाता दिख रहा है कि रूस को यूक्रेन ने घायल कर दिया है।मजबूर बना दिया है।
  • Arif Kamal sir पाकिस्तान में जो हुआ उसपर आपका क्या नज़रिया है?क्या इमरान खान ने जो किया सही किया?या अमेरिका के खुल कर खिलाफ जाना पाकिस्तान के लिए आत्मघाती होने जा रहा है ?पाकिस्तान में हालिया हालात पर भी एक पोस्ट केजिये।

Shalini Rai Rajput अमेरिका कैसे दोस्ती को अंज़ाम देता है यह इजरायल की परिणति से जाहिर हो गया है।

  • Anish Akhtar, Shalini Rai Rajput जी आज ये बात साबित होती लग रही है कि अमेरिका की दोस्ती से अच्छी दुश्मनी है.

Kuldeep Singh सर विशगुरु बनने का सपना जरूर पूरा होगा क्योंकि भारत में श्रीलंका जैसे हाल की गूंज संसद से लेकर जनता धीरे सुनाई दे रही है . बिडेन चिचा को 5 साल ट्रंप फूफा का जिन्न सुकून से सत्ता का भोग नहीं करने दे रहा है.

Kalam Azmi सर जी हमारे विश्व गुरु देश में तो फर्जी राष्ट्रवादी बंद बुद्धि नेता द्वारा डेली अंधभक्त को सिर्फ टास्क दिया जाता है कभी गाय हलाल मीट हिजाब लाउडस्पीकर प्रजेंट हल्दीराम का BOYCOTT चल रहा है बदलती दुनिया से किसी को लेना देना कुछ नहीं है ll

Parmod Pahwa चिंता का विषय सिर्फ भारत को रखे तो मेरे विचार से इस सरकार और सोच के पास कोई रास्ता नहीं बचा है।रोज रोज अपनी बेवकूफी वाली तस्वीरे या हल्दीराम जैसे शिगुफ़े छोड़कर ये सोशल मिडिया का ध्यान भटकाना चाहते है जिसमे आरजी तौर पर कामयाब भी होते है मगर आँखे मूंद लेने से बिल्ली नहीं भागती।कुल जीडीपी का कितना कर्ज़ ये ले चुके हैं इसका हिसाब लगाए तो दहशत पैदा हो जाएगी।

  • Mohammed Seemab Zaman यह जो रोज़ हेजाब, हलाल, आज़ान, हल्दीराम कर रहे हैं वह अपने लोगो को रोड पर ला कर दूसरे को रोड पर नही आने देना चाह रहे हैं। मगर यह जो कर रहे हैं उस से दूसरे जागरूक हो रहे हैं। आप ने देखा होगा, आज पहली बार हम ने “बराक-मोदी-ट्रेम्प” लिखा है। यह इन तिनो का नतीजा है जो मिडिल ईस्ट अमेरिका से मूँह मोड़ने लगा। यही वजह था कि हम चाहते हैं यही लोग रहे ताकि दूसरे aggressive हो जायें।आप को पता है जर्मनी गैस का rationing करने जा रहा है। फ्रांस मे बिजली इस्तमाल पर रोक की सलाह दिया जा रहा है ताकि बिजली सब को मिले।

Md Iqbal अमेरिका इजराइल की सरकार क्यों गिरा रहा है

  • Chaudhary M M Hayat, Md Iqbal मुझे लगता है नेत्यान्याहू को वापस लाना चाहेगा.

Anup S Jaju मतलब रुस महाशक्ती नही रहेगा

  • Mohammed Seemab Zaman रूस तो महाशक्ति सिर्फ 1992-2015 तक नही रहा। मगर वह तो Tsar के वक्त से यूरोप के लिए महाशक्ति रहा है।

Umar Farooq Gouri लंका में आग लगाकर क्या फायदा होगा अमेरिका को.

Aqeel Mughal चीन सुपर पावर बनने के तरफ जा रहा हैसाहब बोल हैं हमारा हाल श्रीलंका जैसा होने वाला है.

Aqeel Mughal चीन सुपर पावर बनने के तरफ जा रहा हैसाहब बोल हैं हमारा हाल श्रीलंका जैसा होने वाला है.

Abdul Bari इस लड़ाई में रूस की डिपेंडेंसी चीन के ऊपर बहुत ज्यादा हो गई है । लेकिन बाइडेन ने रिवोल्यूशन के नाम पर दुबारा गंदा खेल खेलना शुरू कर दिया है । लेकिन उन्हें यह भूलना नहीं चाहिए यह कोल्ड वॉर का समय नहीं है जब दुनिया UNIPOLAR थी । अब दुनिया के पास दूसरे ऑप्शन भी है।2022 बहुत कुछ हमे दिखाएगी ….

Mohammad Imran Bhati तीसरा फरीक सुपरसोनिक मिसाइल से भी खतरनाक हथियार/ताविज रखता है जिसको मजबूरन शिर्क करके गले मे लटकाना पड़ता है!

mran Qureshi साहेब इस पोस्ट को पढ़ने के बाद मुझे आपकी एक बात याद आ रही है की अल्लाह बहुत बड़ा है और वह बेहतरीन कारसाज है उस से बेहतर प्लान करने वाला और कोई नहीं बेहतरीन जानकारी देने के लिए शुक्रिया साहेब.