Post of 1 May 2024
सात महीना से इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के बीच चल रहे “मार-काट” के विरोध में अमेरिका के विश्वविद्यालयो में अप्रैल से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
विश्वविद्यालयो में छात्रो का प्रदर्शन 1968 के वियतनाम युद्ध विरोधी प्रदर्शन के तरह पूरे अमेरिका में शुरू हो गया है जब हेनरी किसिंजर ने वियतनाम मे भारी बमबारी कर हज़ारों निर्दोष वियतनामी लोगों को मारना शुरू किया जिस के जवाब मे वियतनाम के प्रतिरोधी ताक़तों ने अमेरिकी फ़ौज को मारना शुरू किया।
जब वियतनाम से बोरा में भर कर अमेरिकी अच्छे-पढ़े लिखे घर के बाल बच्चों की लाश आनी शुरू हुई तो पूरे अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हेनरी किसिंजर के “मार-काट” के विरूद्ध प्रदर्शन शुरू हुआ।
आज 1968 के 55 साल बाद अमेरिका में फलस्तीन में राष्ट्रपति जौसेफ बाईडेन के “मार-काट” और “क़तल-व-ग़ारत” के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया और यह अब इंग्लैंड, फ़्रांस, ऑस्ट्रेलिया वग़ैरह के विश्वविद्यालयों में फैल रहा है।
कल कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शनकारियों ने “हैमिल्टन हॉल” (Hamilton Hall) पर कब्जा कर उस का नाम बदल कर “हिन्द हॉल” (Hind Hall) रख दिया।
प्रदर्शनकारियों ने इमारत का नाम प्रतीकात्मक रूप से हिंद रजब के नाम पर रखा है, जो 5 वर्षीय फिलिस्तीनी लड़की थी, जो जनवरी में गाजा में इजरायली गोलीबारी के बाद अपने मृत चाचा और चचेरे भाई-बहनों के साथ एक कार में फंस गई थी। उसे बचाने के लिए पहले प्रतिक्रिया देने वालों से भीख मांगने वाली उसकी कॉल की रिकॉर्डिंग जारी की गई।
सात महीना से भारत के उर्दु नाम वाले सोशल मीडिया पर इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के बीच मार-काट पर गुहार कर सऊदी अरब को गाली बक रहे थे तो हम लिख रहे थे कि यह अरब दुनिया या सऊदी अरब का प्रोब्लम नहीं है अब यह यूरोपियन देशों और अमेरिका का प्रोब्लम है।
जब 24 फ़रवरी 2022 से रूस के पुटिन ने 75 साल के बाद यूरोप (यूक्रेन) में “मार-काट” शुरू कर पश्चिमी देशों को बर्बाद करना शुरू किया उस दिन से फलस्तीन पश्चिमी देशों का प्रोब्लम हो गया है।यही कारण है कि किसी अरब देश या किसी भी मुस्लिम देश यहॉ तक के पाकिस्तान या बांग्लादेश में भी सात महीना में कोई प्रदर्शन नहीं हुआ।
मगर अब यह अमेरिका के विश्वविद्यालयो का छात्र प्रदर्शन जोसेफ बाईडेन के अमेरिका के खिलाफ पूरे दुनिया में फैले गा जिस को कंट्रोल करना बहुत कठिन हो जाये गा।
#नोट: ग़ौर करने की बात है कि आज भी फलस्तीन के लोग अपने बच्ची का प्राचीन नाम #हिन्द रखते हैं और रामा या सीता रखते हैं।
*भारत में अब गंभीर शोध होना चाहिये कि भारत का नाम हिन्द या भगवान, देवी-देवता या मंगलसूत्र क्या प्राचीन मिस्री/सुमेरियन सभ्यता या अरब सभ्यता से पलायन कर आये घुसपैठियों द्वारा भारत लाया गया?
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