Post of 10 February 2022

काशी के विद्वान भगवताचार्य Keshav Kripal Shri Keshav महाराज जी ने एक बहुत शांदार पोस्ट पंडित नेहरू और ब्राह्मण पर लिखा है।

उन का शब्द है “अगर हम चिंतन करें तो आधुनिक भारत में केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू ही ब्राह्मणों के एकमात्र आईकॉन या गौरव रहे हैं।यद्यपि वे ब्राह्मणवादी नहीं थे लेकिन ब्राह्मण थे।होना भी नहीं चाहिए।नहीं तो ब्राह्मण की उच्चता अपने आप समाप्त हो जाती है।यद्यपि वे हिंदुत्ववादी नहीं थे लेकिन हिंदू थे।इतना ही हम ब्राह्मणों के लिए काफी होता था”

“लेकिन योजना बनाकर ब्राह्मणों के ही द्वारा ब्राह्मणों के इस शीर्ष और विश्व स्तरीय व्यक्तित्व को कलंकित करने की क्रिया को सलीके से अंजाम दिया गया जो आज तक जारी है”

मेरा कहना है कि आज जो भारत है वह नेहरू जी और इंदिरा गॉधी का दिया भारत है जिस को योजना बना कर संघ के ब्राह्मण द्वारा बरबाद कर दिया गया।हम संघ के खेलाफ नही हैं मगर पिछले चालीस साल के संघ के नेतृत्व के सोंच और Worldview के खेलाफ हैं।

नेहरू जी ने भारत को Public & Private Sectors दोनो दिया जिस से सब धर्म और जाति को रोज़गार मिला और देश आर्थिक तौर पर मज़बूत हुआ।इंदिरा गॉधी ने Private Sector मे घिरू भाई अंबानी पैदा किया मगर संघ के ब्राह्मण ने उस को गुजरात मॉडल मे बदल दिया और उन का बेटा अनील लंदन कोर्ट मे झूठ बोल कर भारत को बदनाम कर दिया।विजय माल्या देश छोड कर भाग गया।

ब्राह्मण मे नेहरू जी के तरह ख़ानदानी, संस्कारी, पढा लिखा दुनिया देखा (Worldview) कोई नेता नही है, जो भारत को आज बरबादी से बचा ले।कांग्रेस मे सब नरसिमहा राव, भागवत झा आजाद, प्रनब मुखर्जी के तरह संघ के शाखा मे लाठी पिटने वाले नेता हैं।

आज के संघ की ब्राह्मण मानसिकता सौ साल मे भी भारत को नेहरू या इंदिरा नही दे सकती है।बरबादी बडी हो गई है और अभी बहुत कुछ होना बाकी है और मेरा मान्ना है, इस का ठिकरा भी ब्राह्मण के सर ही फूटे गा और फूटना भी चाहिए।

#नोट: केशव महाराज जी का पोस्ट Shashi Kant Tripathi साहेब के वाल पर जा कर खुले दिमाग़ से पढ़िये।उस पोस्ट का हर पाराग्राफ सच है।
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Some comments on the Post.

Mohammed Seemab Zaman आज जो लोग privatisation रट रहें हैं वह नेहरू जी और इंदिरा के “अवसर को आपदा” मे बदल रहें हैं। एयर इंडिया जो भारत का Brand Ambassador नेहरू जी देश को दे कर गये थे वह बेच दिया। दूसरा LIC जिस से भारत सरकार को हमेशा कठिन वक्त पर मद्द मिली उस को बरबाद कर दिया और उस का 5-10 साल मे एयर इंडिया का हशर हो गा।दुनिया मे भारत को “अकेला (isolated)” कर दिया। कोई नही हम को अगले दो साल पूछे गा क्योकि दुनिया मे अगला एक साल New World Order establish होने मे उथल पथल हो गा और चीन सुपर पावर declare हो गा। भारत इसमें कही पर अगले 25 साल नही होगा।

Shashi Kant Tripathi, Keshav Kripal Shri Keshav गुरुदेव …Mohammed Seemab Zaman सर की पोस्ट का अवलोकन करें.

Keshav Kripal Shri Keshav मेरी भावनाओं का आदर करने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। इस समय लेखन कार्य द्वारा जो सेवा देश की हो रही है, वह किसी स्वतंत्रता आंदोलन से कम नहीं है। मीडिया की मुख्यधारा के प्रदूषित होने के बावजूद छोटे-छोटे वैचारिक केंद्रों से जो आवाज उठ रही है, वह अब सवेरा होने के पहले परिंदों की चहचहाहट की तरह एक नया इशारा कर रही है।

  • Mohammed Seemab Zaman, Keshav Kripal Shri Keshav साहेब, आप को मेरा सलाम। हम ने अपने पिता जी -दादा जी से नेहरू जी और इंदिरा गॉधी का नाम बहुत तपाक से लेते सूना है। मेरे दादा इंदिरा को बिटिया कहते थे। हम ने नेहरू जी का वक्त नही देखा मगर हम ने जो MBA/PhD मे पढा या दुनिया मे भारत के Public sectors पर जो research देखा तो नेहरू को बहुत बडा statesman और Icon मान गये।आनंद भवन सर सैयद का मकान था मगर जब वह बेचने लगे तो मोती लाल को prefer किया मकान देने को।

Neeraj Singh बहुत सही नज़रिया दिया। जितना तार्किक विश्लेषण उतना सामयिक

  • ActiveAuthorMohammed Seemab Zaman, Neeraj Singh साहेब, आप तो मेरा सब पोस्ट पढते हैं। हम सब पोस्ट को आर्थीक और world view के नज़रिये से लिखते हैं। हम ने इस पोस्ट मे उसी पर लिखा है। मेरी बाद याद रखिये गा यह जो Public sector ख़त्म किया जा रहा है यह blunder हो रहा है।
  • Neeraj Singh, मैं आपको बड़ी सिद्दत से पढ़ता हूँ। अंतरराष्ट्रीय मामलों का मैं बचपन से शौकीन रहा हूँ। बस वक्त का तकाज़ा है कि मैं अपने गृह क्षेत्र तक ही सीमित रह गया।ये जो विश्वगरु है न इनके टॉप क्लास को भी सड़क छाप से ज्यादा बुद्धि नही है। ये मध्ययुगीन इतिहास को भारत का स्वर्णिम काल बता कर उस छलावे में सबकुछ बर्बाद कर रहे हैं। इनको ये भी नही पता कि हिटलर के रास्ते पर चलने से मंजिल भी वही मिलेगी।आप कहते है कि संघी सत्ता 10 साल और रह जाये तो उसके बाद देश बहुत अच्छा बनेगा। मुझे भी इसका एहसास है, पर इस बीच जो बर्बादी होगी वह मानव इतिहास की भयावह त्रासदियों से भी शायद बड़ी होगी, और भारत गणराज्य भी बदल और सिमट जायेगा।

Shambhu Kumar नेहरू जी और इंदिरा गांधी ने इंटलेक्चुअल पैदा करने का कॉन्ट्रैक्ट वामपंथियों को दे दिया और वो इसे पचा नहीं पाएएक लाइन में कंक्लूड करके लॉक किया जाय साहेब

  • Mohammed Seemab Zaman, Shambhu Kumar साहेब, बहुत सही लिखा मगर उस वक्त का world order जो था उस मे वामपंथी कांन्ट्रैक्ट ही देशहित मे था और इंदिरा गॉधी को पाकिस्तान तोड़ने मे उस का सपोर्ट भी मिला। मगर यचूरी और करात दम्पत्ति ने वामपंथ को उत्तर भारत मे बरबाद किया और यह दोनो ब्राह्मण थे। क्या इन को सोवियत संघ का टूटना और चीन का तरक्की नजर नही आ रही था? सब नजर आ रहा था मगर “दिल अंधा” हो गया था। ब्राह्मण ने ब्रह्मण के दिल को अंधा किया। याद है न यह सब मनमोहन सिंह के खेलाफ कैसे चिल्लाते थे संसद मे Nuclear Deal पर मगर आज सूनते हैं गुजरात मे फ्रांस न्यूक्लिअर प्लांट लगा रहा है तो यह लोग सब चुप है।

Md Iqbal मैं जब छोटा था मेरे घर पर एक ऊर्दू कॉमिक्स बुक थीजिसका नाम था जवाहरलाल नेहरू की कहानीवो मल्टी कलर कॉमिक्स था जिसमे चित्रात्मक शैली में नेहरू के बचपन से लेकर मौत तक का पूरा विवरण आसान ज़बान में बच्चों को समझाने के लिए दिया हुआ था जिसे मैंने दर्जनों बार पढ़ा होगा क्योंकि बच्चों में कलरफुल बुक पढ़ने देखने का शौक़ होता है और हमारे बचपन मे तो स्कूल में भी कलरफूल बुक नही हुआ करती थीवो अकेला कलरफुल ऊर्दू कॉमिक्स मैंने उर्दू में देखा था जबकि ऊर्दू में मैंने कभी दूसरा मल्टी कलर कॉमिक्स नही देखा सिवाए उसकेऊर्दू ज़बान में नेहरू की महानता सुनाने के लिए मुसलमानोे के ज़ेहन और दिमाग़ में नेहरू की अक़ीदत भरने के लिए और मुसलमनो की नज़र में नेहरू को महान बनाने के लिए कांग्रेस की सरकार ने बहुत मेहनत की और करवाया तब जाकर नेहरू महान बनाकांग्रेस को बड़ी मेहनत लगी है नेहरू को महान बनाने में

Saurabh Prasad ब्राह्मण अगर खुद को सर्वोच्च मानता है, कहता है, समझता है तो किसी को उसी समय सबसे नीच भी मानता है।यही ऊंच नीच तो ब्राह्मणवाद है, मनुवाद है जिसका दंश भारत देश झेल रहा है।चाहे संघी ब्राह्मण हो या कांग्रेसी ब्राह्मण या कम्युनिस्ट ब्राह्मण सबका जातीय अभिमान पर एक सोच है एक ही स्टैंड है।ब्राह्मण ने क्या दिया है इस देश को सिवाए जातिवाद के??ब्राह्मण सिर्फ बेवकूफ बनाता है और कुछ नहीं।जवाहर लाल नेहरू ने बहुत कुछ किया इसलिए नहीं कि वो ब्राह्मण थे बल्कि इसलिए क्योंकि वो संभ्रांत घर के थे जो कि उनके जातीय प्रिवीलेज का परिणाम था और वो उसी प्रिवीलेज के कारण विदेश तक पढ़ाई किये, उनमें एक विजन पनप पाया और उस कारण उनकी सरकार ने अच्छे अच्छे संस्थान खड़े किए।भारत आज अपने पोटेंशियल का 10% भी तरक्की नहीं कर पाया इसका जिम्मेदारी कौन लेगा?? संघी ब्राह्मणों ने देश को बर्बाद किया ये एक ब्राह्मण खुद बोल रहा है पोस्ट में तो गैर संघी ब्राह्मण के पास क्या काट है संघी ब्राह्मण का??मीठी मीठी बातों में नहीं फंसिए साहब।ब्राह्मणवाद मनुवाद ही जड़ है भारत में व्याप्त सभी बुराइयों, भ्रस्टाचार और पिछड़ेपन का।

  • Mohammed Seemab Zaman, Saurabh Prasad साहेब, यहाँ सामाजिक सर्वोच्च होने वाली बात हम ने नही लिखी है।वह आप जानये और आप के लोग जाने। हम ने पंडित नेहरू के क़ाबलियत और संस्कार पर लिखा है जिस से भारत की निव आजादी के बाद मज़बूत हुई।मगर अच्छा किया आप ने लिखा “गैर संघी ब्राह्मण के पास क्या काट है?” हम हमेशा लिखते हैं संघ रहना चाहिये बहुत फायदा है मगर वैसा नही जो चालीस साल मे कशमीर से कन्या कुमारी तक झूठ बोल कर और आग लगा कर चीन को सुपर पावर बना दे।अगर संघ नही होगा तो हर प्रदेश मे हर क्षेत्रीय पार्टी एक संघ खडा कर ले गी और देश बर्मा हो जाये गा। देख रहे हैं न 3% के जाट नेता टिकैत संघी हो गये थे और कृषि आंदोलन कर के जब चर्बी पिघली तो रास्ते पर आ गये और दूसरा “कृषि को संघ” बनाने के चक्कर मे लगे हैं।
  • Saurabh Prasad, Mohammed Seemab Zaman साहब, आप नहीं लिखे हैं लेकिन ओरिजिनल पोस्ट लिखने वाले के दिमाग में तो जातीय सर्वोच्चता वाला ही सोच है और इसी सोच के खिलाफ हम हैं।यही मनुवादी सोच की ब्राह्मण सर्वश्रेष्ठ है और दशा दिशा दिखाता है जैसा उजुल फिजूल बात से समाज को बेवकूफ बनाया जाता है।आरएसएस का जन्म ही पिछड़ा, दलित, आदिवासी, मुसलमान से नफरत और उनके मानवीय नागरिक सम्मान, हक, सुरक्षा छीनने के लिए हुआ हैआप कैसे सहमत हैं कि संघ रहना चाहिए। जब तक संघ रहेगा केंद्र में कांग्रेस तो आने से रहा।

Saurabh Prasad किसानों को कुचलने वाले ब्राह्मण मंत्री के बेटे को ज़मानत मिल गई है पर हाथरस गैंगरेप कवर करने जा रहे पत्रकार मुसलमान सिद्दीक़ी कप्पन एक साल से जेल में है।इसपर कैसे और क्या रणनीति है कांग्रेस के ब्राह्मणों का?

  • Mohammed Seemab Zaman, Saurabh Prasad साहेब, आप के दो कौमेंट को हम ने डिलिट किया है क्योकि आप अपने घर्म की लडाई यहॉ बहस मे ले आये। आप जानते हैं हम बहस न करते हैं और न एक दो से ज्यादा कौमेंट चाहते हैं।ब्राह्मण मंत्री के बेटा को ज़मानत मिल गई मगर सिद्दीक़ी कप्पन को नही मिली तो क्या किसी गैर ब्राह्मण कोई जलूस ले कर निकला या टिकैत निकले? पूरा समाज और तंत्र बरबाद हो गाय इस चालीस साल मे मगर लोग अभी भी नही सुधर रहा है और न समझ रहा है।
  • Shashi Kant Tripathi, Saurabh Prasad सिर्फ ब्राह्मणों से ही रणनीति तैयार करने की अपेक्षा कर रहे हैं …पिछले 30 सालों से जातिगत आधार पर वोट ले रहे नेताओ से क्यों नहीं …

Ashutosh Chandra Thakur कई लोग बताते हैं कि बिहार में कुछ हद तक ललित नारायण मिश्र अच्छे नेता हुएआपके पोस्ट का एक एक लफ्ज सही है. इन लोगों ने ब्राह्मण कौम को भी काफी बदनाम किया है. अच्छा है ना की अपने करतूत ये खुद भुगते तब जाके अकल ठिकाने आएगा.

Turab Qureshi बहुत शानदार सरखास तौर पर लास्ट वाला लाइन इनके सर ही फुटना चाहिए.