Post of 6th May 2022
بسم اللہ الرحمان الرحیم
ہے یاد مجہے نکتہ سلمان خؤش آہنگ
دنیا نہی مردان جفا کش کے لئے تنگ
چیتے کا جگر چاہۓ، شاہیں کا تجسؔ
جی سکتے ہیں بے روشنی دانش و فرہنگ
(اقبال)
इंग्लैंड के नौरफोल्क के क्रोमर चर्च टावर पर 2018 में एक नर Peregrine falcon (स्याह शाहिन) चर्च वालों ने अक्सर बैठे देखा, दूसरे साल 2019 में एक मादह शाहिन भी वहाँ आकर बैठने लगी तो चर्च वालों ने एक घोंसला बना दिया ताकि वह अंडा वहाँ पर दे तो सुरक्षित रहे और एक कैमरा भी लगा दिया।
इस साल मादह शाहिन ने तीन अंडा दिया जिस में एक ख़राब हो गया और दो अंडा से दो बच्चे निकले।अब तक इस शाहीन परिवार को web stream से एक लाख लोग देख चुके हैं।(BBC का लिंक कॉमेंट में है)
शाहीन पर इक़बाल की एक नज़्म उन की किताब ‘बाले जिबरिल’ में है और अरब जगत मे यह पक्षी 750 BC से पाया और पोसा जाता है जबकि मिस्र की सभ्यता में यह चार-पॉच हज़ार साल (2345-2181 BC) से पूजनीय है।आज भी मिस्र के सरकारी मोहर में यह है।
मिस्र के प्राचीन भगवान होरस (Horus) का शाहिन का सर था और शरीर मनुष्य का जिस तरह से हमारे यहाँ हनुमान जी और गणेश जी सर और शरीर है।मेसोपोटामिया सभ्यता में इस तरह के भगवान नहीं पूजे जाते थे, वहाँ के भगवान या देवी देवताओं का मनुष्य के तरह होते थे।
‘परिंदों की दुनिया का द्रवेश हूँ मैं
केह शाहीन बनाता नहीं आशियाना’ (इक़बाल)