Post of 14th August 2021

“हम नेशनलिस्ट सप्रिट की बात करते है तो कई लोग हमें मिडिया मे दक़ियानूसी बोलते हैं, बैकवर्ड बोलते हैं, जापान कोरिया मे कोई वहॉ के नेता को बैकवर्ड नही बोलता”

“क्या आपके जैसी कम्पनी, एक दो आपने शायद कोई विदेशी कम्पनी खरीद ली, उस का इमपोरटेन्स ज्यादा हो गया, देशहित कम हो गया। फलाने डेमकाने….”(लिंक कौमेंट मे पढे)

कल मंत्री पियूष गोयल ने Confederation of Indian Industries (CII) के मिटिंग मे 153 साल पूरानी टाटा ग्रूप के सीईओ को “राष्ट्रवाद” का पाठ पढाया और गोईंका, अंबानी, बिरला, बजाज वगैरह को स्टार्ट-अप मे पैसा नही लगाने पर खिंचाई की।

सूनते हैं कि मंत्रीमंडल मे सब से पढे लिख गोयल साहेब हैं मगर सैकडो साल पूरानी टाटा ग्रूप जिस की 20 बम्बे शेयर बाजार मे लिस्टेड कम्पनी है को तंज़ कर “राष्ट्रवाद” सिखा रहे थे। टाटा कम्पनी गोयल साहेब के संघ से भी बहुत पूराना है।टाटा के पूर्वज ने चाय-बगान मे जब महिलाओं को दुनिया मे पहली बार मैटरनिटी लिव (Maternity leave) दिया था उस वक्त गोयल साहेब का संघ बना भी नही था।

गोयल साहेब उस टाटा पर तंज़ कर रहे हैं जिस के “चाय पर चर्चा” पर बीजेपी की सरकार बन गई वरना यह मंत्री भी नही बनते।आज टाटा की कम्पनी देशहित मे “नमक से लेकर मिजाईल” बनाती है, विदेश मे दुनिया की सब से महँगी कार Jaguar बनाती है।

तंज़ मे गोयल साहेब ने कहा टाटा का स्टील बाहर नही बिकता है मगर वह देश मे पैसा नही लगाते हैं, जबकि मेरा पोस्ट Tanishq के Maternity विज्ञापन पर है कि टाटा अब निवेश नही करे गा।जमशेदपुर मे 1964 और 1979 के हिन्दु-मुस्लिम दंगा के बाद मुस्लिम स्टाफ़ के सुरक्षा के लिये जमशेदपुर मे मुस्लिम कौलोनी पहले बार देश मे बनाया।

गोयल साहेब मूठ्ठी भर लोगो की झूठी देशभक्ती/राष्ट्रवाद ने दंगा, लिंचिंग, हिन्दु-मुस्लिम, गाय-कशमीर कर के देश के सामाजिक ताना बाना को बरबाद कर दिया। ट्र्म्प के सामने दो दिन दिल्ली मे दंगा करा कर फैक्ट्री, कार का शो-रूम जला दिया तो निवेश कौन करे गा? पियूष गोयल साहेब, साऊथ अफ्रिका मे तीन दिन के दंगा मे 3.5% GDP कम हो गया, सोचये भारत के 75 साल के हजारो दंगा मे कितना GDP ख़त्म हुआ होगा।

गोयल साहेब कोरोना के बाद बहुत बूरा दिन आना है, आप लोग टाटा से राष्ट्रवाद/नेशनलिज़्म सिख लिजये।

The Economist, London लिखता है “Foreign investors and India: Bygones are bygones”