Post of 13 Nov 2023
सऊदी अरब की राजधानी रेयाद में पिछले चार दिन से संयुक्त राष्ट्र के 40% से अधिक राष्ट्राध्यक्ष या बादशाह मौजूद थे जो ओटोमन सल्तनत के पतन के बाद पहली बार किसी देश में इतने नेता एक साथ जमा हुऐं हैं।
*गुरुवार को रेयाद में मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के 50 देशों के नेता “सऊदी-अफ्रीकी” शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुँचे।शुक्रवार को सऊदी प्रिंस मोहमम्द सलमान ने इस सम्मेलन मे 2 billion रेयाल ($553 million) अफ्रीकी देशों को सहायता राशि देने के समझौता पर हस्ताक्षर किया।
*शनिवार को अफ़्रीका के कुछ नेताओं ने “Arab League” विदेशमंत्री के सम्मेलन में भाग लिया और ग़ज़ा में युद्धविराम कर शांति की अपील पश्चिमी देशों से किया।
*शनिवार को ही “Gaza Summit” मे भाग लेने Organisation of Islamic Cooperation (OIC) के सभी सदस्य रेयाद पहुँचे जिस में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी पहली बार सऊदी अरब आये।सीरियाई राष्ट्रपति असद ने भी दस साल बाद OIC के मीटिंग में भाग लिया।
सऊदी अरब के तीनों सम्मेलन मे इसराइल द्वारा आम नागरिक तथा बच्चों को मारे जाने कि निंदा किया गया और पश्चिमी देशों को मिडिल ईस्ट में मार-काट बंद कर शांति स्थापित करने को कहा गया क्योंकि इसराइल इन्हीं देशों के शह पर आज पचास साल से फलस्तीनियो पर ज़ुल्म कर रहा है।
*फॉल ऑफ काबूल के बाद पहली बार तालीबान के उप प्रधानमंत्री मुल्ला ग़नी बरादर अपनी सरकार के मंत्रियों के साथ एक सप्ताह के लिए ईरान का दौरा कर कल काबूल लौटे हैं।उन्होंने ईरान और चीन के बीच सिधा व्यापार करने के लिए अफ़ग़ानिस्तान के Wakhan Valley से रोड तथा रेल लाईन बिछा कर चीन के बेल्ट और रोड (BRI) से जोड़ कर आयात-निर्यात शुरू करने के समझौता पर हस्ताक्षर किया।अफ़ग़ानिस्तान अपने वाखान कोरिडोर से रेलवे से ईरान को उज्बेकिस्तान से जोड़ने के लिए भी तैयार हो गया।इस तरह भविष्य मे अफगानिस्तान एशिया का एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक केंद्र बनता नज़र आ रहा है।
#नोट: अभी इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के संघर्ष में अरब देश तेल या गैस पर प्रतिबंध लगा कर पश्चिमी देशों द्वारा अपने को “उर्जा आतंकवादी” का आरोप नहीं लगने दें गें बल्कि तेल का उत्पादन 2024 में भी कम कर तेल का दाम $90-100 के बीच रख कर पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था पर चोट करे गें ताकि इसराइल का साथ सब लोग छोड़ दे जैसे यूक्रेन को पश्चिमी देश भूल गये।
दुआ किजये मिडिल ईस्ट में मार-काट बंद हो और कोरोना तथा रूस-यूक्रेन लड़ाई से बर्बाद पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था या एशिया के बड़े देश की ग़रीबी ख़त्म हो।
पहली तस्वीर सऊदी अरब-अफ़्रीका सम्मेलन की, दूसरी OIC की, तीसरी मुल्ला बरादर के ईरान यात्रा की और चौथी तस्वीर अफ़ग़ानिस्तान का वाखॉन वैली की है।