Post of 31 May 2023
हम सब को अमृतकाल का नया संसद भवन मुबारक हो।इस शताब्दी मे भारत की बढ़ती आबादी के जरूरत को यह $3 billion का नया संसद भवन पूरा करे गा।
विपक्षी पार्टी या जो बूद्धिजिवी या कथित वरिष्ठ पत्रकार इस की आलोचना कर रहे हैं वह “खिसियानी बिल्ली कंभा नोच रहे हैं” क्योकि उन को नौ साल मे कोई नही पूछ रहा है।
नीचे भारत की बढ़ती आबादी का यूएनओ द्वारा दिया गया ग्राफ देखें।भारत के किसी पत्रकार या कथित देशभक्त नेता इस को देख कर नौकरी, स्वास्थ सेवा, पीने का पानी या उर्जा की आपूर्ति के बारे मे नही बोल रहे हैं मगर एक व्यक्ति विशेष जो भारत मे 23 साल से सत्ता के ऊँचाई पर है उस को “अहंकारी और नीच” कह कर अपने फ़्रस्ट्रेशन और कुंठा को छिपा रहे हैं।
लोग आलोचना कर रहे हैं कि इस नये संसद भवन के धार्मिक अनुष्ठान मे दक्षिण भारत के पंडितों और पुजारियों को बुलाया गया और उत्तर प्रदेश का पुजारी नजर नही आया।मेरा सवाल है कि राम मंदिर के धार्मिक अनुष्ठान मे दक्षिण भारत का कोई पंडित या पुजारी नही था, मगर यह सवाल दक्षिण भारत के किसी नेता या स्वामी ने क्यो नही उठाया?
भारत के एतिहासिक कुशल राजनीतिक व्यक्ति विशेष ने “सेंगोल” (नंदी बैल) का बहाना कर दक्षिण भारत के पुजारियों को बुला कर सम्मान देकर सब का साथ, सब का विकास कर दिया।
कुछ पार्टी और लोग अमृतकाल संसद को “ताबूत” कह रहे हैं।भगवान से दुआ किजये अगले साल भी यही राज नेता, व्यक्ति विशेष सत्ता का भोग प्राप्त करे और भारत के विपक्ष के नेताओं, वरिष्ठ पत्रकार, कथित बुद्धिजीवियों तथा अर्थशासत्री विलुप्त प्राणी हो जायें और भारतीय इतिहास मे अशोक, चंद्रगुप्त के बाद केवल इस व्यक्ति विशेष का नाम लिया जाये।