“याद है न चुनाव के समय हम लिखते थे “पलिज़ वन्स मोर शहज़ादा सलीम जोगी” ताकि जो 22 करोड के आबादी को गाय-गोबर कर के बरबाद किया है वही भूगते। देख लिया अभी तो पॉच साल काटना है और समझ मे आ गया “गाय-गोबर-लिंचिंग-दंगानवमी” से राज्य नही चले गा। अब कह रहे हैं कि शोभायात्रा के लिए अनुमति लेना होगा। क्या यह कानून पहले नही था?पहले भी अनुमति लेकर ही शोभायात्रा निकलता था और यह अनुमति दंगानवमी की अनुमति होता था। जब सरकार जहॉ दंगा होने देना चाहती है वहॉ होता है और जहॉ नही चाहती है वहॉ नही होता है।बिना सरकार और एडमिनिसटरेशन के अनुमति के दंगा हो ही नही सकता है।
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उप्र के पहले कैबिनेट मिटिंग मे मुज़फ़्फ़रनगर के त्यागी के गॉव मे 1300 वोट 600 सॉड को रोकने के लिए डीएम को हर हफ्ता दस (10) आवारा गौ माता को पकड़ने का आदेश जारी किया गया है। बेचारा डीएम भारत का सब से कठिन इमतेहान पास कर के डीएम बनता है मगर आज़ादी के 75 महोत्सव मे क़िस्मत मे गोबर तौलना लिखा था तो अब गोबर तौल कर खरीद-बिक्री करे गा और गौ माता और सॉड के पिछे दौड़ कर पकड़े गा।
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देखा पहले कैबिनेट मिटिंग मे “वन्स मोर शहजादा ……” का रिज्लट आने लगा।अगले पॉच साल यह कुछ नही कर पाये गें क्योकि पैसा नही है और इन को भारत या विदेश का सब बिजनेस मैन जानता है कि यह गाय-गोबर -दंगा से ऊपर उठ कर सोंच ही नही सकते हैं। दुआ है शहज़ादा सलीम का इक़बाल बुलंद हो।

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