Post of 20 February 2022
आज उत्तर प्रदेश जिस की आबादी बंगाल की तीन गुनी है वहॉ प्रथम चरण के प्रचार का आखरी दिन है और 10 फरवरी को 58 सीट का चुनाव होगा।
आजादी के 75 साल बाद भारत बरबादी के उसी मोड पर है जहॉ 1947 मे था। अभी देश मे कोई नेता दुनिया देखा, सेकुलर सोंच का नही है जो New World Order मे भारत की एक नई पहचान बना सके।
सब नेता “कोख और गोद” का पैदा और प्रवरीश पाया है जो आज अपने को सेकुलर या समाजवादी का ढोंग रच रहा है। वह मोलायम यादव, मायावती हों या नायडू, चन्द्रशेखर राव, ठाकरे, पवार या बूढ़ा दूसरा कांग्रेसी, सब किसी न किसी मोड पर संधीतकार रहे हैं।आज बीजेपी सरकार मे 150 से ज्यादा कांग्रेसी MP हैं और 60 संघ के लोग मंत्री हैं। यह सरकार अगले 25 साल मे भी भारत को विश्वगुरू नही बना सकती है।
यह चुनाव खानापूरी है।बहुत अच्छा मौका है नया नेता पैदा करने का।ढोंगी समाजवादी मोलायम यादव या मायावती से प्रदेश और देश का कोई भला नही होने वाला है।यही मोलायम और मायावती गुजरात से Imported Neta प्रदेश मे लाये।
उप्र मे संघीतकार कांग्रेस ख़त्म हो गई, इस बार संघीतकार SP और BSP पार्टी को ख़त्म करना होगा और एक नये नस्ल की लिडरशीप हर जाति और क़ौम मे पैदा करना होगा तब दस साल के बाद देश को अच्छा नेता मिले गा। अदवाणी ने तीस साल मे गुजरात मॉडल बनाया और मायावती या मोलायम दिया जो देश को डूबा दिया। अब अगला दस साल फिर नये लिडर और पार्टी के लिए जद्दोजहद करना होगा वरना हम कही के नही रहे गें।
शहजादा सलीम को हटा कर Third Front/UPA के चक्कर मे shortcut नही सोंचये।मूल्क से मोहब्बत किजये और long term सोंचये।पहले चरण मे सिर्फ उर्दु नाम वाले सामाजिक, पढे लिखे नेता को वोट दिजये फिर देखये गा दूसरे चरण मे कैसे दूध फटता है।
“पलिज़ वन्स मोर शहज़ादा सलीम जोगी”