Post of 8th January 2022

मोबारक हो, चुनाव की तारीख़ का एलान हो गया।उर्दु नाम वालों आप बीजेपी को उप्र मे सत्ता मे आने से नही रोक सकते हैं।पिछले तीस-चालीस साल से सभी पार्टियों द्वारा कोख और गोद का खेल खेल कर बहुसंख्यक समाज को धर्म की अफीम चटाई गई है और उत्तर भारत की सीमा, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ और समाज को बर्बाद किया गया है जो अगले 10-20 साल तक बर्बाद रहे गा।अब देश को बचाने की ज़िम्मेदारी बहुसंखयक समाज की है, उर्दु नाम वालों की नही है।

मुश्किल से उप्र मे उर्दु नाम वालों की जनसंख्या 20% है।बचा 80% जिनमें से 60-70% भाजपा का वोट बैंक है फिर आप 20% हो पर भाजपा को नही रोक पाये गें।इस बार जातिय समीकरण के कारण 25-27% वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार भी चुनाव जीत सकता है।

इसलिए बीजेपी को रोकने के लिए SP, BSP, Congress वोट देना बंद करें।अभी से अगले 10-20 साल मे अपनी क़यादत/लीडरशिप बनाने के लिए केवल उर्दु नाम वालो को इस बार उप्र मे वोट देना शुरू करें चाहे वह किसी पार्टी का हो यह जानते हुऐ की वह हारे गा।तब 10-20 साल बाद आप की आने वाली नस्लें और देश सुरक्षित हो गा।

उत्तर प्रदेश में 143 सीट ऐसी है जहां मुस्लिम वोटर 20% से ज़्यादा हैं, 100 सीट ऐसी है जहां मुस्लिम वोटर 30% से ज़्यादा हैं, 40 सीट ऐसी है जहां मुस्लिम वोटर 40% से ज़्यादा हैं।

नतीजे की परवाह किये बग़ैर उर्दु नाम वाले अपना वोट अपनी क़यादत को दीजिये।अगर उर्दु नाम वाला कोई उमीदवार नही है तो आप घर पर बैठे रहिए मगर SP, BSP, Congress को वोट नही दिजए।

बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने कम्यूनिस्ट कैडर को यही कहा था कि “अगर आप को कम्यूनिसट पार्टी को वोट नही देना है तो घर पर बैठे रहिए मगर दूसरे पार्टी को वोट नही दिजये”

अब टैकटिकल वोट कर समाजवादी मोलायम सिंह या मायावती के जितने-हारने के चक्कर मे नही पड़िये।बर्बादी बहुत बडी है, जो अभी का कोई नेता नही बचा सकता है।आने दिजए “वन्स मोर शहजादा सलीम जोगी को”, जिन लोगो ने समाज और देश बर्बाद किया है वही भूगते।जय हिन्द

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Some comments on the FB Post

Mohammed Seemab Zaman उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मे सिर्फ और सिर्फ उर्दु नाम वाले कैंडिडेट को वोट किजएे। सत्तर साल कांग्रेस को वोट दिया तो हम-आप उत्तर भारत मे संप्रदायिकता को ख़त्म नही कर सके। कांग्रस या मोलायम सिंह या मायावती उत्तर भारत के किसी शहर को शंघाई, कोयोटो या दुबई नही बना सका, तो फिर किस बात का इन को वोट दिया जाए। जब सब लोग ज़ात-पात की राजनीति कर रहा है तो उर्दु नाम वाले भी वही करें क्योकि दुनिया बदल गई है और अब फॉल ऑफ काबूल के बाद एशिया का युग शुरू हो गया है, इस मे हम अब भारत मे अपनी क्यादत पैदा करें।

Tanveer Aalam Teli हुकुम की तामील होगी सर.

  • Mohammed Seemab Zaman, आप के कल के दो पोस्ट से हम ने data लिया है। शुक्रिया।

Sandeep Solanki नहीं साहब मायावती या अखिलेश यादव सरकार बनायेंगे …

  • Mohammed Seemab Zaman, Sandeep Solanki साहेब, बनाने दिजए,इन के ज़ात और कोख-गोद वाले इन को वोट दें गें, मगर उर्दु नाम वाले इन को वोट नही दें। दुनिया बदल गई है, यह बर्बाद भारत को नही ढो पाये गें।

Mohd Shadab Rayeen हमलोग रुदौली जिला अयोध्या में Aimim को वोट करेंगे

  • Mohammed Seemab Zaman यह जानते हुऐ की Aimim हारे गा मगर ज़रूर दिजये। पता तो चले आप का वोट कितना है। अगला पॉच साल भी उप्र मे कुछ नही होगा। दस किलोमीटर रोड से 22 करोड की आबादी तरक्की नही करे गी।
  • A K Singh, CAA प्रोटेस्ट के समय कहां गायब थे ओवैसी, जामिया के बच्चों पर लाठिया चली जुबान से एक लब्ज नहीं फूटा था, नजीब पर नहीं बोले, AMU के बच्चों को पीटा गया कहां गायब थे हैदराबादी ??अपने राज्य में जो 20सीटें नहीं लड़ सकता वो उत्तरप्रदेश में भाजपा को जिताने के लिये किलेबंदी कर रहा है, मियां ये लड़ाई ओवैसी की नहीं देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ी जा रही है और इसबात को देश का हर इंसान बड़ी सिद्द्त से समझ रहा है.

Mohammed Seemab Zaman, A K Singh साहेब, जिस ने वोट दे कर बैठाया है वही हटायें। इस मे हम कहॉ ज़िम्मेदार हैं। हम तो लिखा है ही 60-70% वोट बैंक भाजपा का है।दूसरी बात CAA मे ओवैसी नही बोले तो दूसरे बहुसंखयक लोग भी नही कुछ बोले। उत्तर भारत को ओवैसी ने बर्बाद नही किया, जिन लोगो ने बरबाद किया वह रास्ते पर लायें। हम तो अल्पसंख्यक हैं, हम को मायावती ने भी बेवक़ूफ़ बनाया और मोलायम सिंह ने भी। अच्छा तो है, शहज़ाद सलीम सब को बेवक़ूफ़ बना रहे हैं।

Noman Ahmed Farooqui बिल्कुल बीजेपी तो मुस्लिम को टिकट देने से रहीबाकी कथित सेक्युलर दल मुस्लिमो को टिकट देंगे जरूर लेकिन वहां जहाँ बहुसंख्यक होंगे और जहां मुस्लिम होंगे वहां बहुसंख्यक उम्मीदवार को टिकट देंगे तो मुस्लिमो का घर बैठना ही अच्छा या फिर मुस्लिम को ही वोट दे फिर वो चाहे जिस पार्टी से हो ,क्योंकि सेक्युलरो की ये चाल बहुत पुरानी है ,मगर दिक्कत ये है कि कुछ उर्दू नाम वाले जो कौम के नामनिहाद हमदर्द बने है ये अपनी चाल चलने लगते है और मुस्लिमो को तितर बितर कर देते हैखैर देखते है कि ऊंट किस करवट बैठेगा.

Yusuf Prince काश आपकी यह बातें मुल्क के हर ख़ित्ते का मुसलमान समझ पाता.

  • Mohd Chaudhary, Yusuf Prince  समझ हर कोई रहा है बस वैट न वाच के मूड में है.

Azad Hashmi कयादत वाले शब्द को पढकर लग रहा है जैसे यह पोस्ट हैदराबाद में बैठकर लिखी गई है..अब आपको भी भाजपा का एजेंट घोषित किया जा सकता है।

  • Mohammed Seemab Zamanअब हैदराबाद या इलाहाबाद नही सोंचये। वह जो कर रहे हैं सही कर रहे हैं।आप लोगो को पता नही है भाजपा ने कितनी बडी बरबादी देश की कर दिया है। अगले पॉच साल मे सब को नजर आने लगे गा।
  • Mohd Chaudhary, Azad Hashmi वैसे भी हारने के बाद ये जुमला तो सुनना ही पड़ेगा और सपा बसपा व कांग्रेस वाले सिर्फ एक ही बात बोलेंगे जाओ ओवैसी से मदद मांगो जैसा बिहार में तेजस्वी बोल रहा है आजकल । बाकी अब फर्क नही पड़ता कौन चिरकुट क्या बोलता है.
  • मियाँ भाई, Mohd Chaudhary जितने के बाद भी कोन असल का मदद के लिए आता हैसब मफाद परस्त नेता है2
  • Azad Hashmi, सर मेरा अपना मानना है कि भाजपा को वह हराये जो हरिजन एक्ट की धमकी देते थे ,, जो सरकारी नौकरियों में 40 % हिस्सा लेते थे ,, भाजपा आये या सपा या बसपा ,, मुसलमान कल भी लकीर का फकीर था और आज भी है.. मुसलमानों को चाहिए कि राजनीतिक और आर्थिक रूप से ख़ुद को मज़बूत करने में जी जान लगा दे।

Ahaan Raahi बिल्कुल सर ,,आपने बहोत सही कहा जिन्होंने सियासी गलियारे में मुसलमानों को अपना बंधुआ मजदूर समझ रक्खा है उन्हें पता तो चलना चाहिए कि मुसलमानों के वोटों की क्या औक़ात है।इस वक़्त बहोत ज़रूरी हो गया है की मुसलमान वाज़ेह तौर पर अपनी सियासी बसीरत और अपनी दूरअंदेशी को अमलीजामा पहनाये

  • Mohammed Seemab Zaman जनाब ज़हर घोल कर अभी यह बर्बाद और मजबूर हैं। यही वक्त है उर्दु नाम वाले अपनी पहचान बनायें। अभी मौका है, देखा नही पुटिन ने कैस कजाकिस्तान मे चार घंटा मे 2600 फौज भेजयदिया ताकि कजाकिस्तान disturb न हो।

Aftab Yousufzai सर, आपने ही बहुसंख्यक के पीछे चलने को कहा था न के अभी 20साल तक अपनी कयादत को..

  • Mohammed Seemab Zaman बिल्कुल सही कहा। अभी तो हम को चलना ही है बहुसंख्यक कयादत के पिछे। हम ने तो लिखा ही है 10-20 साल मे बने की हमारी क़यादत। हम तो लिख ही रहे हैं “वन्स मोर शहजादा सलीम जोगी” कहॉ कह रहे हैं मुस्लिम मुख्यमंत्री या मंत्री बनये।

Umesh Kumar हमे तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बहोत उम्मीदे है सर जी…!!

  • Mohammed Seemab Zaman, Umesh Kumar साहेब, यह दोनो भाई-बहन भी देश की सीमा, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ या समाज को नही बचा सकते हैं। अभी इन लोगो को पॉच साल और सत्ता मे नही आना चाहिये, जो किया है वही भूगते तब भविष्य मे भारत सुंदर बने गा।
  • शिव रतन पारीक Mohammed Seemab Zaman जो जातिवाद धर्म की बात करे वो देश को क्या बनायेगे ,जो जनता के राष्ट्र के हित की बात करे उसे ही जीतना चाहिए, वो है राहुल गांधी प्रियंका गांधी ,इन दोनों में राष्ट्र निर्माण करने वाले लोगी का खून है.

Krishna Sisotiya उर्दू नाम वाले को वोट क्यो देना है..?जो बेहतर उम्मीदवार हो उसे क्यो नही..?भाजपा धर्मांधता के सहारे वोट लेती है तो आप भी उसी राह पर जाकर काम करने की अपील कर रहे है, तो फिर योगी और मोहम्मद सीमाब जम्मान जी मे क्या फर्क रहा जायेगा..?

  • Mohammed Seemab Zaman कौन है बेहतर मोलायम सिंह या मायावती? सब को तो हम लोगो ने देख ही लिया न कोई ideology है और न ही कोई Morale.
  • Abdul Raheem मुसलिम लीडरशिप किस आधार पर नहीं है? टिकट देने मे गड़बड़ किस आधार पर होती है, काम के आधार पर या बस उर्दू नाम होने के नाम पर?? उत्तर प्रदेश की कितनी पार्टी के 20% केंडिडेट मुसलिम हैं? ये किस आधार पर discrimination है? काम के आधार पर या बस उर्दू नाम के आधार पर??
  • Krishna Sisotiya, Abdul Raheem किस व्यक्ति को सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से टिकट नही दिया गया..? 
  • Mohammed Seemab Zaman, Krishna Sisotiya साहेब, हम जो क़यादत बनाये की बात कह रहे हैं, क्या वह सिर्फ मेरे वोट से ही जीत जाये गा? अगर वह एक अच्छी कयादत होगी तो आप भी वोट दिजये गा। इंदिरा अच्छी थी तो उर्दु नाम वाले भी वोट देते थे। अगर उर्दु नाम का कोई नेता अचछा हो गा जो Real secular, socialist और moral वाला हो गा तो सब धर्म के लोग वोट दे गें। क्या आप एसे उर्दु नाम वाले को भी वोट नही दिजये गा?

Saeed Khan Arshi बेहतरीन पोस्ट सरयह भारतीय मुसलमानों का मुस्ताबिल तय करेगी।

Imtiyaz Ahmad मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता हूं कि यूपी में एक बार फिर से योगी की सरकार बनें एवं देश में मोदी की।जहां तक बात मुसलमानों की है,यह ऐसी क़ौम है जो आपसी वाद-विवाद में अधिक शामिल रहती है परंतु थ्रेट बढ़ने पर यह मुस्लिम ब्रदरहुड की तरफ भागेगी।एंटी CAA/NRC प्रोटेस्ट को पढ़ेंगे तो समझेंगे।

Anish Akhtar बहुत शानदार पोस्ट. अभी हम एक शादी में यूपी गये थे वहां यूपी के हर जिले का एक बंदा आया हुआ था हमने चर्चा में यही कहा कि सामने मुस्लिम उम्मीदवार हो तो वो किसी भी पार्टी का हो उसको संगठित होकर वोट करो.

A.K. Siddiqui उर्दू नाम वाले को वोट देने की पाबंदी क्यूँ ?हम एक ऐसा समाज क्यूँ निर्माण करें जो हमे पीछे ले जाये ,,,मुस्लिम क़यादत के नाम पर लोग चुनावी बरसात में मेढ़क की तरह निकलते हैं और बाक़ी जब आफत आती है तो अपने बिलों में दुम दबाए बैठे रहते हैं दिल्ली दंगों और लखनऊ के caa प्रोटेस्ट में सैकड़ो गरीबों,रिक्शावालों,ठेले वालों का घर प्रशासन ने गिरा दिया ,,बर्बाद कर दिया और ये सब क़यादत वाले लोग लुंगी उठा कर भाग गए कोई सामने नही आया ,,,हमे अपनी लड़ाई इसी समाज मे इनके विरुद्ध और इनके साथ मिलकर लड़नी है हमे अपनी भागीदारी समाज मे बढ़ानी चाहिए ,,,,कयदतें एक धोखा हैं और कुछ नही,,कोई इतिहास नही है कि ये क़ौम और मिल्लत के काम आएं हों ,,NRC में भी अपनी लड़ाई अपने समाज के आम लोगों ने,बच्चो औरतों और लड़कियों ने लड़ी थी ,,क़यादत को दरकिनार किया था तभी कामयाब रहें क़यादत होती तो बिक जाती.

  • Mohammed Seemab Zaman ऐसे ही न राम बिलास और मायावती पैदा हुईं। जो जगजिवन राम नही कर सके वह राम बिलास ने कयादत पैदा कर के अपने क़ौम की पहचान बना दी। तब ही न आज माँझी जी मुख्यमंत्री बने।
  • Arif Kamal, A.K. Siddiqui साहब आपकी बात से इत्तेफाक है।मुस्लिम उम्मीदवारों को तो वोट देते ही आया है मुसलमान।मुसलमान के नाम पर मुसलमान बदमाश गुंडे बलात्कारी और ज़मीन कब्जाने वाले उर्दू नामधारियों ने ही मुसलमानो का खूब शोषण किया।ऐसे मुसलमानो से तो भारतीय जनता पार्टी अच्छी।प्रॉब्लम इतना सीधी नही है।मुस्लिम कयादत नही है बात सही है।इसके बिना काम भी नही चलेगा ये भी Mohammed Seemab Zaman साहब की बात सही है।पर सवाल ये है कि मुस्लिम कयादत क्यो नही पनप पाई?जहां तक मेरा एनालिसिस कहता है मुस्लिम कयादत तब तक नही पनपेगी जब तक मुसलमान सबके साथ मिलकर जीना नही सीखेगा।हमको सीखना होगा कि हमे सबकी राजनीति करनी है अपनी अपनी ढपली नही बजानी।धर्म को राजनीति से अलग करना होगा।अपनी कयादत से इस्लामिक नारो ओर गैर मुस्लिमो को बुरा भला कहने की उम्मीद छोड़नी होगी।मुस्लिम क़ौम अंदर से धर्म निरपेक्ष बने दिखावे को नही।हम सबकी भलाई सोचें सिर्फ मुसलमानो की भलाई नहीं।राजनीतिक सुधार से पहले हमको धार्मिक सामाजिक सुधार करना होगा।हमको इस्लाम की रूह पहचाननी होगी जो कुल इंसानियत को बराबर मानती है।काफिरों पर जज़िया लगाने और उनको जहन्नुम भेजने के पैरोकार बने रहेंगे तो सिर्फ 20 % वोट के सहारे अभी 100 साल मुस्लिम कयादत नही पनपेगी।1धर्म निरपेक्ष बने।धार्मिक जड़ता से बाहर आए।2 सेक्युलर सोच के साथ राजनीतिक पार्टी बनाए।3 इसके नेताओ में मुसलमान सहाबा इकराम ना ढूंढे बस अपना रिप्रजेंटेशन और ईमानदारी ढूंढे।4 ये मुस्लिम कयादत अपनी क़ौम के हक की बात करे पर हिन्दुओ की खिलाफत धार्मिक आधार पर ना करे।साम्प्रदायिक बाते ना करे।5 मुसलमान मुस्लिम कयादत को वोट करे बस।मुस्लिम पार्टी का उम्मीदवार चाहे पंडित हो तो भी चलेगा।किसी और पार्टी से चाहे मोलवी खड़ा हो जाए वोट नही देना है।6 मुसलमान गुंडों बदमाशो भूमाफियाओं बलात्कारियों को वोट करना बंद करे।इतना किया तो बाकी सेक्युलर पार्टी खुद आ जाएंगी गठबंधन करने को ।अगर सबको साफ कर देंगे ,नाराए तकबीर अल्लाह हो अकबर ,पुलिस हटा के देखो फिर बताएंगे जैसी बातें करेंगे तो हो गई राजनीति।मुस्लिम साम्प्रदायिक राजनीति करके कभी कामियाब नही हो सकता।हिन्दू हो सकता है।
  • A.K. Siddiqui, Mohammed Seemab Zaman जी,,काशीराम ने बसपा के सफर तक बरसों मेहनत की ds4 बनाया सायकिल से दशकों गांव गांव ,झुग्गी झोपड़ियों में मेहनत की तब जा कर अपने लोगों को संगठित करके एक पार्टी बनाई और कामयाब रहें हम भी चाहते हैं कि संगठित हों और क़यादत हो मगरकौन मेहनत करता है क़ौम के लिए सब इलेक्शन पे ही प्रकट होते हैं और मुस्लिम नेता बनकर मलाई खाना चाहते हैं यूपी में जो मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं वहां 4 हाजी साहब लोग खड़े हो जाते हैं और आपस मे ही सर फुटव्वल करते हैं और भजपा आराम से जीतती है अगर हम किसी दल से ईमानदारी से जुड़े होते तो ऐसे हालात नही होते,, और हमारे वोटों की क़दर होती,,, मगर चुनाव शुरू होते ही हम सपा बसपा,कांग्रेस,मीम,आप और निर्दल में बंट जाते हैं नतीजा सिफर,,,पहले बिहार में एक आईएएस अफसर सैयद शहाबुद्दीन हुए ठीक ठाक चले क़ौम मुत्तहिद होने लगी मगर वो ब्यूरोक्रेट थे राजनीतिक नही लगे उल्टे सीधे फैसले लेने,,गणतन्त्र दिवस का बहिष्कार और काला दिवस के रूप में मनाने,,,,बस फ्लॉप हो गए बरसों की मेहनत पानी मे गयी,,, उसके बाद कोई मुस्लिम लीडर पैदा नही हुआ.

Tanweer A Arbab मैं आप के जयेदातर पोस्ट से इत्तेफ़ाक रखता हूँ लेकिन इस बार आप ने मायूस किया ।वैसे तो आप को धर्म निरपेक्ष भारत चाहिये लेकिन वक्त आने पर आप भी वही करेंगे। फिर 20 साल क्या 50 साल में भी आप पार नही पा सकेंगे । एक बार दिमाग़ में बैठा लीजिये रहना है आप को यहीं है और सब के साथ है फिर ये ड्रामा क्यूँ ।

  • Mohammed Seemab Zaman इस मे धर्म कहॉ से आ गया या धर्म निरपेक्षता का कत्ल कहॉ हो रहा है? आप को लिडरशीप पैदा करने की बात कर रहे हैं। लीडरशीप पैदा किजये, दरी बिछाने वाला या समेटने वाला लिडर पैदा नही किजये। दुनिया बदल गई है, यह लीडर भारत को पहचान दे गा। देख रहे हैं न विदेशमंत्री रोज़ एक विदेशमंत्री से बात कर रहे हैं मगर कोई आ जा नही रहा है और न मेरे देश पर कोई बात बोल रहा है।
  • Arif Kamal, Tanweer A Arbab मुसलमान की बात कोई करता नही।मुसलमान खुद अपनी बात करे नहीं।रास्ता क्या है आप ही बताए।बाकी आपकी एक बात से इत्तेफाक है कि धर्म की राजनीति ना हो।हमारे लोग आगे आए और सेक्युलर राजनीति करें।भागीदारी चाहिए किसी के साथ हकतल्फ़ी हो मकसद नही।
  • Tanweer A Arbab,  लगता है आप ने कॉपी किया अपना पोस्ट कही से ।एक बार सही से पढ़ लीजिए समझ में आ जायेगा के धर्म की बात हो रही है या नही ।ख़ैर में कोई बहस नही चाहता आप ने अपनी बात रखी मैंने में अपनी । बाक़ी रब की मर्ज़ी ।

Saleem Khan Sir लेकिन “मसला” तो दूसरा हैं,,एक ही सीट से कई-कई #उर्दू_नाम वाले election लड़ेगें,,अब इस सूरत में तो देश बर्बाद करने वालों को ही सीधा फ़ायदा होना है.

  • Mohammed Seemab Zaman, Saleem Khan साहेब, आप उन से एक चुने जो educated, socially accepted to all and have Moral values. सब तो उस मे अच्छे नही होगे। किसी भी समाज मे सब लोग अच्छे नही होते हैं।

Salimuddin Ansari वाह! आप ने मेरे दिल की बात कह दी।मेरा कहना है के हम कब तक किसी का ख़ौफ़ देखा कर अपनी नस्लों की परवरिश करते रहेंगे!!!आज जनूबी भारत में केरला सुबा को देख लें। किस तरह अपनी क़्यादत तैयार की है किस तरह तरह तरह के इन्स्टिच्यूट वहाँ क़ायम किये गये हैं।

  • Mohammed Seemab Zaman, पूरा माहौल उत्तर भारत का मंडल-कमंडल ने खराब कर दिया, तो हम भी उसी सोंच मे पले बढे तो हम मे कहॉ से अच्छी ideology या मोरल पैदा होता। हमारे भी लोग वैसे ही रह गये।आप तो जानते हैं हम ने सारा पॉच साल पोस्ट Foreign Politics देख कर लिखा है और चेताते गये हैं बडी बरबादी हो गई। आज सब को थोडा थोडा नजर आ रहा है। पॉच साल ठहर जाईये पूरा नजर आ जाये गा। इस पोस्ट मे हम ने सब एशारा मे लिख दिया है।

Kamil Khan मेरे छेत्र से चार उर्दू। नाम वाले खड़े हो रहे हैं और मेरे परिवार के भी चार वोट हैं , सोच रहा हूं सबको एक एक वोट दे कर खुश कर दूं

  • Mohammed Seemab Zaman, Kamil Khan साहेब, नही। उस मे से देखये कौन अच्छा, पढा लिखा उर्दु नाम वाला है और सब लोग उसी को वोट दिजये। जो अच्छा हो सब लोग उसी को एक जुट हो कर वोट दिजए।

Kamil Khan सर आप की ये पोस्ट संघी ले उड़े.

  • Mohammed Seemab Zaman, Kamil Khan साहेब, कौन संघी ले उड़े और क्या कह रहे हैं? अब मूल्क बरबाद कर के यह लोग क्या कर लें गें। चीन नाम-पता बदल रहा है वह संघी लेकर क्यो नही उड रहे हैं। अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है।

Saiful Islam Misbahi और जो एजेंट एजेंट का रट्टा लगाते हैं

  • Mohammed Seemab Zaman उन को एजेंट का नारा लगाने दिजये।हम-आप सब को रोक नही सकते हैं और न सब के सोंच बदल सकते हैं।

Kalam Azmi बिल्कुल सत्यवादी लेख सर जी आपकी बात से मैं सहमत हूं और हम लोग इसी इशु अपनी कयादत सोशल मीडिया पर काम कर रहे हैं मुसलमानों को जागरूक कर रहे हैं कि अपनी कयादत मजबूत करो अपनी कयादत को वोट दो चाहे हारे या जीते 10:15 साल और सब्र करो इसका फायदा हमारी आने वाली नस्ल को होगा.

Noman Ahmed Farooqui सब लोग चुनाव तक इसी को मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया के साथ साथ जमीनी प्रचार भी कीजियेयकीन रखे बदलाव होगा जरूर होगाइंशाअल्लाह

Mozaffar Haque शानदार तरीन …

गरचे बरहम है क़यामत से निज़ाम ए हस्त ओ बूद…
हैं इस आशोब से बेपरदा असरार ए वजूद ..
ज़लज़ले से कोह ओ दर उड़ते हैं मानिंद ए सहाब..
ज़लज़ले से वादियों में ताज़ा चश्मों की नमूद…
हर नई तामीर को लाज़िम है तख़रीब ए तमामहै इस में मुश्किलात ए ज़िंदगानी की कशूद
گرچہ برہم ہے قیامت سے نظامِ ہست و بود
ہیں اسی آشوب سے بے پردہ اسرارِ وجود
زلزلے سے کوہ و دَر اُڑتے ہیں مانندِ سحاب
زلزلے سے وادیوں میں تازہ چشموں کی نمود
ہر نئی تعمیر کو لازم ہے تخریبِ تمامہے اسی میں مشکلاتِ زندگانی کی کشود (IQBAL)

#Note: pahle misra mein “qyamat” ki jagah “qayadat” bhi Kar diya jaye to sher aur maani mein koi farq nahi padta hai.

Arman Khan मुसलमान देश में लगभग 15% हैं, और UP में 20%..मुसलमानो ने भाजपा को कभी वोट नहीं दिया..यूपी में चार बड़ी पार्टी है अलग अलग विचारधाराओं की.. जिसके मुख्य लीडर हिंदू हैं…01.राष्ट्रवादी विचारधारा की पार्टी भाजपा..02.समाजवादी विचारधारा की पार्टी सपा..03.आंबेडक्राइट विचारधारा की पार्टी बसपा..04.कांग्रेस पार्टी80% वोटर हिंदू समाज से है..सबको पता है यूपी की हालत क्या है, किसान से लेकर युवा परेशान हैं..मंहगाई अपने ऊंचाइयों को छू रही है..बेरोजगारी का भी वैसा ही हाल है..शिक्षा चौपट हो गया है..अब इस 80% हिंदू समाज को तय करना है वो किसे चुनाव जितवा कर लायेंगे..97% हिंदू आबादी वाले राज्य हिमाचल प्रदेश में भाजपा को उपचुनाव में मुंह की खानी पड़ी थी..तो मुसलमानो को चिंता करने की जरूरत नहीं हैं, वो किसी को भी वोट करें.. उन्होंने भाजपा को सत्ता में लाने में रत्ती भर भी सहयोग नहीं किया था..भाजपा को भगाने का जिम्मा उनका है जिन्होंने आपसे नफरत करके दुबारा भाजपा को सत्ता में लाया है…अगर उन्हें सपा कांग्रेस बसपा में कोई UP को चलाने लायक नहीं दिखता है तो उन्होंने कुछ और सोचा होगा..

Afreen Noor Assalamualaikum baba, Ye bhot acchi post hai waha k rahne walo ko jitna ho sake is post ko share karna chahiye takı ek acchi baat bhot Sare logo tak pahunch jaaye aur saat hi Jo social media per nahi unki bhi samajh aa jaye..Allah muslimo ki khair kare aur samajh de k apas me hi na jhagda kare.

Faran Ansari Sir bilkul Sahi Kaha Apne shamjdar logo ki Dil ki tarjumani hai.

Ansar Ahmad पिछले 30 साल से एकजुट होकर bjp को हराने में लगें हैं bjp चाहती है बुल्ले उसे हराने में लगे और अपना वोट का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में किया जा सके पिछले UP चुनाव के नतीजे और लोकसभा के नतीजे देखिए बहुमत से ज्यादा सीटें हमारे हराने के चक्कर मे जीती हैं अगर भाजपा गलत लगती है जिसने वोट देकर सरकार बनवाई वो गद्दी से उतारे.

Baasit ALi Hasan शुक्रिया हज़रतशायद आपके लेख से लोगों में कुछ बदलाव आ जाये

Mohd Nafees Malik लेकिन सुनता कौन हैसबको BJP को हराना है।और यही BJP की जीत का कारण है

Mohd Chaudhary आपके हर एक बात से सहमत । अगर अभी नही सोचा गया तो आने वाली नश्ले सवाल पूछेंगी और कोसेंगी

Joginder Ranga I am really appreciate you sir.

Joginder Ranga मैंने भी इसी विचार से प्रेरित होकर अपनी तरफ से यही लिखा है।

Shoaib Gazi जिन लोगो ने समाज और देश को बर्बाद किया है वही भुगतें

Abdul Bar iबेहतरीन पोस्ट सर 

Ritesh Indra NZ जोगी एक बार तो जरूर बनता है.

Sarosh Ahmad हमेशा की तरह बेहतरीन, शानदार, और सच्चाइयों को उजागर करता आपका एक और पोस्ट I

Irshad Ahmad Khalili शुक्रिया सर सारी गलतफहमियां दूर हो गईं इस पोस्ट से

Asif Mirza सहमत सर, आज झारखंड धनवाद का वीडियो देख, कितनी नफरत पाले बेठे है लोग.

Majid Ali Khan आप उत्तर प्रदेश में ऐसे ही चलने दें, मुसलमानों के मजे ही मजे हैं.

Naim AKhtar बिल्कुल हकीकत यही है.

Shakib Khansaab बढ़िया लेख सर.

Gul Mohammad Gujjar बिल्कुल सही सर.

Mohd Shaan बिल्कुल दुरुस्त फरमाया है आप ने,आप से सहमत हूं “सर” .

मियाँ भाई साहब मैं गाड़ी चलाता हूं मैं पूरा भारत घूमता हूंऔर दहाड़ी भी रखी हैमैं लोगो को देखा कितना जहर भरा है उनके अंदरखुदा सलामत रखे सभी ईमान वालो को.

Asif Mirza सहमत सर, आज झारखंड धनवाद का वीडियो देख, कितनी नफरत पाले बेठे है लोग.

Sarita Singh भुगतना सबको होता है.

aved Faridi Ali उम्दा पोस्ट सरवोट अपनों को ही दें.

Mohammad Imran Qadri उम्दा लेख.

Izhar Ahmad You are right sir.

Mdirshad Mdirshad पूरी तरह सहमत हूं.

Rafeek Ahmad Behtareen

Shaikh Ismail बेहतरीन बिल्कुल.

Mir Talib Ali शांदार और लाजवाब.

Mirza Saalim Baig कुल मिलकर डेमोक्रेसी आखरी सांसे ले रही हे.