شاہین کی ادا ھوتی ہے بلبل میں نمودار—کس درجہ بدل جاتے ہیں مرغان سحر خیز
बिहार चुनाव अगस्त से नवंबर 2015 तक चला। मोदी जी 15-17 अगस्त 2015 को दो दिन के लिये अबू धाबी गये थे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का 34 साल बाद यूऐई यात्रा थी। वहॉ इन का स्वागत शेख ज़्याद ने किया और 4.5 लाख करोड भारत मे निवेश करने की बात की जबकि यह वादा प्रधानमंत्री डा० मनमोहन सिंह के वक्त मे यूऐई ने किया था।
मोदी जी ने समझा 2002 मे गुजरात दंगा के बाद अब मेरे प्रधानमंत्री बनते दुनिया डर गई। ओबामा 26 जनवरी 2015 को हमारे डर से भारत आ गया। कभी दुनिया किसी संघ के आदमी ने पढा और समझा हो तो दुनिया समझ मे आती के उन से ज्याद हूशयार लोग दुनिया मे हैं।दुनिया भारत को संघी सोंच के साथ दूसरा चीन नही बनने दे गा।
लोगो को याद न हो मगर हम को याद है। मोदी जी दो दिन यूऐई मे रह कर भारत 18 अगस्त 2015 के सुबह मे वापिस दिल्ली आये और बिना रूके पटना चले गये।
वह बहुत ख़ूश थे एक शेख ने 4.5 लाख का वायदा कर दिया और संघी सोंच के “बूलबूल” ने “शाहीन” की परवाज़ ले ली। बिहार और बिहारी का नीलामी करने लगे और 50 हजार से शुरू कर 1.5 लाख करोड पर नीलामी बंद किया।बाकी रिजल्ट तो सब को मालूम है और आज तक एक पैसा दुबई से नही आया और न आगे आये गा क्योकि मद्रासी शेट्टी के दुबई मे ग़बन का राज़ खूल गया।
नीचे विडिव देखये जो 18 August 2015 पटना का है और मेरा उसी दिन का FB पोस्ट 18 अगस्त 2015 का पढ लें।
आखिर मे मोदी जी के नाम इक़बाल का एक शेर:
“शाहीन की अदा होती है बूलबूल मे नमूदार
किस दर्जा बदल जाते हैं मुर्गाने सेहर खेज़”
Posted on facebook on 21 October 2020