Post of 5th March 2021
اے موج دجلہ تو بھی پہچانتی ھے ھم کو
اب تک ھے تیرا دریا افسانہ خواں ھمارا
आज पहली बार दो हजार के क्रिस्चन मज़हब के इतिहास मे पोप फ़्रांसिस मेसोपोटामिया (इराक़) पहुँचें। मेसोपोटामिया दो दरिया दजला (Tigris) और फेरात (Euphrates) के बीच बसा मूल्क है जो आज इराक़ है। इस की राजधानी बग़दाद इसी दोनो नदी के बीच बसा है जिस को इमाम अबू हिनफा ने बनाया।
मेसोपोटामिया पॉच हजार साल पूराना (3100 BC) सुमेरियन, असेरियन और बेबिलोनियन का मूल्क रहा है। यह इब्राहिम अलैहिसल्लाम और बहुत सारे पैग़म्बरो का गहवारा रहा है। कहा जाता है नूह अलैहिस्सलाम की कश्ती यहॉ इराक़ के शहर मोसूल शरीफ के पहाड़ से टकरा कर रूकी थी।
आज इराक़ मे पोप का बहुत शांदार इस्तक़बाल हुआ। प्रधांमत्री ऐयर पोर्ट पर मिले और वहॉ से पोप राषट्रपति से मिलने राषट्रपति भवन गये।बग़दाद मे वह चर्च जाये गे और फिर करबला जाये गें। वह सभी धार्मिक नेता से मिलें गें।यह इराक़ आज बीस साल से लडाई से तबाह बरबाद है।
قافلہ حجاز میں ایک حسین بھی نہی
گرچہ ھے تابدار ابھی گیسوئے دجلہ و فرات