Facebook Post of 18th November 2020
कल तुर्की के संसद ने नगोरनो काराबाख मे फौज भेजने की ऐजाजत अरदोगान को दे दी। रूस के 2000 शांति सेना के साथ तुर्की की फौज 30 साल बाद आरमेनिया से आजाद डिसटेरिक्ट मे मिल कर निगरानी करे गे।
कल राष्ट्रपति पुटिन ने एक टीवी चैनल को कहा तुर्की ने अरमेनिया के लडाई मे आईजरबाईजान का साथ देकर कोई अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन नही किया है। आईजरबाईजान को हक़ था कि वह आरमेनिया से अपनी जमीन को आजाद कराने मे अपने किसी सहयोगी की सहायता ले।
कल आईजरबाईजान के राष्ट्रपति और उन की उप-राष्ट्रपति ऑख की डाक्टर बीवी मेहरिबान जेबरईल और फूजूली ज़िला का 30 साल बाद दौरा कर वहॉ आईजरबाईजान का झंडा फहराया। राष्ट्रपति अलीयाव ने कहा आरमेनिया के लोगो ने मकान, स्कूल, जंगल सब मे आग लगा कर चले गये हैं और अब वह अंतराष्ट्रीय संस्था से कहे गे इस का हर्ज़ाना वह सभी देश जो आरमेनिया को स्पोर्ट कर रहे थे वह अज़री लोगो को दें।
यह कोहे-क़ाफ (नगोरनो कराबाख, अरमेनिया, आईजरबाईजान, जौरजिया का पहाड़) का ऐलाक़ा दुनिया के पहाड़ी ऐलाक़ा मे सब से ख़ूबसूरत माना जाता है। यहॉ की औरते बडी ख़ूबसूरत होती हैं, इन कोहे-क़ाफ के परियों की बहुत कहानी किताबों मे है। बहुत से शायर ने शेर कहा है जिस मे मौलाना रूमी का बहुत शेर है।
“ज़ुलकरनैन कोहे-क़ाफ के जानिब गये
उन्होंने ने पहाड़ को देखा के वह ज़मूर्रद से ज़्यादा साफ है”
رفت ذوالقرنین سوی کوہ قاف
دید کھ را کز زمرد بود صاف