Post of 4th June 2023
तुर्की सौ साल बाद आर्थिक और भू-राजनीतिक (Geopolitics) क्षमता वाला एक विशाल देश बन गया है, जहॉ के लॉगों ने अरदोगान को तीसरी बार राष्ट्रपति बनाया है।
अरदोगान शायद एकमात्र विश्व नेता हैं जिन्हें पुतिन और बाईडेन दोनों से बधाई मिली, एक ऐसी उपलब्धि जो केवल एक बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हासिल की थी।
अब अरदोगान एक गंभीर राजनेता जैसी राजनीति करने में सक्षम हो गये है। कल 81 देशों के प्रतिनिधि उन के शपथ समारोह में मौजूद थे जिस मे 50 राष्ट्रपति, 13 प्रधानमंत्री, कई विदेशमंत्री तथा राजदूत मौजूद थे।शायद यह दुनिया में पहली बार हुआ है कि किसी राष्ट्रपति के शपथ समारोह में इतने राष्ट्राध्यक्ष मौजूद हों।
सब से उल्लेखनीय है कि आरमेनिया के प्रधानमंत्री पशनयान भी इस समारोह में आये और दूर दक्षिण अमेरिका से वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादूरो आये।यूरोप से बुल्गारिया के राष्ट्रपति आये और नेटो के चीफ़ स्टोलटंबर्ग भी समारोह में मौजूद थे।
कल रात अरदोगान ने सभी मेहमानों की दावत किया और अपने नये मंत्रीमंडल का एलान किया।सारे मंत्रीमंडल को बदल दिया केवल स्वास्थ्य तथा पर्यटन मंत्री को छोड़ कर।विदेश, रक्षा और वित्त मंत्री नये लोगों को बनाया है।
तुर्की का बोस्फोरस (Bosphorus strait) दुनिया और यूरोप, रूस, यूक्रेन, रोमानिया तथा बुल्गारिया के लिए सामरिक महत्व का जल-डमरु मार्ग है।इस महत्वपूर्ण समुंद्री मार्ग को देखना है तो इस्तांबुल में बोस्फोरस के एशियाई हिस्सा में किसी मछली रेस्तरां में से एक में एक टेबल बुक करें और एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले सबसे लंबे निलंबन पुल (Suspension bridge) के नीचे काला सागर (Black Sea) के भीतर और बाहर समुद्री यातायात को आते जाते देख कर आनंद तथा आश्चर्यचकित हो जाये गें।
#नोट: नीचे कल का छोटा वीडियो देखे जिस मे अरदोगान के संबोधन के बाद के समारोह की एक झलक है।