19 February 2019 Post

हम चार साल मे क्या क्या नही लिखा अपने भारतवासियों को समझाने के लिय। हर तरह से समझाया कि 350 अरब परिवार के पास दुनिया की दो तेहाई सम्पत्ति है, अमेरिका का Hollywood ख़त्म हो जाये गा अगर सऊदी अपना पैसा निकाल ले वग़ैरह वग़ैरह। मगर सब लोग को लगाता था हमारे TV पर experts/ intellectuals बोलते है वह क्या जाहिल है। आज समझ मे आया न सब “कुआँ का मेडक” है।

लोगो ने देखा हो गा हम हमेशा श्री मोहन भागवत जी को address करते है जब वह ईसराईल या बाबरी का नाम लेते थे। लोग समझता हो गा यह आदमी अपने को बहुत “बोकरात” समझता है। हम पुराने संघी है हम संघ को बरबाद होने नही देना चाहते है, ऊस की बहुत सी वजह है। यह 1923 नही है जब देश के विभाजन का षड्यन्त्र रचा आप लोग और मुसलमान पर इल्ज़ाम लगा दिया।

सिरिया जिस देश मे 40 सभ्यता बहती और बसती हो वह हमेशा इतिहास लिखता है। जो हमारे experts/journalists के समझ से बाहर है। कल तो हम ने Chenghez Khan को याद करा कर ग़ुस्सा मे “मनचुरिया नस्ल” तक लिख दिया। ईस के बाद भी लोग “हिन्दुत्ववादी” सोच रखे और बिना मुसलमान के “विश्व गूरू” बनने का सपना देखे तो ईसे “कुआँ का मेडक” या जाहिल पत्रकार ही न कहे गे।

हम सिर्फ़ भारत मे तीन आदमी की बेइंतहा ईजजत करते है और कुछ चन्द लोग है। डा० मनमोहन सिंध, डा० अमर्त्यसेन और डा० रघुराम राजन। मेरा बस चले तो इन तिनो को सोना मे तौल दे। बाक़ी सब तो “कुआँ का मेडक” है।

मुकेश अम्बानी को ऐसे बैठे देख कर लोग फिर न भ्रम मे आजाये। यह जान लो टाटा के अलावा भारत के किसी उधयोगपति को न यह लोग सटाता है न स्टाये गा।