Post of 27 June 2022

कल हम ने G7 & GCC के पोस्ट के अन्त मे लिखा था कि “हम लोगो को भविष्य के दूसरे शक्तिशाली समूह तुर्किया-आज़रबाइजान-उज़्बेकिस्तान-कज़ाकिस्तान पर भी नज़र रखने की ज़रूरत है”

आज यह खबर आ गई के रूस के राष्ट्रपति यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस से बाहर कल ताजिकिस्तान जा रहे हैं और वहॉ ताजिक राष्ट्रपति ईमाम अली से मिलने के बाद वह तुर्कमेनिस्तान 29 जून को जायें गें।कैस्पियन समुंदर के पॉच राष्ट्र ईरान-आज़रबाइजान-रूस-कज़ाकिस्तान-तुर्कमेनिस्तान (G5) के सम्मेलन मे 29 जून को भाग लें गें। उस के बाद पुटिन 30 जून को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मौस्को मे मिलें गें।

हम यहॉ लोगो को बताते चलें कि सोवियत संध के 1990 मे टूटने के बाद सेंट्रल एशिया के पॉच देश सत्तर साल बाद रूस से आज़ाद हुऐ थे। जिस मे तीन देश का बोडर कैस्पियन समुंदर से जुटा था। 2019 मे पुटिन ने कैस्पियन समुंदर के पानी को अंतरराष्ट्रीय नियम के आधार पर बॉट दिया जिस मे सब से बडा हिस्सा कज़ाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को मिला।कैस्पियन समुंदर तेल और गैस से भरा पडा है।

2020 मे अज़रबाइजान ने आर्मीनिया से 42 दिन के जंग के बाद अपनी बहुत सारी ज़मीन सौ साल के बाद आर्मीनिया के क़ब्ज़ा से वापिस हासिल किया।अब तुर्किया अज़रबाइजान से रेल और रोड के रास्ते कैस्पियन समुंदर तक आना जाना शुरू कर सेंट्रल एशिया के देशो से व्यापार करें गें।पहले यह लोग वाया जॉर्जिया से व्यापार करते थे।इस लडाई मे राष्ट्रपति ट्र्म्प और पुटिन ने किसी का साथ नही दिया था और न हथियार आर्मीनिया को दिया।तुर्किया के कारण दोनो तमाशबीन रहे थे।

#नोट: बराक ओबामा और नमस्ते ट्रम्प दुनिया बदल कर चले गये और हम धुर्वीकरण कर विश्वगुरू का सपना देखते रहे।