Post of 6th March 2022

بوے گل لے گئی بیرون چمن راز چمن
کیا قیامت ہے کہ خود پھول ہیں غماز چمن
عہد گل ختم ہوا’ ٹوٹ گیا ساز چمن
اڑ گیے ڈالیوں سے زمزمہ پرداز چمن
(اقبال-جواب شکوہ)

President Putin launched its attack on Ukraine on February 24, saying its goal was the “demilitarization” and “denazification”. The operation followed months of tense talks between Moscow, Washington and NATO about security in Europe. Putin accused Western nations of ignoring World’s peace.

In last 28 years three US President Bush, Clinton and Obama launched war in 9 countries and killed 11 million people in Afghanistan, Iraq, Pakistan, Bosnia & Herzegovina, Sudan, Libya, Syria, Yemen and Palestine. But Putin’s invasion of Ukraine surprised the US-led Western powers because ‘War has returned to Europe’.

The world has punched Putin with sanctions like Iran, Iraq, Libya, Syria but this time it will backfire on Europe. The pain of sanctions won’t fall on Russia only but will affect the whole world due to rise in oil prices from $110-150 or upto $200 per barrel. The inflation in US and Europe will be high, interest rates will go up, development will be slow, unemployment will rise.

By launching war in Europe, Putin sought to destroy the so-called liberal world order of war, death and destruction of the last forty years in Africa and the Middle East.

China has also told the US don’t fuel flames in Ukraine and disturb stability and peace in the world.
“The fragrance of the rose has borne
The garden’s secret far away
How sad it is, the traitor’s role
The garden’s sweetest buds should play” (Iqbal, Jawab-i-Shikwah)

LIKE PUTIN, EUROPE MAY NOT YET KNOW HOW THE UKRAINE CRISIS WILL END.
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Hindi Translation by Kamil Khan

PUTIN’S INVASION SHOCKS THE WORLD

“बुऐ गुल ले गई बेरूने चमन राज़ चमन
क्या क़यामत है कि ख़ुद फूल हैं ग़माज़े चमन
अहद गुल ख़त्म हुआ, टूट गया साज़ चमन
उड गये डालियों से ज़मज़मा परवाज़ चमन” (ईक़बाल, जवाब-ए-शिकवह)

1999 मे पुटिन जब रूस के राष्ट्रपति बने तो यूरोप ने कहा यह #ग़माज़ (जासूस) “एक बुद्धिमान और साधारण आदमी है, जिस में गौरव और घमंड नही है”

मगर राष्ट्रपति पुतिन ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमल किया तो वही यूरोप आज कह रहा है रूस के नेता हमेशा “राक्षस” (monsters) होते है और पश्चिम के देशो के प्रजातंत्र और मानवाधिकार के खेलाफ होते हैं।

यूरोप में सुरक्षा को लेकर मॉस्को, वाशिंगटन और नाटो के बीच महीनों चली तनावपूर्ण बातचीत के असफल होने के बाद पुतिन ने पश्चिमी देशों पर विश्व की शांति की अनदेखी करने का आरोप लगाया और यूक्रेन ऑपरेशन चलाया।

पिछले 28 वर्षों में अमेरिकी के तीन राष्ट्रपति बुश, क्लिंटन और ओबामा ने 9 देशों में युद्ध शुरू किया और अफगानिस्तान, इराक, पाकिस्तान, बोस्निया और हर्जेगोविना, सूडान, लीबिया, सीरिया, यमन और फिलिस्तीन में एक (1) करोड से ज्यादा लोगों को मार डाला।लेकिन यूक्रेन पर पुतिन के आक्रमण ने अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी शक्तियों को चौंका दिया क्योंकि ‘यूरोप में युद्ध फिर वापस आ गया है”

दुनिया ने ईरान, इराक, लीबिया, सीरिया जैसे सख़्त प्रतिबंध पुतिन के रूस पर लगा दिया लेकिन इस बार इसका यूरोप पर उल्टा असर होगा।प्रतिबंधों का दर्द केवल रूस पर नहीं पड़ेगा बल्कि तेल की कीमतों में 110-150 डॉलर या 200 डॉलर प्रति बैरल तक की वृद्धि के कारण पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा।अमेरिका और यूरोप में महंगाई बढ़ेगी, ब्याज दरें बढ़ेंगी, विकास धीमा होगा, बेरोजगारी बढ़ेगी।

पुटिन ने यूरोप में युद्ध शुरू करके, तथाकथित उदार विश्व व्यवस्था के नारा वाले अमेरिका/यूरोप का अफ्रीका और मध्य पूर्व में पिछले चालीस वर्षों के युद्ध, मृत्यु और विनाश का अन्त कर दिया।

कल चीन ने अमेरिका से यह कहा है कि यूक्रेन में तेल डाल कर आग न लगायें और दुनिया में स्थिरता और शांति को भंग न करें।यूरोप के चमन के फूल की ख़ुशबूऐं और यूरोप का युग ख़त्म हुआ।

अब “पुतिन की तरह, यूरोप को भी पता नहीं है कि यूक्रेन संकट का अंत कैसे होगा”

#नोट: Kalim Khan साहेब ने यह हिन्दी अनुवाद मेरे आज के पोस्ट का किया है।