आज दो दिन से बहुत हो-हल्ला हो रहा है कि राहूल बजाज ने अमित शाह के सामने ऐकोनोमिक टाईम्स के समारोह मे सरकार के खेलाफ बिना डरे बोल दिया। कुछ लोग इन के पिता जी का स्वतंत्रता सेनानी होने का हवाला दे रहे हैं तो कोई निडर अर्थशास्त्री कह रहा है।सब झूठ है।

मगर यह सब एक सोची समझी चाल थी “बजाज-शाह” के बीच। यह बोला गया था “मुकेश-अडानी” के सरकार के प्रेम सम्बंध के खेलाफ।आज पॉंच साल मे थोडा-बहुत जिस इंडस्ट्रीलीस्ट को फायदा हुआ है वह सिरफ दो हैं। बाकी सब हाशीया पर हैं। प्रधानमंत्री के साथ सऊदी अरब मुकेश अंबानी गये जब कि मुकेश का विदेश मे कोई कम्पनी नही है। बजाज का तो थ्री विह्लर दुनिया मे बिकता है।

देखा हो गा लोगो ने शाह साहेब ने बहुत शराफ़त से जवाब दिया। यह भी माना के गलती हुई होगी तो सुधार करे गे। सामने बैठे गोदरेज के आदी गोदरेज ने किसी बात पर ताली नही बजाई। इस मे ताली वही लोगो ने बजाई जो पहले भी स्पोर्ट कर रहे थे और आज भी हैं।

केवल एक किरन मजूमदार शॉ है जिन के जर्मन डाक्टर शौहर है वह शुरू से सरकार के बारे मे बोल रही हैं। शॉ का 60% बिज़नेस मलेशिया और विदेश मे है। बाकी सब भक्त थे/हैं चाहे वह नारायणमूर्ती हों या बजाज या कोई और। मगर लूट तो सब गये और रोये गे भी सब। सवाये टाटा-गोदरेज-महेंद्रा और दो चार को छोड़ कर।

चीन-अमेरिका के ट्रेड वार और हमारे सरकार की चुनाव जीतो लक्ष्य ने भारत के व्यवसायियों की वही इज्जत दुनिया मे कर दी जो “लाइसेंस राज” मे थी। मेरी बात याद रखना लोगो, 2020 बहुत भयानक होगा। #IloveBJP