Post of 16th July 2021 and comments of Dr Misbah Siddiki was also posted on FB

दुनिया ऐसी बदली की पेंटागोन के उड़न तशत्तरी किशोर ने राहूल को कांग्रेस और संघ के “गोद और कोख” के खेलाफ बोलवा ही दिया। सारे बुड्ढा कांग्रेसीया को दिन मे तारा नजर आने लगा।सब चुप है, सब को सॉंप सूंघ गया। भगवान का शुक्र है नरसिमहा राव और प्रनब मुखर्जी दुनिया से चले गये वरना यह लोग को राहुल गॉधी फिर कोख मे वापस भेज देते।

वेल डन राहुल गॉधी, ख़त्म करो कोख और गोद का खेल। यह सदी मे यह खेल नही चले गा। राहुल इंतजार करो हमारे आदरणीय डाक्टर मोहन जी आप के पास जल्द आयें गें।

राहुल गॉधी हम पूराने संघीतकार है, हम कांग्रेस मे नही आये गे मगर आप को दुआ ज़रूर दें गे कि भगवान आप को शक्ति दे।

(#नोट: यह पोस्ट बाद मे डिलिट होगा क्योकि हम पूराने संघी हैं )
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RAHUL GANDHI MESSAGE TO DISSIDENTS, “RUN TO RSS, CONGRESS DON’T NEED YOU”: RAHUL WANTS TO END RSS & CONGRESSI “KOKH AND GOUD” GAME

सोनिया गांधी जिस बात को कहने की हिम्मत राजीव गॉधी के शहीद (21-5-1991) होने के बाद नही कर सकीं, वह कमोबेश तीस साल इंतज़ार के बाद आज उनके बेटे राहुल गांधी ने कह ही दिया। राहुल ने कहा “जिस कांग्रसी को आर एस एस मे जाना है चला जाये हम लोगो को उन की जरूरत नही है”

1991 में बहुत मुमकिन है सोनिया गांधी को सियासी समझ और एतमाद की कमी या मजबूरी रही हो मगर काश उस वक़्त या 1992 में तिरुपति सम्मेलन में कांग्रेस की बागडोर नरसिमहा राव को सौंपते वक़्त सोनिया गांधी ने ये हिम्मत दिखाई होती तो 21वी सदी का सुपर पावर भारत होता न की चीन होता।

1991 तक जिस शख्स से सोनिया गाँधी ख़ुद को उसकी बेटी कह कर मशविरा माँगती थीं उसी शख़्स नरसिमहा राव ने पहले प्रधानमंत्री फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस और मुल्क दोनो की सियासत को हमेशा के लिए बदल दिया और मस्जिद शहीद करवाने के बाद अगस्त 1993 मे चीन को दस्तखत कर के 324 km जमीन दे कर भारत का नक्शा बदल दिया।उसी वक्त एक चर्चा उठ गई थी कहीं राव साहब कांग्रेस का संघ/बीजेपी में समाहन न करवा दें।

1996 में बिहार के सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष बनाये गए जो पिछड़े वर्ग से थे।उनको अंग्रेज़ी और सवर्णों से ख़ास लगाव नही था बल्कि चिढ़ थी। बस नही चला कि पार्टी के बड़े गिरोह को समाजवाद में मर्ज करवा देते।सीताराम केसरी के साथ संघी ब्राह्मण टोला साथ नही था और बेचारे बेआबरू होकर निकाले गए।

राहुल गांधी का आज का कमेंट मेरे ख़्याल से कांग्रेस के किसी संभावित नए निज़ाम के लिए है। जो माँ नही कह सकी आज बेटे ने कह ही दिया। माँ की एक मजबूरी उसके दो नासमझ बच्चे थे जो उस ख़ानदान के वारिस भी थे और पूरे संघीतकार कांग्रेसियों से घिरे हुए भी थे। सास और शौहर खोने के बाद उस वक्त उनके लिए बच्चे बचाना ही मकसद रहा होगा।

आज जो राहुल ने कहा है वह भारत के लिये एक “एतिहासिक शब्द” है जिस की गूँज दश्को भारतीय समाज याद रखे गा। यह “कोख और गोद” का खेल अभी ख़त्म नही होगा क्योकि इस की जड़ समाज के हर वर्ग मे फैल गई है।

(#नोट: आज यह कौमेंट मेरे पोस्ट पर मेरे एक क़ाबिले एहतराम दानिशवर Misbah Siddiki साहेब का कौमेंट था जिस को हम यहॉ उन से एजाज़त लेकर थोडा फेर-बदल कर पोस्ट किया है।जनाब सिद्दीक़ी साहेब के कौमेंट की वजह कर हम वह पोस्ट अब डिलिट नही करें गें

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“NEW WORLD ORDER” : PENTAGON KISHORE , (Post of 29th October)

हम ने आज तक ओबामा के “न्यू वर्ल्ड ऑडर” जो “बुश डाक्टरॉईन” था उस पर कुछ नही लिखा है।न्यू वर्ल्ड ऑडर पर एफ़बी पर बहुत लोगो ने बहुत कुछ लिखा। न्यू वर्ल्ड ऑडर कुछ था नही, यह 9/11 के बाद बुश डॉक्टराईन था जो इराक़-अफगानिस्तान से शुरू किया गया था मगर 2006-2008 की मंदी ने इस को फैलने से रोक दिया, मगर ओबामा ने इस को अरब स्प्रिंग का नया नाम देकर फिर शुरू किया, जो सिरिया मे 2015 मे प्रिंस सलमान ने ख़त्म किया और फौल ऑफ काबूल ने तो बुश डॉक्टराईन को दफ़न ही कर दिया।पेंटागौन किशोर उसी “बुश डॉक्टराईन” की फिल्म के एक पात्र हैं जो 2011 मे UFO बन कर अमेरिका से गुजरात मे उतारे गये और 2012/2014 चुनाव मे अच्छी अदाकारी किया, मगर केन्द्र ने फाल्के एवार्ड नही दिया।किशोर के पट-कथा लेखक की कहानी जब ओबामा के 26 जनवरी 2015 के दिल्ली दौरा से बदलती नजर आने लगी तो पेंटागौन किशोर की टीम भी बदली और बिहार मे कुछ कामयाबी मिली। किशोर को यह पता नही है कि भारत के हर पार्टी के बडे नेता कोख और गोद के खेल के साथ रूस के टूटने के बाद पेंटागौन के भी 12वें खेलाडी हैं। ट्रम्प और चीन ने बुश डॉक्टराईन को तहस नहस कर दिया तो अब किशोर भारत को पेंटागौन के नये डाक्टरॉईन मे Fit करने के जल्दी मे हैं मगर राहुल गॉधी नही हैं।राहुल गॉधी चाहते हैं जिस ने देश बरबाद किया है वही चाईनिज़ जेहाद भूगते, फिर भविष्य मे सुंदर भारत बने गा। कल पेंटागौन किशोर ने कौन सी नई बात कह दी? यह तो एक आम आदमी भी जानता है कि बीजेपी के बडे नेता हारें भी तो बेजेपी रहे गी।जब पवार, राजभर, रामबिलास, माँझी, मोलायम, लालू, मायावती की पार्टी तीस-चालीस साल से जिन्दा है तो बीजेपी क्यो नही दश्को रहे गी।चाईनिज़ जेहाद और फौल ऑफ काबूल ने किशोर को भी किसिंजर की तरह नाकामयाब बूद्धिजिवी बना दिया।जय इंडिया.