Post of 10th February 2020
संघ के बुद्ध और बुद्धजिवीयो के ” घमंड, गर्व और अज्ञान” ने भारत मे राजनीतिक अंधापन पैदा कर दिया। पिछले 40 साल मे यह राजनीतिक अंधापन तो सब पार्टी मे पैदा हुआ मगर सब से ज्यादा कांग्रेस पार्टी के नेताऔ मे यह संघी अंधापन पैदा हुआ।जिस मे सब से मुखर नरसिमहा राव, अरून नेहरू आदि रहे और बहुत लोग परदे के पिछे रहे।
संघ और बीजेपी के बुद्धजिवी का यही गर्व और अज्ञान समझ नही सका की 1973 मे तेल के दाम बढ़ने या रूस के टूटने या 9/11 या सिरिया के युद्ध से दुनिया कैसे बदली। यह वही 1923 के सोंच से 1947 मे पाकिस्तान बना कर यही 5% लोग अपने सामाजिक प्रभाव को क़ायम करने मे लगे रहे और लोगो से “भारत माता की जय” का नारा लगवाते रहे।
इस सदी मे दस साल से अधिक संघ के लोगो ने राज किया मगर कोई ऐसा काम नही किया जिस से देश विश्वगुरू बन सके बल्कि जो था वह सब भी बरबाद कर दिया जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, संविधान, आपसी सद्भभाव आदि। इस मे कांग्रेस के नेताओ और बुद्धजिवियो का सहयोग भी संघ को मिलता रहा।
इसी बीच पिछले बीस साल मे रूस, चीन, मिडिल इस्ट तरक्की कर विशवगुरू बन गया। इन को जब ऐहसास हुआ कि देश हम से नही चल सकता है तो यह 377 या 370 या आरक्षण हटा कर, तीन तिलाक़, NRC, CAA, Uniform civil code कर अपने को चाणक्य साबित करने मे लग गये। मगर हर धर्म, आयु, ज़ात और राज्य की औरते या लड़की विरोध मे रोड पर आ गई और इतिहास रच दिया।उमीद है औरतो या लड़कियों के विरोध को सरकार गलत तरीक़े से ख़त्म नही करे गी। आखिर मे गार्गी और जाम्या की लड़कियों के सुरक्षा पर इकबाल के एक शेर पर ख़त्म करते हैं।
“ने परदा, न तालीम, नई हो के पुरानी
निसवानियत ज़न का नगहबॉ है फक्त मर्द”
نے پردہ، نہ تعلیم، نئ ہو کہ پرانی
نسوانیت زن کا نگہباں ہے فقط مرد