25-02-2021 pOST ON FB

हम चार साल से लिख रहे हैं 1989 से जो संघ और बीजेपी ने “बौद्धिक ग़ुलामी” पैदा कर भारतीय समाज मे ज़हर घोला उस से भारत को क्या मिला?

भारत के सारे बूद्ध और बूद्धिजीवी का ऑख नही दिल अंधा हो गया था यहॉ तक के गॉधी जी के पोता राज मोहन गॉधी भी तुर्की के खेलाफ अपने लेख मे ज़हर उगल रहे थे। मगर हम समझाते रहे संघ और गुजरात मॉडल की बौद्धिक ग़ुलामी अब हम भारतीय को दो विकल्प दे दिया। या तो मंचूरिया नस्ल पैदा करो या सल्तनते उसमानिया के गोद मे बैठो।

मोदी सरकार दोनो काम एक साथ कर रही है। नारा लगाती है आत्मनिर्भर का और चीन से 2019 मे $90 billion का सामान ख़रीदती है और 2020 मे $77 billion का ख़रीदती है और सरकारी कम्पनी को कंगाल कर अब बेच रही है।

बीजेपी की मोदी सरकार जेनेरल नरणवे को सऊदी अरब और यूऐई तावीज़ लेने को भेजती है जो सऊदी अरब अमेरिकी कम्पनी लौकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) से शस्त्र और मिजाईल बनाने की साझा कम्पनी (51:49) खोलता है।

अब भारतीय नेवी तुर्की के कम्पनी से बात कर रही है कि दो जहाज़ $2.3 billion मे बना दो। यहॉ हम लोगो को बताते चले तुर्की पाकिस्तान का चार submarine vessels बना रहा है।

चीन South-China Sea से Bay of Bengal, Indian Ocean होते हुऐ Suez Canal तक अपनी सेना रख चूका है और हम लोग को समाज मे ज़हर फैला कर देशभक्त राष्ट्रवादी बनाया जा रहा था/है (इस पर हम एक अलग से पोस्ट करे गें)

मोदी जी की संघी सरकार को अभी दो साल रखना ज़रूरी है क्योकि 40 साल मे जो गंध इन लोगो ने फैलाया है यही लोग साफ करे और भविष्य मे भारतीय समाज को इस बौद्धिक ग़ुलामी से नजात मिले।