Post of 19th October 2023

आज हम वह बात लिख रहे हैं जो अरबों की सभ्यता में प्राचीन समय से मशहूर है कि जो क़ौम फ़लस्तीन की ज़मीन पर हुकूमत करती है वह दुनिया में हुकूमत करती है।यह बात हम को हमारे एक लेबनान के क्रिसचन मित्र ने बीस साल पहले बताई थी।बहुत हद तक यह सही भी है और नहीं भी। 

मिस्र की प्राचीन सभ्यता जो सूरज और शिव को सब से बड़ा पूजनीय भगवान मानती थी वह ईसा पूर्व 1500 BCE के पहले से फ़लस्तीन (Canaan) और शाम पर हुकूमत करती थी।पुंट (Punt) जो आज सुडान है, जहां के लोग बंदर/लंगूर की पूजा करते थे उस पर भी मिस्र राज करता था। 

जब मिस्री प्राचीन सभ्यता Cleopatra के पहले ख़त्म होने लगी तो यहूदियों का पहला Hasmonean Kingdom बना जो 80 साल भी नहीं रह सका और यूरोपियन रोमन साम्राज्य ने ईसा पूर्व #63 BCE में फ़लस्तीन (Canaan) पर कब्ज़ा कर लिया जो बाद में क्रिसचन धर्म क़बूल किया और इस्लाम के आने तक दुनिया का ताक़त बना रहा।

*इस्लाम आने के बाद ख़लीफ़ा हज़रत उमर बिन खत्ताब ने #638 AD में फ़लस्तीन (बैतूलमोकद्दस) को रोमन से एक संधि कर अपने क़ब्ज़ा में ले लिया।फ़लीस्तीन पर हुकूमत क़ायम होने के बाद मुस्लिम के Abbasids (750-1258) और Egyptian Fatimids ने एशिया, अफ्रिका और यूरोप पर 500 साल हुकूमत किया।

*जब अचानक चार सौ साल बाद 1031 AD में स्पेन पर मुस्लिम हुकूमत ख़त्म हुई तो Frankish Crusaders ने #1096 AD में फ़लस्तीन क़ब्ज़ा कर लिया और अब्बासीद का मुस्लिम साम्राज्य छोटा होता गया। 

*इराक़ में 1138 AD मे सलाहउद्दीन अय्यूबी पैदा हुई जिन के माता-पिता आर्मेनिया के थे और वह Egyptian Fatimids हुकूमत में बड़े ओहदा पर पहुंच गये और फातिमीद सुल्तान के वफ़ात के बाद हाकिम बन गये और क्रूसेडर से लड़ने के लिए इराक़, सिरिया, टूनिशिया और यमन तक अपनी हुकूमत को मज़बूत किया और 91 साल बाद #1187 AD में फ़लस्तीन पर फिर मुस्लिम हुकूमत का क़ब्ज़ा हुआ। 

*1096 AD के 91 साल बाद #1187 AD  में फलस्तीन पर मुस्लिम के दोबारा क़ब्ज़ा के बाद मुस्लिम हुकूमत दुनिया में फिर फैलने लगी और सेंट्रल एशिया से यूरोप, और अफ़्रीका तक फैल गया। भारत में 1206 AD में क़ुतुबुद्दीन एबक की Slave Dynasty से मुस्लिम साम्राज्य शुरू हुआ जो 1857 में मुग़ल साम्राज्य तक चला। 

*1187 AD में फलस्तीन पर दोबारा मुस्लिम हुकूमत क़ायम होने के बाद 1299 AD में Ottomans Empire का जन्म हुआ। 1516 में, अनातोलिया में तुर्क द्वारा स्थापित ओटोमन साम्राज्य, ने Constantinople (कॉन्स्टेंटिनोपल) में Byzantine (रोमन साम्राज्य) के खंडहरों पर अपनी राजधानी स्थापित किया। Levant (आज का IsraelJordanLebanonSyria, Palestinian) में मामलुक शासन के खिलाफ चले गए। तुर्क सेनाओं ने मामलुक सेनाओं को हराया और फ़लस्तीन सहित बिलाद अल-शाम पर कब्ज़ा कर लिया। इस ओटोमन साम्राज्य ने यूरोप, अफ़्रीका और एशिया पर 623 साल हुकूमत किया। 

*WWI के बाद ब्रिटेन 1917 AD मे फ़लस्तीन का मालिक बन बैठा और ओटोमन साम्राज्य का पतन 1922 में हो गया। मगर ब्रिटेन का साम्राज्य द्वितीय विश्वयुद्ध (WWII) के बाद 1946 में ख़त्म हो गया और 1948 में इसराइल का वजूद हुआ जिस में आधा हिस्सा फ़लस्तीन बना।   

1878 AD के डेढ़ सौ साल बाद फिर मुस्लिम दुनिया मिडिल ईस्ट, सेन्ट्रल एशिया और अफ़्रीका में वैसी  तरक़्क़ी कर रही है जैसा हम-आप ने दस साल पहले सोंचा भी नहीं था।  

#नोट: यहूदी ने केनान या फ़लस्तीन पर केवल एक बार 76 साल हुकूमत किया है जिस को रोमन ने लड़ कर  खून ख़राबे के बाद 63 BCE में क़ब्ज़ा किया।दाऊद (Prophet David) और सुलेमान एलैहिस्सलाम ने 80 साल हुकूमत किया मगर वह यहूदी नहीं थे। 

इस्लाम आने के बाद 638 AD से मुस्लिम ने फलस्तीन पर हुकूमत किया है, सिर्फ़ 1096 से 1187 तक 91 साल तथा अभी 1917 से 1948 तक 31 साल नहीं किया है। 

कुछ वक्त और लगे गा जब बदला हुआ World Order फिर नज़र आने लगे गा। 
https://www.youtube.com/watch?v=Z65kWMtj95c
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman यहूदी ने केनान या फ़लस्तीन पर केवल एक बार 76 साल हुकूमत किया है जिस को रोमन ने लड़ कर खून ख़राबे के बाद 63 BCE में क़ब्ज़ा किया।दाऊद और सुलेमान एलैहिस्सलाम ने 80 साल हुकूमत किया मगर वह यहूदी नहीं थे।
इस्लाम आने के बाद 638 AD से मुस्लिम ने फलस्तीन पर हुकूमत किया है, सिर्फ़ 1096 से 1187 तक 91 साल तथा अभी 1917 से 1948 तक 31 साल नहीं किया है।

Bhanu Pratap Singh Omg

  • Mohammed Seemab ZamanBhanu Pratap Singh साहेब, चौंक क्यों गये?
    • Mohammed Seemab Zaman, Bhanu Pratap Singh साहेब, यही टोटका यहूदी अमेरिका (क्रिस्चन) को समझायें हुऐं है, इस वजह कर अमेरिका इन का ऑंख बंद कर सपोर्ट करता है। अमेरिका करें भी क्या वहाँ सारी economy इन्ही लोगों के हाथ में है।यह टोटका “कुछ हद तक सही है और नहीं भी” चीन तो बेगैर इन के सुपर पावर बन गया।

Islam Hussain 1099 में क्रूसेडर ने योरूशलम पर कब्जा करके सभी 4-5 लाख मुसलमानों का क़त्लेआम किया था, योरोपियन इतिहासकारों ने तब लिखा था कि शहर की गलियों में घोड़ों के खुर खून में डूब गए थे

  • Mohammed Seemab Zaman, Islam Hussain साहेब सही लिखा, बहुत खून ख़राबा इन लोगों ने किया था, बहुत से क्रिस्चन को भी मारा था जो उन क्रूसेडर के खिलाफ था। रोमन और क्रूसेडर ने वहाँ बहुत ज़ुल्म किया था।

Kamil Khan जो युरुसलम पे हाकिम होता है वही दुनिया का हाकिम होता है, शायद इसी लिए सब से ज़्यादा जंग युरुसलम के हुई हैं

  • Mohammed Seemab Zaman, Kamil Khan साहेब, जंग तो सिर्फ़ रोमन ने किया था और बहुत लोगों को मारा था। उस के पहले मिस्री सभ्यता में जंग नहीं हुआ।रोमन बादशाह से हज़रत उमर ने बेग़ैर जंग के एक Treaty (संधि) कर लिया था, कहा जाता है कि रोमन साम्राज्य ने पैसा लेकर वह संधि कर हज़रत उमर को फ़लस्तीन हवाले किया था।जंग तो रोमन, Crusaders और अभी यह लोग कर रहे हैं।
    • Kamil Khan, Mohammed Seemab Zaman सर किसी कहावत को कहने के लिए 1500 साल बहुत हैं, जिसने भी कहावत कही होगी उसने हज़रत उमर के वक़्त से ही चीजों को देखा होगा.

Shehaab Zafer अक्सर लोगों को इतिहास अपने हिसाब से बनाने का ख़ब्त रहता है, लेकिन अफसोस कि इतिहास कभी उनकी पसंद से नहीं बनता. आपकी पोस्ट ने भरपूर वजाहत की बेहद शुक्रिया जिस दौर मे अगला हर शख्स वार एक्सपर्ट और इतिहासकार बना बैठा है हर अक्ल के अंधे के लिए उसके हर झूठ पर तमाचा

  • Mohammed Seemab Zaman, Shehaab Zafer साहेब, मेरे भारत के बुद्धिजीवियों को यह ख़ब्त है कि “हम जो बोल दें गें और लिख दें गें वही इतिहास बन जाये गा”. उन लोगों ने कभी दूसरे ज़बान में लिखा इतिहास पढ़ा ही नहीं।इस में हम ने लिखा है कि सलाहऊद्दीन अय्यूबी के वालेदैन आर्मेनिया से आये थे मगर सब लोग लिखे जा रहे हैं कि वह कुर्द थे, जो सही है क्योंकि वह उस वक्त के कुरदिस्तान (ईराक़) में पैदा हुए थे। लोग समझ नहीं पा रहे हैं, उस पूरे एलाक़े के इतिहास को। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि इब्राहिम एलैहिस्सलाम भी कुर्द ही थे क्योंकि वह उसी ऐलाक़े के थे।सूनते हैं कि नरसिम्हा राव 18 ज़बान जानते थे मगर उन को भारत का इतिहास और भूगोल का पता नहीं था और बाबरी मस्जिद बम से उड़ा दिया।
    • Shehaab Zafer दुरुस्त फ़रमाया आपनेआज कल के हालात पर एक क़ताजिन्हें पता ही नहीं हुरमते ईमां क्या है ?हर एक ज़िम्न में…..तारीख़ के हवाले देंयही है अल्मिया इस दौर का… ख़ुदा समझेजो ख़ुद उजालों को तरसें हमें उजाले दें !!!डा० एस० ज़फ़र.

Ibrar Khan मैं ने 1979 में जो त्वारीख़ अपने वक़्त हायर सेकंडरी के नेसाब में पढ़ी थी आप ने उस को इस छोटे मगर नेहयात अहम् पोस्ट में मुख़्तसर कर के फिलस्तीन के हवाले से जो भी जानकारी दी है उस से मेरी तरह बहुत सारे लोग फैज़याब होंगे। शुक्रिया.

  • Mohammed Seemab Zaman, Ibrar Khan साहेब, हम इस को कई साल से पोस्ट करने को सोंच रहे थे मगर अब देखा कि यह सही वक्त है लिख कर पोस्ट कर दें।हम ने बहुत बहुत छोटा किया है कि ताकि लोग पढ़ लें और फिर इसी को Base मान कर आगे पढ़ें गें तो बहुत कुछ समझ में आ जाये गा। यह हम ने मुख़्तसर में तवारीख लिख कर लोगों को तारीख़ याद रखने के लिए पोस्ट किया है।

Babar Khan फिलिस्तीन के बजाय अल अक्सा कर लीजिए। जिसके पास अल अक्सा होगी वो सुपरपावर रहेगा

  • Mohammed Seemab Zaman, Babar Khan साहेब, confused नहीं होइये, पूरा एलाक़ा पैग़म्बरो का है। मेरा एक पोस्ट है “Palestine is the land of Prophets”. रामअल्लाह, खाने खलीली वग़ैरह बहुत सारी जगह वहाँ है। उस एलाक़े (सिरिया, जॉर्डन) के लोग अपने बेटा का नाम Canaan भी रखते है।