Post of 22-09-22
कल हम ने अपने पोस्ट के अंत मे लिखा था कि “यूक्रेन लडाई ने अरबी, फारसी, तुर्क नाम वालो का युग शुरू कर दिया।अब दुनिया इन्ही नामो के इर्द गिर्द घूमना शुरू करे गी”
आज खबर आई के सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने रूस के पुटिन से बात कर दस (10) विदेशी लड़ाकों को छोडवा कर रेयाद बोला लिया है।इस दस विदेशी मरसेनरिज़ मे 5 इंगलैड के थे और बाक़ी अमेरिका, स्वीडेन, क्रोएशिया, मरौक्को के थे।इंगलैड की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस तथा विदेश मंत्री ने सऊदी शहज़ादा सलमान का शुक्रिया अदा किया है।
#तुर्किया के अरदोगान ने पुटिन से बात चीत कर कल यूक्रेन के 200 लडाको और रूस के 50 क़ैदियों को अदला-बदली (prisoners’ swap) कर अंतरराष्ट्रीय जगत मे एक खास मोक़ाम बनाया है।यूक्रेन के ज़ेलेंसकी रूस से वापस आये यूक्रेनी क़ैदियों से मिले और अरदोगान का शुक्रिया अदा किया है।
दुनिया और राष्ट्रपति पुटिन को मालूम है कि सऊदी अरब ने 1939 से डॉलर मे तेल बेच कर अमेरिका को सुपर पावर बनाया और 1973 मे अमेरिका-यूरोप पर “तेल प्रतिबंध” लगा कर तेल को हथियार बनाया।पुटिन तुर्क नाम का महत्व जानते हैं जिस ने चार सौ साल रूस को Black Sea मे घुसने नही दिया जिस के कारण रूस को “ज़ारिस्तान” शहर और बंदरगाह बनाना पडा जिस का नाम बाद मे पिटर्सबर्ग या लेनिनग्राड हुआ और आज पिटर्सबर्ग है।
सऊदी अरब के शाह सलमान ने अमेरिका और ओबामा के Arab Spring (2011) का जनाज़ा पुटिन को अगस्त 2015 मे सिरीया मे बोला कर निकाला और बदले मे OPEC+ मे रूस को सदस्य बना कर विश्वगुरू बना दिया।
#नोट: ओबामा का अरब स्प्रिंग अगर सिरीया के तरह दूसरे अरब देशो को बरबाद करने मे कामयाब हो जाता, अरदोगान Army Coup (2016) मे मार दिये जाते तो भारत मे 2014 मे बनी दक्षिणपंथी सरकार के नेता बहुत कामयाब साबित होते और वह विश्वगुरू होते और अमेरिका के लिए एक एसेट (Asset) होते।भारत मे सौ साल की सोंच अपने उरूज पर होती और वह सब कुछ कर लेती जिस का वादा बहुसंखयक समाज को कर रखा था।मगर ओबामा के अंधे हो गये दिल ने दुनिया बदल दिया, भारत को बरबाद कर दिया।जय अल हिन्द।