Post of 15th April 2022

गुरूवार को रूस का ऐनटी एयर क्राफ़्ट केरियर #मौसकोवा जहाज़ दो टुकरा होकर ब्लैक सी मे डूब गया।रूस कहता है कि यह एक आग लगने की दुर्घटना है मगर यूक्रेन इस को मिज़ाईल से मार कर तबाह करने का दावा करता है।

मौसकोवा को 1982 मे सोवियत संघ ने $735 million मे 186 मीटर लम्बा जहाज़ बनाया था। यह उस वक्त से रूस की शान है और इस को रूस के टूटने के बाद 2010 मे राषट्रपति पुटिन ने कुछ बदलाव कर और आधुनिक बनाया था।

2003 मे मौसकोवा पर पुटिन ने इटली के प्रघानमंत्री बरलुसकोनी का इस जहाज पर भव्य स्वागत किया था और 2014 मे मिस्र के राषट्रपति सिसी का रूस के बंदरगाह सूची मे स्वागत किया था। कहा जाता है कि सिसी ने पुटिन से मिस्र के लिए ऐसा एयर क्राफ़्ट जहाज बनाने की इच्छा ज़ाहिर किया था।

आज से 40 साल पहले 1982 मे इसी तरह का अर्जेंटीना के नौसेना का “बेलगरानो” नाम का जहाज़ यूके ने फॉल्कलैंडस की लडाई मे डुबाया था जिस मे 300 नौसेना के लोग डूब कर मर गये थे।

कहा जा रहा है कि मौसकोवा जहाज़ मे 500 सैनिक थे जिस मे तुर्की ने 54 को काला सागर मे अपनी मौजूद नौसेना के जहाज़ से बचा लिया, बाकि का पता नही है।कल मौस्को मे और्थोडौक्स चर्च मे मरे लोगों के लिए प्रार्थना सभा हुआ।

यह काला सागर मे रूस के नौसेना का सब से बडा जहाज़ था और यह यूक्रेन लडाई मे उडेसा बमबारी मे भाग ले रहा था।अब रूस के नौसेना का कोई दूसरा बडा जहाज़ तुर्की के 1935 Montreux Convention के तहत ब्लैक सी मे अंदर नही आ सकता है।तुर्की को यह अधिकार है कि लडाई के समय बौस्फोरस के रास्ते से किसी भी जहाज को ब्लैक सी मे जाने से रोक दे।

इस जहाज के डूबने से रूसी नौसेना के मनोबल को बहुत धक्का लगा है जिस की भरपाई करना मोशकिल है।साथ साथ पुटिन के गौरव और नेवी की क्षमता को बहुत नोकसान हुआ है मगर इस से यूक्रेन यह लडाई रूस से नही जिते गा।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman यह जहाज़ के डूबने से पुटिन के शान और इज्जत को बट्टा लगा है मगर इस लडाई मे लडाकू हथियार से बडा हथियार “तेल और गैस” है जो इस लडाई का decisive factor है। कल से तेल का दाम फिर $110 से ऊपर चला गया है। चार दिन गुड फ़्राइडे के कारण यूरोप और अमेरिका बंद है और अब मंगलवार को खबर आनी शुरू होगी। सारे पत्रकार छुट्टी पर चले जाते हैं जो खबर है वह अलजजिरा और तुर्की के टीवी वाले दे रहे हैं।

  • Aquil Ahmed, Mohammed Seemab Zaman सर , असल के level भले ही यूक्रेन के लगे हो लेकिन लड़ाई तो NATO ही लड़ रहा है ….भले ही लड़ाई कोई जीते लेकिन जिस तरह रूस को घेर लिया गया है इस लड़ाई में , और यूक्रेन ally के विरुद्ध चीन जैसे ally खामोश दिख रहे ..अंततः पश्चिमी देशों के दबदबे को चुनौती देना फिर निकट भविष्य बहुत कठिन हो जाएगा
  • Mohammad Ahmed Tasleem, Aquil Ahmed होने दो भाई ना अमेरिका सुपर पावर बनेगा ना रसिया इन दो महा शक्तियों का नुकसान बहुत बड़ा होगा लेकिन यूरोप तो तबाह बर्बाद हो जाएगा क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ यूरोप में ही लड़ी जाएगी यूरोप के बगैर अमेरिका लंगड़े घोड़े की तरह है
  • ActiveArif Kamal, Aquil Ahmedसही कहा।पुतिन के लिए परीक्षा की घड़ी है।देखना दिलचस्प होगा कि इस स्तिथि में अब वो क्या फैसला लेते है।असली स्टेटमेंन की पहचान बुरी घड़ी में ही होती है।लेकिन पुतिन की हार अगर होती है तो आधी दुनिया की उम्मीद टूट जाएगी।
  • Aquil Ahmed, Arif Kamal भाइ , सही कहा मैं हैरान हूं कुछ लोग यह क्यो नही समझना चाहते लड़ाई योरोप में जरूर लड़ी जा रही और योरोपिय देशो के लिए कठिन समय जरूर है लेकिन वो सम्पन्न देश है जल्द ही रिकवरी कर लेगए पर जैसे ही रूस हारा तो NATO और मजबूत होगा और अगली बारी एशिया की होगी और बताना नही पड़ेगा इस मे US किसे कंधा बनाएगा…US के धरती से रक्षा मंत्री के उत्साही बयान संकेत देने को काफी है.

Shakib Khansaab बढ़िया लेख सर.

Abdul Bari बहुत बेहतरीन पोस्ट .. इससे यूक्रेन रूस से नहीं जीतेगा लेकिन उसके गौरव को तार तार कर दिया।

Moin Mohammed Moin उम्दा मालुमात सर जी। अगर शैतानी ताक़तों की हार के लिए रूस का जितना ज़रूरी है तो हमारी हमदर्दी पुतिन के साथ है।

चौधरी ज़ैद सर मुझे नही लगता यूक्रेन इतना पावर फूल है जो रूस के समान को तबाह कर सके.

Sirajuddin Zainul Khan आपने ने कहा भी था पुतिन को भी नही मालूम जंग कब खत्म होगी आपकी बात सच हो गई, सरजी

Sirajuddin Zainul Khan ये दुरघटना तो नही है खास कर इस वक्त में जब लड़ाई चालू हो.

  • Mohammed Seemab Zaman इस घटना का चश्मदीद गवाह सिर्फ तुर्की है मगर वह चुप है। बात बाद मे खूली गी कि हुआ क्या है मगर जहाज तो डूब गया।

Anup S Jaju युक्रेन बहुत ज्यादा दिन survive कर गया….. क्या इसे रुस की हार माना जाना चाहिए ?

  • Mohammed Seemab Zaman यूक्रेन को बाईडेन ने फँसा दिया। अक्टूबर 2021 से आठवीं बार बाईडेन ने कल यूक्रेन को $800 million का लडाई का सामान दिया। इस के पहले वह $200-400 million का सामान सात बार दे चूका है। इसी वजह कर यह survive कर रहा है।

Vinay Kumar Singh यूक्रेन खत्म होने पर आमादा है रूस कब तक धैर्य रखें.

  • Mohammed Seemab Zaman, Vinay Kumar Singh साहेब, समझ मे नही आता है ज़ेलेंसकी किस चीज़ के इंतजार मे 52 दिन से अपने लोगो को तबाह कर रहा है। मेरे ख़्याल से यह चाह रहा है कि रूस कोई मिजाईल गलती से किसी नेटो देश पर मार दे तो फिर यूरोप लड़ना शुरू करे गा और यह तमाशा देखा गा।गौर किजये गा ज़ेलेंसकी रोज़ एक नई बात कहता है और चेहरा पर कोई परिशानी नजर नही आती है। जब के इस को पता है रूस हार नही माने गा, इसी को हार मानना है फिर बात कर मामला हल होगा। हम तो इस खबर को अब follow करना छोड दिया है।
  • Vinay Kumar Singh, Mohammed Seemab Zaman सर आप सभी को तो पढ़ते हैं लेकिन यह नौटंकी आगे बढ़ रही है तो आगे का रास्ता भी आप सभी ही देख रहे होंगे.
  • Vinod Sardana, Mohammed Seemab Zaman Ji, please check Google translator:Ukrainian to English:Zele nsky means Evil.इसका क्या अर्थ निकलेगा ?Geopolitics के हिसाब से सटीक case study बनता है.
  • Mohammed Seemab Zaman, Vinod Sardana साहेब, यह बहुत हुशयार है, यह शैतान से भी ज्यादा तबाही मचा रहा है। सही कहा यह geopolitics का important case study बन गया है।

Lalit Nayyar युद्ध में इस तरह की मोर्चे टूटते, बनते रहते है।पर लड़ाई को रणनीति के हिसाब से लड़ना अगर रूस को नही आता होगा तो ये वाकई उनकी सैन्य क्षमता पर सवाल है।

Umar Farooq Gouri कोई जीते या हारे मगर भारत का गेहू पूरी दुनिया मे सप्लाई होगा जिससे हमें विदेशी मुद्रा मिलेगी क्योकि अब यूक्रेन की ताकत नही की वो पूरी दुनिया मे गेहू सप्लाई कर सके.

Shahnawaz Siddiqui ये लड़ाई रूस और यूक्रेन की है ही नहीं। यूक्रेन की औकात रूस के आगे 72 घंटे से ज़्यादा टिकने की नहीं थी। ये लड़ाई अमेरिका और रूस की हो रही है यूक्रेन की ज़मीन पर। मोस्कावा भी अमेरिका की टेकटीकल गाइडलाइंस से ही डूबा है जिसमे करीब 450 रुसी मारे गए हैं।इस समय सबसे बड़ा खतरा जैलेंसकी की जान को है। जब भी अमेरिका को लगेगा कि वो लड़ाई खत्म करना चाहता है, अमेरिका उसे खत्म करके अपना आदमी को प्रेजिडेंट बना देगा जिससे की लड़ाई बंद ना हो। रूस 15 बिलियन डॉलर रोज़ का खर्चा नहीं उठा सकता और इसलिए रोज़ाना परमाणु बम की धमकी दे रहा है, धमकी कमज़ोर देता है जीतने वाला नहीं जैसे कारगिल मे मुशर्राफ देता था। आगे आगे देखिए होता है क्या लेकिन यह तो तय है कि रूस अमेरिका की चाल मे फंस गया है।

  • Arif Kamal, Shahnawaz Siddiqui आपकी बात सही है।पर अगर परमाणु युद्ध हो गया तो सारी चालाकी अमेरिका की उल्टी पड़ जाएगी।और अगर रूस बिना परमाणु का इस्तेमाल किये हार गया तो अमेरिका फिर से हावी हो जाएगा।1992 कि तरह।

Anas Saieed Hashmi सर ये एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज़ न्यूक्लियर पावर से चलती गालीबन , अगर ऐसा है तो उस एरिया में काफी नुकसान होगा ।

  • Mohammed Seemab Zaman यह जहाज़ तेल और गैस ट्रबाईन बेस था। न्यूकिल्यर नही था।

Anish Akhtar बहुत खूब ..शानदार पोस्ट.

Mohd Shaan नई जानकारी से भरपूर उम्दा पोस्ट “सर”