FB Post of 1st August 2021
आज हम ने अफगानिसतान के पूर्व राष्ट्रपति हामीद करज़ई का इंटरविव RT पर सूना और बर्मा मे आज एक साल के लिये आपातकाल की नई घोषणा तथा मिज़ोराम, अरूनाचल, मनीपुर मे उथल पथल पढ कर और दुनिया मे डेलटा वेरिएंट का शोर सून कर हम को देश के भविष्य के बारे बहुत चिंता और बढ गई।
करज़ई ने कहा कि वह 2013 मे जब आखरी बार अमेरिका गये थे तो बरेज़ेंसकी (Brzezinski) जो पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन के सुरक्षा सलाहकार थे उन्होने खाने पर बोलाया था। करज़ई ने बरेज़ेंसकी को कहा कि अफगानिस्तान 300 साल से महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजीक लोकेशन पर है और अब के सुपर पावर चीन और रूस के बीच मे है।अफगानिस्तान की जमीन रूस और चीन के लिये आर्थीक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है।
करज़ई ने कहा तालेबान अफगानी हैं और वह मेरे भाई हैं, वह दाईश (आईएसआईएस) के तरह बाहर से नही भेजे गये हैं। जब वह राष्ट्रपति बने थे तो तालेबान को माफ कर दिया था और वह लोग घर बसा कर बीवी बच्चो के साथ रहने लगे थे मगर अमेरिका ने बमबारडमेनट कर के बाग़ी बना दिया।करज़ई ने कहा अभी भी बात दोहा मे चल रही है और उमीद है कि समझौता हो गा। करज़ई अभी रूस के दौरा पर थे।
आज बर्मा के सैनिक शासक ने एक साल के लिये आपातकाल की फिर घोषणा कर 2023 मे चुनाव की बात कही। यानि बर्मा मे करेन, शान, काचीन के विद्रोही सेना के खेलाफ लडाई जारी रखे गें और हमारे मिज़ोराम, मनीपुर, नागालैंड मे शरणार्थी आते रहें गें और कोविड भी लाते रहें गे और पूरा एलाक़ा 2024 तक शांत नही रहे गा।
आज अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह अहलेवालिया ने कहा जीडीपी पर बात करना बेकार है क्योकि दिसंबर तक वैकसीन कितना और कहॉ से आये गा यह सरकार नही बता पा रही है।उन्होने कहा सब से बडा सवाल यह है कि दो साल मे सरकार अर्थव्यवस्था को कैसे पटरी पर लाये गी?
सौ साल के सोंच वालो ने देश को बरबाद कर दिया और आजादी के बाद पहली बार देश गंभीर सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थीक संकट से गुजर रहा है।इस सियासी माहौल मे सामाजिक और आर्थीक हालत मे सुधार लाना नामोम्किन है।