Post of 7 September 2022
1931 नवम्बर मे इक़बाल लंदन से वापसी मे रोम गये।उस वक्त ईटली के प्रधानमंत्री मुसोलिनी (Benito Mussolini) थे।मुसोलीनी को जब पता चला कि इक़बाल रोम मे हैं तो उस ने अपने एक सटाफ से कहला भेजा की मुसोलिनी उन से मिलना चाहते हैं।इक़बाल ने दावत क़बूल कर ली।
इक़बाल मुसोलिनी से मिलने गये, वह एक बडे से टेबुल के क़रीब बैठे थे जिस पर काग़ज का अंबार पडा था।बहुत सी बात दोनो के बीच हुई।मुसोलिनी ने इक़बाल से सरकार चलाने के लिए कुछ अछूता मशवरह (unique advice) मॉगा। इक़बाल ने कहा,
“हर शहर की आबादी मोक़र्र (fixed) कर के उसे हद से न बढ़ने दो, इस से ज्यादा बसने वालों को नई बस्ती बनाई जाये।” मुसोलिनी हैरान हो कर पूछा इस मे क्या हिकमत/मसलेहत है? इक़बाल ने कहा कि शहर की आबादी जिस तरह बढ़ती जाती है तो उस की संस्कृति और आर्थिक उर्जा कम होने लगती है, चोरी और अपराध बढ़ने लगते हैं, देश तबाह होने लगता है”
इक़बाल ने मुसोलिनी को कहा यह मेरा निजी अनुभव नही है बल्कि मेरे पैग़म्बर ﷺ ने आज से 1300 साल क़बल यह शिक्षा/हेदायत दिया था कि जब मदिना शहर की आबादी एक हद से ज्यादा बढ़ने लगे तो कुछ दूर पर एक नया शहर बनाया जाये।यह हदीस सूनते ही मुसोलिनी कुर्सी से खडा हो गया और दोनो हाथ टेबुल पर मार कर कहा “What an excellent idea.”
आज 1400 साल से मुस्लिम हुकमरॉ इस हदीस पर अमल कर रहे हैं।मोग़ल ने अलीगढ, आगरा, इलाहाबाद, लाहौर वगैरह सैकडो नया शहर भारत मे बनाया।नजफ़ और करबलाह से कुछ दूर बग़दाद नया शहर इमाम अबू हनिफा के वक्त मे बना।कहा जाता है कि किसी मूल्क मे 500 साल मे कोई नया अजूबा एतिहासीक शहर बनता है।भारत मे मोगल तीन सौ साल मे बहुत नया शहर बना कर चले गये।
अब सऊदी अरब पॉच नया और अजूबा शहर $1.1 trillion खर्च कर बना रहा है। इतिहास मे अब तक इतने बडे पैमाने पर निर्माण कार्य (construction work) दुनिया मे नही हुआ है। 2015 मे सलमान जिन्होने नया सुंदर रेयाद शहर बनाया बादशाह बने। 2016 से दुनिया का पहला AI based शहर NEOM समुंदर के किनारे बनना शुरू हुआ।अभी पॉच नया शहर बन रहा है और 15 giga-projects पर काम हो रहा है। Line City तबूक शहर से दूर बन रहा है।लिंक कौमेंट मे पढें।
#नोट: ईरान की नई राजधानी तेहरान, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद, दुबई, क़ज़ाखस्तान का नया शहर नूर सुलतान, मिस्र मे कैरो से दूर नया राजधानी, इंडोनेशिया मे बोरनियो मे नया राजधानी, सूडान मे नील दरिया के दूसरे तरफ नया शहर…
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman यह जो हम ने इकबाल और मुसोलिनी की बात लिखी है, हम ने बहुत पहले यह बात इक़बाल पर लिखी गई किताब “रोज़गारे फकीर” मे पढ़ी थी। यह किताब अभी भी मेरे पास है। इंटरनेट पर भी अंग्रेज़ी मे यह कहानी लिखी मिलती है। जिन को पढना है वह पढ लें मगर हम ने यहॉ किताब मे लिखी बात लिखी है।
- Aquil Ahmed, Mohammed Seemab Zaman सर , कोसिस तो दिल्ली वाले भी कर रहे NCR develop कर …लेकिन दिल्ली की समस्याएं कम होती नही दिख रही …..दिल्ली के पानी की समस्या आगे विकराल रूप लेने वाली है
- Shehaab Zafer स्वर्ग को भी नारकीय बना देने वालों को इससे क्या मतलब.
Hasan Rajput सर हिंद में मुगलों से पहले भी ममलूक, तुर्क सैय्यद वंश और जो घर वापसी करे मुस्लिम सवर्ण (राजपुत, ब्रह्मण) समाज सबने भारत को बहुत कुछ दिया नए शहर मंडी बाज़ार सेना खेती मोल भाव आदि।
- Mohammed Seemab Zaman शेर शाह जो पॉच साल मे बना कर गया है वह पहले भारत मे कभी नही किसी राजा ने दिया। वह अजूबी अजूबी चीज़ भारत को दे कर गया। डाक टिकट उसी का निकाला है।
عبد الحسیب आज भारत में मुगलों दुवारा बनाएं/ बसाए गए शहरों का नाम बदल कर गरवमांतीत हुआ जा रहा , असल मे यहां इनका कोई इतिहास नही है ,वही कुछ लोग अरब के तरक्की नए नए शहर को दज्जाल की आमद का जरिया बता रहे है ,कोई न , हसद / जलन निकम्मेपण में लोगो की बुद्धि भरष्ट हो जाती है
- Mohammed Seemab Zaman इसी से तो हम ने यह इकबाल की कही हदीस कोट किया है ताकि जो उर्दु नाम वाले दज्जाल का फतवा दे रहे हैं वह चुप हो जायें।जहॉ तक नाम पता भारत मे बदलने की रेवायत आजादी के बाद चली उस को चीन ने सीख लिया और देखा देखी अरूनाचल मे 14 जगह का Chinese नामकरण कर दिया। मगर सब चुप हैं।
- Farooq Khan 95% मुस्लिम जगत हदिथों के शाब्दिक अर्थ पकड़ कर उसका अर्थ निकाल लेता है जबकि हक़ीक़त मैं हदिथों का भावार्थ और सन्दर्भ कुछ और होता है… यही आज कल हों रहा है…उन हदिथों के ग़लत क्वोट करके हर आधुनिक चीज़ को दज्जलीयत का नाम दे दिया जाता है.
- Sirajuddin Zainul Khan, Mohammed Seemab Zaman बड़े बड़े मौलवी भी दज्जली फितना बता रहे है,कहते है उनके पैरों में चप्पल नही थी बद्दू थे आज बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में रहते है etc, हसद और जलन से जब तक उर्दू नाम वाले दूर नहीं होगे ऐसे ही पिटते रहेंगे,
Kamil Khan वाह सर पोस्ट पढ़ कर दिल खुश हो गया अपने रसूल s w की तारीफ़ के लिए तो लफ़ज़ ही नहीं हैं कि 1400 साल पहले दुनिया का सब से बेहतर निज़ाम कायम कर दिया जो आज भी उतना ही नया है जैसा अपने शुरू के समय मे था फिर इकबाल की तारीफ़ के उन्हों ने अपनी ऐसी इज़्ज़त बनाई के मोसोलीन जैसा शख्स उन से मशवरा मांग रहा है, और आप की तारीफ़ ये के एक बात को समझाने के लियेे दो इतनी मजबूती मिसालें पेश की, और एक बात और समझ मे आई के आप क्यों शहज़ादा सलीम का मज़ाक बनाते हैं शहरों का नाम बदलने को लेकर
- Mohammed Seemab Zaman, Kamil Khan साहेब, शुक्रिया। देखये नाम पता बदलने का रेवाज आजादी के बाद भारत मे शुरू हुआ, खास कर मुस्लिम नाम को बदलने का। मायावती ने भी बहुत नाम बदला मगर शहजादा सलीम से हम को एलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने पर बहुत ग़ुस्सा है। प्रयागराज तो एक शहर संगम मे था ही। एलाहाबाद अकबर का बनाया शहर है, उस का नाम इस आदमी ने बदला जब की राजपूत को मोगल ने साथ रखा। यह लोग मोगल मे सटे थे। अंग्रेज भी एलाहाबाद का नाम नही बदला और उसी को यूपी का बडा शहर बनाया, मगर इस ने नाम बदला।
Javed Hasan वाह, बेहतरीन कोट किया है आपने इकबाल को और ये सरप्लस को इन्वेस्ट करने का भी बेहतरीन तरीका है.
ßikram Singh सिख गुरु साहिबान ने करतारपुर, किरतपुर, गोइंदवाल, अमृतसर, आनंदपुर नामी जगह बसाये, जहाँ कीर्तियों को ब्राह्मण गांवों और शहरों के बाहर निकाल देते थे वहीं हमारे गुरु साहिबान ने किरितयों के शहर बसाये इसमें अमृतसर सबसे अवल है, जहाँ जंगल या बियाबान था कभी।
Md Iqbal मुगलों से पहले दिल्ली सल्तनत के तुग़लक़ खानदान ने भी बहुत से शहर बसाए थे, फिरोज़ शाह तुगलक ने फिरोजाबाद, हिसार, फतेहाबाद, और जौनपुर जैसे शहर बसाए हैं.
Skand Kumar Singh हमारे मोदी योगी जी ने भी कईं नए शहर नए रोड़ बनाए है।पुरानों के नाम बदल कर।
Khursheeid Ahmad शानदार पोस्ट सर , अल्लामा इक़बाल ने सही कहा था हज़रत उमर ने सिर्फ दस वर्ष से कुछ अधिक हुकूमत की थी इस में तीन ऐसे शहर बसाए जो आगे चलकर सांस्कृतिक राजधानी बने वह शहर हैं इराक़ में कूफा व बसरा और मिस्र में फुस्तात. हज़रत उस्मान ने ट्यूनीशिया में कैरवान शहर बसाया जो कभी नार्थ अफ्रीका का सबसे बड़ा शहर हुआ करता था
- Mohammed Seemab Zaman शुक्रिया जनाब, यह हम को पता नही था की कूफा और बसरा हज़रत उमर के वक्त मे बना।
- Shehaab Zafer आपने सही कहा मुसलमानों ने पूरी दुनिया में शहर बसाए हैं, कूफा और बसरा जैसे शहर हज़रत उमर ने बसाए।इजिप्ट की राजधानी काहिरा को अमर बिन अल आस ने बसाया, जब ये शहर क़ायम हुआ तो इसका नाम था फुस्तात अर्थात खेमों का शहर, क्योंकि जब वहां मुस्लिम फ़ौजी गए तो खेमों मे रहते थे, फिर उसी की बुनियाद पर अफ़्रीका महाद्वीप का अपने दौर का सबसे बड़ा शहर काहिरा बना।दिल्ली सल्तनत के तुग़लक़ खानदान ने भी बहुत से शहर बसाए थे, फिरोज़ शाह तुगलक ने फिरोजाबाद, हिसार, फतेहाबाद, और जौनपुर जैसे शहर बसाए।मुगलों ने आगरा, इलाहाबाद, और लाहौर जैसे शहर बसाए। आधुनिक बैंगलोर और जयपुर सर मिर्ज़ा इस्माइल ने बसाया है।आज के युग में मुसलमानों ने दुबई, अबू धाबी, दोहा, रियाध, जैसे शहर बसाए हैं, और भविष्य के लिए Neom सिटी जैसे शहरों का समूह बसाने की योजना पर काम कर रहे हैं।
- Shahrukh Ali حضرت عبداللہ ابن مسعود کے ذمے کیا اور کہا تھا میں اپنی جان پر عبداللہ ابن مسعود کو ترجیح دے رہا ہوں کیونکہ میرا دل تو نہیں چاہتا ہے کہ مدینہ منورہ سے کوفہ بھیجوں مگر لوگوں کے لئے تعلیم بہت ضروری چیز ہے ؟ اور آپ تو جانتے ہیں سر کے مسلمانوں نے تعلیمی میدان میں کتنا زیادہ کام کیا جس کا کوئی مقابلہ نہیں ہوسکتا ہے
26/09/2022 at 8:57 AM
Sir बहुत याद किया आप को
पिछले १५ दिन में दुनिया में काफी उथल पुथल हुई है.
यह पोस्ट भी आप की लाजवाब है.
अल्लाह लम्बी उमर दे आप को.