Post of 8 August 2022

अब समय आ गया है, भारत के पुरातत्व वेदाओं/ archaeologists मिस्र, मेसोपोटामिया, बेबीलोन तथा सऊदी अरब जा कर 5.000-8,000 साल पूराने “चित्रात्मक लिपि”, “भगवान”, “देवी”, “देवताओं” पर शोध करें ताकि सच्चाई जान कर हम लोगो का ज्ञान बढे और कोर्ट, कचहरी जा कर आस्था के नाम पर फैसला न हो।

पिछले 10 साल से मिस्र और मिडिल ईस्ट मे मिस्री, सऊदी, जर्मन पुरात्तत्वयता तथा वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं जिस से प्राचीन सभ्यता,धर्म और लिपि की रहस्यमय जानकारी प्राप्त हो रही है।

ब्रिटिश आर्टीफिशिल इंटेलिजेंस (AI) के शोध से पता चला है कि दुनिया की पहली प्राचीन सभ्यता मेसोपोटामिया (असेरियन, सूमेरियन, बेबीलोन) मे पहली #लिपि” लिखी गई।भारत मे सिन्धु नदी घाटी सभ्यता मे कुछ चित्रात्मक वस्तु मिलते हैं, या फिर बहुत बाद के भगवान बुद्ध (400 BC) तथा अशोक (268 BC) के समय का पत्थर पर किया काम मिलता है, मगर उस के पहले का कुछ नही मिलता है।

पिछले साल ‘सऊदी विरासत आयोग’ ने मेसोपोटामिया के Babylon city (1894-1595 BC) के वक्त का सऊदी अरब के शहर तबुक, हायेल, तायेमा के पहाडो पर प्राचीन चित्र और चित्रात्मक लिपि का पुरातात्विक खोज किया है।

#पहली तस्वीर Babylonian King Nabonidus (556-539 BC) के विशेष रूप से प्रागैतिहासिक रॉक उत्कीर्णन चित्र (petroglyph) तथा धार्मीक प्रतीक खोज कर दुनिया को अपने प्राचीन सभ्यता होना बताया है।

#दूसरी और #तीसरी तस्वीर नजरान शहर के पहाड पर प्राचीन लिपि कुरेदी मिली है जिस से बाद मे अरबी लिपि बनी (लिंक कौमेंट मे पढें).

#चौथी तस्वीर नजरान के पहाड मे दो औरत की है।एक औरत ज़ेवर पहने है और दूसरी औरत भाले लिए मर्द के साथ नृत्य करती नज़र आ रही है।

#नोट: भारत मे कोई प्राचीन 19वीं शताब्दी BC या उस के पहले का कोई प्रतीक, चित्र, या लिपि पहाड पर उत्कीर्णित (petroglyphs) नही मिले गा। ज़रूरत है शोध कर सच जाना जाये ताकि भारत का #उज्जवल भविष्य हो। जय अल हिन्द।

https://www.arabnews.com/node/2042571/saudi-arabia?fbclid=IwAR0RVX7x_ucz136aMcXlL4af9r03C4msT-OX0S-zyy9dyQlOiNqCNmIglNU
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SOME COMMENTS ON THE POST

Mohammed Seemab Zaman कल मेरे Mesopotamia वाले पोस्ट पर Syeda Naushaba Warsi साहिबा ने “चित्रात्मक लिपि” के बारे मे लिखा जिस के कारण यह पोस्ट आज किया। मेरे पास एक साल पहले से Saudi Heritage Commission का बहुत सा लिंक है, मगर पोस्ट नही लिखा था। अब तो सऊदी मे मंदिर भी निकल रहा है। ज़रूरत है हम लोगो को सतर्क होने का कहीं “देश वापसी” की नौबत न आ जाये।

  • Zeeshan Raeen, Mohammed Seemab Zaman hahahah Sir desh wapsi kese karainge, Visa nahi mila to kaha jayenge.
  • Prateek Rao आर्यों के आगमन(हमले) के बाद से और हर्यक वंश की शुरुआत के पहले का तकरीबन 1700साल का इतिहास गायब है.
  • Reyaz Ahmad Khan, Mohammed Seemab Zaman साहब! इस हिसाब से मुर्ति पूजक समाज तो उधर ही था.
  • Syeda Naushaba Warsi, Mohammed Seemab Zaman सर जी अहो भाग्य हमारे जो आपने हमारे एक कमैंट्स पर एक पूरा पोस्ट करदिया। 
  • Syeda Naushaba Warsi, Reyaz Ahmad Khan ये तो सच है, आखिर बूत परस्ती वही तो थी।

Saurabh Prasad बिल्कुल सही कहे जनाब। यहां शोध के नाम पर सिर्फ कमीशन खाया जाता है, गाड़ी बुक करने में कमीशन, होटल में रुकने में कमीशन, बिल बनाने में कमीशन, घूमने में कमीशन।
अगर चीन हमला किया तो एलीट क्लास पहले यूरोप अमेरिका निकल लेगा।

  • Tur Khan, Saurabh Prasad चीन हमला नहीं करेगा उसको हमले की क्या जरुरत है जब जमीन बिना हमले के प्यार से मिल रही है और कंस्ट्रक्शन भी लगातार चल रहा है.

Mirza Saalim Baig सर जो MP #उदय_गिरी जिला विदिशा (अशोक की बीबी का नाम) एक गांव हे 4 km दुर विदिशा से वहा जो पहाड़ पर मुर्तिया उकेरी हुई हे और जो आदमी के बदन के उपर घोड़े का सर लगा हुआ हे आप उसके बारे मे क्या केह सकते हे लगभग कब की होंगी,,,

  • Mohammed Seemab Zaman वह सब अशोक के बाद का है। अशोक के वक्त मे तो सिकंदर के लोग उस के मंत्री थे। वह लोग वहॉ से सब technology ले कर आये। मेरा ख्याल है कि यह सब अशोक के बाद 2nd century AD मे बना होगा।

Islam Hussain यह देहरादून के पास अशोक का शिलालेख है, इसमें भी. हमने ढूंढा तो हमें 250 BC के इस पुराने शिलालेख में संस्कृत मिली नहीं, ब्रह्मी लिपी थी, अब आप ही ढूंढिए।फोटो इसी जून का है।

May be an image of 2 people and people standing
  • Mohammed Seemab Zaman, Islam Hussain साहेब, सही लिखा 250 BC के शिलालेख मे संस्कृत नही मिले गा। वह सब पाली मे लिखा मिले गा, बिहार मे कही भी संस्कृत मे लिखा अशोक के वक्त का नही मिलता है। मेरा तो अंदाज़ा है कि यह पाली भी उधर ही से आया, उस के पहले यहॉ कुछ नही था, सिन्धु घाटी मे चित्रात्मक प्रतीक है मगर decode नही हुआ है।

Sanjay Nagtilak कही की भी प्राचीन सभ्यता हो उसमें नाग की मूर्ति या चित्र दिखाई देता हैं.

  • Mohammed Seemab Zaman, Sanjay Nagtilak साहेब, आप ने पकड लिया तस्वीर से। हम ने पोस्ट मे केवल लिखा था धार्मीक प्रतीक मिला है। देख रहे हैं न नाग, सूरज, चॉंद है। शोध हो गा तो पता चले गा नाग और सूर्य सब वहॉ से ही आया।हम इंतज़ार मे हैं कि कोई बडा पिरामिड खूले और भजन और महाकाव्य वाली लिखावट मिले और decode हो तो सब चीज़ सामने आ जाये गा।
  • Kamil Khan, Sanjay Nagtilak साहब पोस्ट फिर से पढ़िए जिसमे लिखा है भारत में दो हज़ार साल पुरानी कोई मूर्ति नहीं मिली आज तक और न कोई मंदिर मिला दो हज़ार साल पुराना , तब ये सब मूर्ति मंदिर अचानक कैसे बनने लगे दो हज़ार साल बाद से , इसी पर तो शोध करने की बात हो रही है
  • Sanjay Nagtilak, Mohammed Seemab Zaman सर,चांद, सूरज सभी महाद्वीप से दिखाई देते हैं लेकिन चित्र में जो जीव जंतू ( नाग, शेर ) दिखाई दे रहे हैं वो आफ्रिका और भारतीय महाद्विप में आज भी दिखाई देते हैं.चीनी संस्कृति का ड्रेगन दुनिया में कही दिखाई नहीं देता उसके बारे में आप क्या कहेंगे.
  • ActiveShehaab Zafer फिर ये मुँह कहां छुपाएंगे.
  • Mohammed Seemab Zaman, Sanjay Nagtilak साहेब, चीनी संस्कृति का कैलेंडर ही जंगल के बारह जानवर पर गौतम बुद्ध के कारण है। वहॉ तो कैलंडर मे सॉंप है ही। ड्रैगन के बारे मे हम को नही पता है?

Salimuddin Ansari कॉपी पेस्ट शोध से वाट्सएप युनिवर्सिटी ही मशहूर है। हमारे देश में कम से कम अशोक से पहले के सुबूत ही पेश कर दिया जाए तो हम विश्वगुरु मान लें।मगर यहां तो आठ आठ हज़ार वर्षों पुरानी सभ्यता का सुबूत मिल रहे हैं।

कुलदीप सिंह अभी वो बाबरी मस्जिद और कांवड़ यात्रा में मस्त हैं सर.