FB Post of 5th April 2021
शहज़ादी सीता बीन्त अबदूल अज़ीज़ पुरस्कार सात सऊदी अरब के नागरिक को सामाजिक कार्य के लिये एक भव्य समारोह मे दिया गया। यह एवार्ड 2012 से सामाजिक कार्य के लिये सात कैटेगिरी मे दिया जाता है।
शहज़ादी सीता सऊदी अरब के बादशाह अबदूल अज़ीज़ की बेटी थी और बादशाह अबदूल्लाह की बहन थी। यह 1930 मे पैदा हुईं और 2011 मे इंतक़ाल हुआ। यह सामाजिक कार्य मे बहुत रूची लेती थीं और बहुत दान वगैरह करती थी।शहज़ादी सीता के मरने पर सऊदी सरकार ने उन के यादगार मे यह पुरस्कार देना शुरू किया।
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यह बात ध्यान देने की है कि दो दिन पहले जो मिस्र मे फिरौन के 18 बादशाह और 4 रानी की ममी का समारोह हुआ उस मे दो रानी का नाम सेती (Queen Seti I & Seti II) था।
फलस्तीन की राजधानी का नाम रामल्लाह है, जो जेरूसलम से दस कि०मी० दूर एक सुंदर पहाड़ी है। इसलाम आने के बाद वहॉ के लोगो ने इस का नाम नही बदला ब्लकि राम के आगे अल्लाह लगा दिया और वह रामल्लाह शहर हो गया। आज वहॉ मुस्लिम और ईसाई दोनो रहते हैं।
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हमारे यहॉ राम और माता सीता का खूब नाम लिया जाता है मगर न संघ और न बीजेपी ने आज तक कोई सामाजिक कार्य पर राम या सीता जी के नाम पर कोई पुरस्कार का आयोजन नही किया।
हिन्दी अखबार अमर उजाला का जून 2016 का एक लेख है कि “गुरू वशिष्ठ बने भगवान राम के गुरू”। गुरू वशिष्ठ ने एक यग कर के राम जी को प्रकट किया क्योकि राजा दशरथ को कोई संतान नही था.
हम परिशान हुऐ अमर उजाला मे स्वामी रामनरेशाचार्य का लेख पढ कर कि अगर राम जी प्रकट हुऐ तो जन्मभूमि हम यहॉ कैसे कह रहे हैं? सारा कुछ तो मिस्र और अरब मे नजर आ रहा है।मेरी विनती है कृप्या शोध करें और सुंदर भारत बनाये