Post of 4th July 2023
कश्मीर मे 370 के प्रावधान के हटने के बाद, मई 2020 से चल रहे भारत-चीन के बीच सीमा पर आतंकवाद के कारण आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में सदस्य देशों का कोई नेता भारत नहीं आया और आज मजबूरन यह सम्मेलन वर्चुअल करना पड़ा।
सोवियत संघ के टूटने के बाद 1996 में पाँच देश चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान ने SCO बनाया था और 2001 में स्थाई रूप से इस का सचिवालय चीन की राजधानी बीजिंग मे स्थापित किया गया।
2001 के बाद SCO ने विस्तार के विभिन्न चरणों का अनुभव किया है।आज ईरान मिला कर इस संगठन में नौ सदस्य हैं और 14 संवाद भागीदार (Dialogue Partner) हैं।
SCO के 2001 में स्थापना के बाद से World Trade (वैश्विक व्यापार) पर शंघाई सहयोग संगठन का प्रभाव हर वर्ष बढ़ रहा है।वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी 2001 में 5.4% से बढ़कर 2020 में 17.5% हो गई है।
एससीओ के सदस्य देशों का व्यापार 2013 से चीन के Belt and Road Initiative (BRI) के बाद बहुत तेज़ी से बढ़ा है।2001 मे सदस्य देशों का वैश्विक व्यापार $667 billion था और BRI के बाद यह बढ़ कर 2020 मे $6.06 trillion हो गया।
#नोट: पिछले साल शंघाई सम्मेलन उज़बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरक़ंद मे हुआ था जिस मे 27 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया था।अफ़सोस हम लोग नौ साल से चीन का तुष्टिकरण कर $100 billion से अधिक का सामान आयात करते हैं और चीन की मुद्रा युआन मे रूस के तेल का भुगतान भी करते हैं फिर भी शी जिंपिंग, पुटिन या कोई दूसरा नेता भारत नहीं आया और वर्चुअल सम्मेलन कर संतोष करना पड़ा।
अगले साल एससीओ का सम्मेलन कज़ाखस्तान की राजधानी आस्ताना में होगा, उम्मीद है कि वहॉ 27 देशों के राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से भाग लें गें।