Post of 15 September 2022
आज दो दिन का एससीओ का सम्मेलन उज़बेकिसतान के एतिहासिक शहर समरकंद मे शुरू हुआ।एससीओ का सम्मेलन चौथी बार उज़बेकिसतान मे हो रहा है जहॉ उस के आठ स्थाई सदस्य के एलावा तुर्किया के राष्ट्र्पति अरदोगान भी भाग ले रहे हैं।
चीन के राष्ट्पति कल रात समरकंद पहुचें जहॉ उन का रंगा-रंग कार्यक्रम के साथ भव्य स्वागत हुआ।आज चीन के राष्ट्रपति को उजबेकिस्तान सरकार ने अपने देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया है।चीन के राष्ट्पति शी जिंपिंग ने किरगिस्तान-उज़बेकिस्तान-चीन रेलवे लाईन को शीध्र बनाने को कहा है ताकि अफगानिस्तान से व्यापार मे आसानी हो।
सेंट्रल एशिया का देश उज़बेकिस्तान, क़ज़ाखस्तान वगैरह हजारो साल पूराने एतिहासिक “सिल्क रोड” का core countries रहा था और आज फिर यह देश चीन के “बेल्ट और रोड” (BIR) का महत्वपूर्ण देश बन रहा है।बिना सेंट्रल एशिया के पॉच देश तथा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के चीन का बेल्ट और रोड योजना कामयाब नही हो सकता है।चीन को तरक्की करने तथा विश्वगुरू बनने के लिए तेल और गैस चाहिये जो इन्ही देशो के पास है।यही कारण है कि चीन इन देशो से अपना मधुर संबंध बना कर रखना चाहता है।
इस बार के सम्मेलन मे सऊदी अरब, मिस्र और क़तर को डायलॉग पार्टनर बनाया गया है।इस समूह मे 80% से ज्यादा देश तेल और गैस उत्पादक हैं, केवल भारत, चीन और पाकिस्तान कृषि तथा अन्न उत्पादक देश हैं। समूह के देश ने 2020 मे $6.06 trillion का व्यापार किया है और दुनिया को 30% GDP देते हैं।
मेरा मानना है कि G7 और G20 समूह का अब वह महत्व नही रहे गा जो 2019 के पहले था क्योकि चीन-रूस-मध्य पूर्व के देशो का यह #SCO समूह दुनिया के 40% आबादी तथा तेल, गैस, यूरेनियम उत्पादक देशो का समूह है तथा अब अफ्रिका का देश मिस्र भी शामिल हो गया है।
#नोट: Muslims are asset not a liability for India.