30 September 2021 Post

आज दुबई मे विश्व मेला EXPO 2020 का भव्य उद्धाटन समारोह हो रहा है, जो अगले साल मार्च तक चले गा।यह मेला 4.38 वर्ग किलोमीटर मे हो रहा है जिस मे 90 देश भाग ले रहे हैं।

यह एक्सपो की शुरूआत 1851 मे लंदन मे लगे इंडस्ट्रीयल मेला से शुरू हुआ था।अब तक यह शायद 14 देशो मे लगा है जिस मे दो बार अमेरिका मे हुआ है जिस मे Statue of Liberty (1886) और Disneyland Park (1955) बना।फ्रांस का Eiffel Tower (1889) मेला ही के लिये बना था।

आज दुबई मे 170 साल बाद मिडिल ईस्ट, अफ्रिका और साऊथ एशिया मे पहली बार यह मेला एक करोड आबादी वाले मूल्क यूऐई मे लगा है।मेला के बाद 20% एमारत और पवेलियन को तोड़ दिया जाये गा और बाकी दुबई को एक चमकती हुई निशानी सैकडो साल देता रहे गा।

अनुमान है कि 192 देशो से 2.5 करोड लोग इस मेला को देखने आयें गें जिस मे 70% विदेशी टूरिस्ट आयें गें।यह मेला दुबई की अर्थव्यवस्था को $33 billion और 9 लाख नौकरी 2031 तक दे गा।इस मेला के निर्माण ने दुबई की 2021-22 तक 1.5% GDP दे गा। सिर्फ होटल और रेस्तराँ $3 billion का धंधा करें गें (लिंक कौमेंट मे पढे)।

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1992 तक साऊथ एशिया का दुबई बौम्बे था या सिंगापुर था।देश निर्माण मे बौम्बे का नाम बदल कर मुम्बई कर दिया और क्यून विक्टोरिया का बनाया रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर क्षात्रपति शिवा जी कर दिया गया और 1993 मे मुम्बई-दंगा का एक्सपो किया गया।

दुनिया “इंडस्ट्रीयल एक्सपो” कर रही है और हम लोग “दंगा-एक्सपो” टाटा के जमशेदपुर (1964 & 1979), मुम्बई (1993), अहमदाबाद (2001), दिल्ली (2020) मे प्लान कर विश्वगुरू बनते हैं।1935 से दंगा कर हम लोग ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था को जला दिया।1979 के बाद टाटा ने जमशेदपुर मे इंवेस्टमेंट नही किया।भारत का दंगा-एक्सपो (1992) तो उत्तर प्रदेश को क्योटो बना दिया।सूरत और अहमदाबाद के दंगा-एक्सपो विकास का तो पोल पैंडेमिक ने खोल दिया।

भारत मे मोगल बादशाह बाबर की औलाद शाहजहॉ ने 1632 मे ताज महल बना कर भारत को दुनिया का अजूबा दिया।ताजमहल का शहर आगरा का हशर देखिये, रोज़ वहॉ मंदिर होने की बात कही जा रही है ताकि नया “दंगा-एक्सपो” किया जाये।

https://www.arabnews.com/node/1938241/middle-east?fbclid=IwAR3lYItL7879G-FWfHefmhB8ZIuDt71MDlDo6ibRK3zQLbPicImD5wF_pFY


Some of the comments on the post

Kamal Siddiquiलाजवाब सरये दंगा करके विश्व गुरु बनने का ख़्वाब देख रहे थे। मेंढ़कों को इतनी ही समझ में आता है, दुनिया कहां से कहां चली गई ये मुल्लों को टाइट करने में व्यस्त हैं। सही कहा सर ये दंगा एक्सपो करेंगे।इनका नारा था shining India

Syed Abid Naqviभारत में ऐसा कोई क़ुदरती चीज़ नहीं है जिससे भारत की इकोनॉमी चल जाए ले देकर हमारे उद्योग धंधे ही थे जिनके दम पर हमारी अर्थव्यवस्था चल रही थी, उद्योगों के दम पर ही मुग़ल शासकों ने GDP 26% तक पहुंचाई, अब दंगाजीवियों ने दंगे कर कर के GDP -7.4 कर दी, आगे अर्थव्यवस्था का बहुत बुरा हाल होगा क्योंकि औद्योगिक ढांचा खड़ा करना एक दिन का काम नहीं है यह सदियों का काम है, भारत में उद्योगों की शुरुआत मुग़लों के दौर में हुई थी।।