17th May 2022 Post
विश्व की चार प्राचीन सभ्यता मिस्र, मेसोपोटामिया, सिंधु घाटी तथा ह्वांग हू घाटी मे केवल दो सभ्यता मिस्र और मेसोपोटामिया मे भगवान, देवी, देवता का साक्ष्य मिलता है, बाकि दो भारतीय सिंधु तथा चीन का ह्वांग हू सभ्यता मे भगवान का कोई कंसेप्ट नही है वह जीवन का दर्शनशास्त्र है।
मिस्र सभ्यता मे सूरज भगवान अमून-रॉ तथा शिव भगवान की पूजा तथा मंदिर 7,000-5,000 साल पूराने साक्ष्य आज भी हैं।मिस्र के अमून-रॉ और शिव का मूँह तथा शरीर मनुष्य का था और बाकी देवी, देवताओ का मूँह जानवर का और शरीर मनुष्य का था जैसे होरस का शाहिन और अनूबिस का सियार का था।
मगर मेसोपोटामिया सभ्यता मे देवी-देवता की मूर्ती मनुष्य के रूप मे ही मिलती है, जैसे लात, उज़्ज़ा या मनात। भारत और चीन मे गौतम बुद्ध, महावीर और क्नफूशसियस का दर्शनशास्त्र था जो बाद मे भारत मे भगवान का रूप ले लिया मगर चीन मे आज तक क्नफूशसियस को भगवान नही माना जाता है।
नीचे मिस्र के इडफू मंदिर (237-250 BC) का विडिव देखे और सूनें जिस मे शिव भगवान का साक्ष्य मौजूद है, जिस को मिस्री गाईड फ़्रांसीसी महिला को देखा रहा है।कौमेंट मे मेरा एक साल पुराना पोस्ट देखे और मिस्र को अखंड भारत घोषित करें।
#नोट: मिस्र मे शिव का प्रतीक “महालिंगम” लक्ज़र के मंदिर मे आज भी 4,000-3,600 साल पुराना मौजूद है। इस महालिंगम पर एक अलग से पोस्ट करें गे ताकि कोर्ट सर्वेक्षक मिस्र भेज कर पूरे मिस्र को लौक कर दे।