Post of 18 May 2022

जिन बूद्धिजीवियो, दानिशवर या किंग मेकर्स के पास देश का भविष्य रचने की ‘क्षमता’ नहीं होती, वे झूठा इतिहास खोदने ‘बैठ’ जाते हैं। चालीस साल रामलिला कर देश को विश्वगुरू नही बनने दिया और अब अगला चालीस साल शिवलिंगम कर मिडिल ईस्ट को विश्वगुरू बना दे गें।

कितने अफसोस की बात है पिछले दो दिन मे कोर्ट ने जो कहानी रची क्या उन दानिशवरों को मालूम नही है कि देश 80% तेल और गैस विदेश से ख़रीदता है और 72% उर्जा कोयला से पैदा करता है जबकि एक 12 करोड आबादी वाले मूल्क जापान मे 54 न्यूकिलियर पावर प्लांट है, फिर भी वह तेल और गैस के लिए रूस और अरब पर डिपेंडेंट है।

विदेश से पढ और देख कर आने का क्या फायदा जब $3 billion के बिमा कम्पनी को बेच कर लिंगमयि हो रहे हैं जब कि इस साल जनवरी मे साऊथ कोरिया की LG कम्पनी ने $10.8 billion शेयर बेच कर पैसा जमा कर लिया था।दो महीना बाद Aramco दुनिया का सब से बडा IPO लाने जा रहा है।

जिस देश मे आठ साल से चिल्ला चिल्ला कर अर्थशासत्री और नेता विदेशियों को निवेश करने को कहते थे, वहॉ आज दुनिया की सब से बडी सीमेंट कम्पनी Holcim अपना $10.8 billion सम्पत्ति बेच कर चली गई।सोंचये उस देश मे भविष्य मे इंफ़्रास्ट्रक्चर क्षेत्र मे क्या विदेशी निवेश आये गा?

उस देश के किंग मेकर्स और न्यायिक इंस्टिट्यूशन पर मातम करने का जी करता है जिस देश के पड़ोस मे एक बादशाह मरता है तो वहॉ दुनिया के राषट्रपति और नेता लाईन लगा कर सलाम करने पहुँच जाते हैं, ताकि रूस-यूक्रेन लडाई तथा खाद्य संकट से पैदा बरबाद अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तेल और पैसा मिल जाये।

दुनिया मे खाद्य तथा उर्जा का संकट आ गया है जिस के कारण महगाई बहुत बढे गी जिस कारण कल बैंक ऑफ इंगलैड के गवर्नर बेली ने कहा है कि वह ब्याज बढा कर अभी विकास को रोक दें गें मगर महँगाई नही बढ़ने दें गें ताकि भविष्य मे इंग्लैंड की आर्थीक लीडरशीप बनी रहे और विदेशी निवेश आये।

पिछले चालीस साल से रामलिला कर चीन को विश्वगुरू बना दिया और अब शिवलिंगम से मिडिल ईस्ट विशवगुरू बन जाये गा।
==========
Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman अब इस मूल्क के विकास और आर्थिक ख़ुशहाली पर लिखना या सोंचना वक्त की बरबादी है। जो हो रहा है वह होने दें। उर्दु नाम वाले पढ़ाई पर ध्यान दें, दुनिया मे छोटी-बडी नौकरी बहुत है, मिल जाये गा, जिंदगी गुज़ारने और दो पुश्त को जिंदा रखने के लिए।

Anish Akhtar शानदार…लेकिन मुझे आज तक ये समझ नही आया कि ये 80% तेल गैस वाले रामलीला ओर शिवलिंगम पर मौन धारण क्यो करे बैठे है..

  • Mohammed Seemab Zaman, Anish Akhtar साहेब, आप तो मेरा सारा पोस्ट पढते और शेयर भी करते हैं, फिर भी यह सवाल आप पूछ रहे हैं।हम ने लिखा है कांग्रेस के वक्त मे 80% तेल गैस वाले के यहॉ से पैसा नही आया तो अब इस सरकार मे क्या आये गा। याद है रिलाएंस का $15 billion नही आया और वही देश $20 billion मे चीन मे रिफायनरी बना रहा है।कुछ नही आये गा, मिडिया मे जो छप रहा है वह सब झूठ साबित हो गा। आज के दुनिया मे जहॉ शांति होती है वहॉ ही लोग पैसा लगाता है।

Ayaz Sherwani I agree Sir,but ruling Party six years back has openly said that all things will be in place only in 30 – 35 years and the time frame suits the voters who vote them.And through social medias WhatsApp messages voters know that what that ‘ place ‘ is , in the phrase – all things will be in place in 30 – 35 years.I can assert here yes no prices of fuel or inflation worries them they are dedicated to reach the final place – the only hindrance in swiftly reaching that place is Hindu voter who still is not their voter and who due to love for multicultural ethos of country loves the present structure.Sorry,Sir,let anyone be guru we should be least concerned about it,we should fast-forward the things to first sitting of Parliament in 2024 everything will be clear.But we lost due to the loss of time after 1980 which gave it to corrupt muslim politicians and started respecting the people of our community who were totally not knowledgeable and when they were corrupt and unknowledgeable then they definitely lacked vision.But Salutes to millions and millions of majority community who are fighting their best to stop the last announcement . Many many of our community have turned to habit of saluting the mighty of the day they will definitely chicken out.Sir,I have full respect for your knowledge I will keep on reading you but this could be my last comment as I know since my Aligarh Muslim University days that fikr has ceased to exist long back from the targetted community.I will like to end with words I don’t change times for those who do not change ( for good ,from bad ) themselves. Alas ! Always praying for your well-being and definitely for every worrying soul and waiting to see the faces of , if I live , people who always rubbished the people and lowered voices in the din of their merry times – who warned them about dedication of an organisation that never hid it’s agendas. Alas !

  • Mohammed Seemab Zaman Ruling Party is still living in 1923 but after hundred years pandemic, food crisis, energy crisis and rise of Middle East they have never anticipated that is why they said 30-35 years time period.Now, I wish that they should reach their dedicated final place by portraying a particular community as demon.Remember China is our neighbour. Yesterday, China said that from 1st June China will be free from Covid and oil price reached $115 per barrel. China is such a power that whole world is dependant on Chinese economy.
  • Ayaz Sherwani, Mohammed Seemab Zaman Mohtaram You won’t believe but rule in China is also model for new model people.

Shambhu Kumar अल्गोरिथम ऐसा है कि मदारी तमाशा बंद करेगा तो झोला उठाने की नौबत आ जाएगीइनकी आंख तो खुल चुकी हैलेकिन आवाम की फिरक़ी लेना मजबूरी हो गई है

  • Mohammed Seemab Zaman मदारी के मालिक को तो पता है, कहॉ जा रहा है देश। फिर वह दार्शनिक क्या कर रहे हैं? इस पोस्ट को सेव कर के रख लिजये, भारत ने अगला 50 साल गवॉ दिया शिवलिंगम कर के। कल NDTV पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय अभिजीत बनर्जी का साक्षात्कार सून लिजये गा। चीन मे क्यो निवेश हुआ और भारत मे डेमौक्रेसी भी है मगर सेकूरलिजम नही है तो इस वजह कर कोई निवेश नही आया।

Javed Hasan सर लगता है विश्व वर्चस्व को मजबूत भारत की जरूरत नहीं है बस गरीबी और साम्प्रदायिकता अंदर से और वैश्विक बाज़ार और अर्थ व्यवस्था की मार बाहर से निरंतर हम पर पड़ेगी (जब तक हम अपने अखलाक और समाज को मजबूती से नहीं खड़ा करेंगे) ताकि हम कमज़ोर से कमज़ोर होते जायें और कमज़ोरी हमें मार दे अब दुनिया भारत को दूसरा चीन और चीन अपने पड़ोस में अपने जैसा किसी को आसानी से कभी नही बनने देगा.