Post of 19 September 2021
हिन्दुस्तान मे चालीस साल से नेताओ और बूद्धिजीवीयों का “कोख और गोद” के खेल से दिल को अंधा किया गया जिस का नतीजा हुआ सत्ता पक्ष और विपक्ष अब सब अंधा हो गया। भारत के बूद्धिजिवी लकवा ग्रस्त हो गये।
अब जब भारत बरबादी के चक्रविव मे फँस गया तो यही तथाकथित बूद्धिजिवी कांग्रेस नेतृत्व और राहुल गॉधी को बूरा कहने लगे। जब शरद पवार, प्रनव मुखर्जी, सिंधिया या दूसरे शाखा ज्वाइन किया तो यह सब कांग्रेसिया या सेकूलर चुप थे क्योकि यह लोगों का घर वापसी हुआ था।
हमारे बिहार के मित्र Sanjay Kumar Singh साहेब ने यूपी मे कमलापति त्रिपाठी के बेटा के कांग्रेस छोड़ने और कैप्टन अमरेन्द्र सिंघ को लात मार कर कांग्रेस के मुखिया द्वारा निकाले जाने पर बहुत अच्छा लिखा “आपको सच और सिर्फ सच जानना चाहिए।कृषि कानूनों पर राहुल गांधी की झाड़ के बावजूद कैप्टन का अडानी प्रेम उसको ले डूबा।ये तो तय है कांग्रेस भले ही डूब जाय, इतिहास हो जाय लेकिन अडानी और अंबानी के साम्राज्यवाद के सामने संघियों की तरह झुक नहीं सकती, ये तो सार्वभौमिक सत्य है।मैं कांग्रेस अध्यक्ष होता तो *जूते मा ……* अभियान चलाता”
मेरा यही कहना है, राहुल गॉधी जो रोज़ बोलते है या ट्विट करते हैं तो कोई कांग्रेसिया या सेकुलर उस को सोशल मिडिया पर पोस्ट या re-tweet नही करते हैं मगर चाहते हैं राहुल गॉधी दादी और बाप के तरह शहीद हो कर नरसिमहा राव के तरह प्रधानमंत्री बना दें।
मेरा मानना है राहूल या सोनिया गॉधी इस बार सही संकल्प लिये हुऐ हैं कि देश बचाने के लिये कांग्रेसीया और सेकूलर लोगो के “कोख और गोद” के खेल को ख़त्म करना है।
मेरी दुआ है सोनिया गॉधी को ऊपर वाला अच्छी सेहत और लम्बी उमर दे। जय हिन्द।