Post of 13 September 2022
कल सऊदी अरब के तीन दिन के दौरा पर गये भारतीय विदेश मंत्री का एक साक्षात्कार छपा जिस मे उन्होंने कहा कि “मज़बूत सऊदी-भारत संबंध हम दोनो के लिए, क्षेत्र के लिए और दुनिया के लिए अच्छा होगा”
यह बाद भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर साहेब कह रहे हैं, जो कभी राजदूत रहे थे और जिन्होने सऊदी अरब का e-Visa बंद कर दिया है क्योकि कोरोना कालखण्ड के आखरी समय मे सऊदी ने भारतीय को विज़ा बंद कर दिया था।आज हाल यह है कि किसी सऊदी को भारत जाना होता है तो वह Vfsglobal से पेपर विज़ा मिलने मे तीन महिना लग जाता है क्योकि Vfsglobal मे दो महीना के बाद बुकिंग मिलती है।
यही हाल कुवैत, इंग्लैड तथा कई देशो के tourist/visit visa का है।सऊदी अरब के लोग इस बात से चिढ़ गये हैं क्योकि इंग्लैंड अब सऊदी अरब और GCC के नागरिक को “Visa on Arrival” लंदन और मैनचेस्टर एयरपोर्ट पर लगा रहा है।
सऊदी ने विज़ा तो कोरोना के कारण बहुत मूल्क का बंद किया था, यहॉ तक के अपने सऊदी अरब के नागरिक तक को मक्कह मे दो साल उमरा तक बंद कर दिया था जो इस बार हज के बाद खूला है।
मगर जयशंकर साहेब सऊदी अरब से अच्छे रिश्ता की वकालत करते हैं और प्रधानमंत्री का पत्र प्रिंस सलमान को देते हैं।समझ मे नही आता है कि 130 करोड के मूल्क के प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री क्यो 2 करोड के मूल्क सऊदी अरब या GCC से संबंध को भारत और दुनिया के लिए फायदामंद बता रहे हैं, जो ज्ञानवापी का मसला कोर्ट मे जिंदा करवातें हैं।
जयशंकर साहेब कृप्या भारत के विदेशनीति को हिन्दी फिल्म के कलाकार शत्रुघ्न सिंहा नही बनायें, जब चाहा वेलन का रोल कर लिया तो कभी हिरो का, कभी बीजेपी मे रहे तो अब त्रिमूल मे चले गये।
#नोट: कल जिस अखबार ने यह साक्षात्कार छपा है, उसी मे साध्वी रीताम्भरा का अमेरिका के चर्च मे सभा कैंसिल होने की खबर भी छपी है क्योकि वह मुस्लिम के खेलाफ आग उगलती हैं जिस से समाज मे नफरत फैलता है। दुनिया बदल चूकी है, परिवर्तन लाज़मी है, अब वक्त जो लगे।