Post of 3rd March 2022
आज किसी ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट मे यूक्रेन मे फँसे 15,000 भारतीय छात्रों का मसला रख कर सरकार द्वारा निकासी के विलम्ब को संज्ञान लेने का पेटिशेन दिया तो सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया।
यह वही न्यायालय है जो आज से चार दिन पहले कर्नाटक हाई कोर्ट मे मुस्लिम छात्राओं के #हेजाब पर रोज लगातार 11 दिन सुनवाई कर ज्जमेंट रिज़र्व रख लेती है क्योकि इस मामला को जिंदा रखना है।
हाई कोर्ट ज्जमेंट के बाद हेजाब मामाला सुप्रीम कोर्ट जाये गा क्योकि हमारी अमबेदकरवादी कुँवारी मायावती ने सुप्रीम को संज्ञान लेने को कहा है, यानी सिलसिला चलता रहे।मगर कुँवारी मायावती ने आज तक यूकरेन मे फँसे हज़ारो भारतीय लडकी के निकासी पर एक खेद कर ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट को #संज्ञान लेने को नही कहा।दुख की बात है दो बच्चा मर भी गऐ।
नीचे #नाईजेरिया की रोमानिया (Romania) मे एक #हेजाबी राजदूत की तसवीर है जो कल एक अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर (हम ने स्क्रीन शौट ले लिया था) कह रही थीं कि वह यूक्रेन से सभी नाईजेरियन छात्रों की निकासी बस से कर के रोमानिया ले आईं और अब Chartered Plane से सब को नाईजेरिया भेज रही हैं।
तुर्की जिस के नागरीक को हम Air India का CEO नही बनने दिया उस ने अपने सारे आदमी को तीन दिन पहले 300 बस से निकाल कर रोमानिया, बुलगारिया ले आया और अब वह दूसरे देश आईजरबाईजान और ट्रकमिनिस्तान के नागरीक को निकाल रहा है।
हम को यकीन है कि अगर हमारे प्रधानमंत्री अरदोगान को फोन कर के कहे तो वह निश्चित सब को दो दिन मे निकाल दे गें।