Post of 19th May 2022
तुर्की के राष्ट्रपति ने फ़िनलैंड और स्वीडन के NATO सदस्यता पर रोक लगा दिया।कल फ़िनलैंड और स्वीडन के राजदूतों ने नेटो के चीफ जेन्स सटौलटंबर्ग को औपचारिक पत्र सदस्यता के लिए दिया था।
तुर्की के राष्ट्रपति अरदोगान ने 30 देशो के नेटो गटबंधन मे फ़िनलैंड और स्वीडन के शामिल होने पर रोक लगा दिया। अरदोगान ने कहा यह दोनो देश “आतंकियों का गेस्ट हाऊस” है।यह लोग अपने यहॉ आतंकी को पनाह देते हैं और नेटो से सुरक्षा का गोहार लगा रहे हैं।
अरदोगान ने कहा यह लोग तुर्की के कुर्दीश आतंकी संगठन PKK के 30 बडे आतंकी तथा फतऊल्लाह गुलान के आतंकी जिस ने 2015 मे मेरे सराकर के खेलाफ आर्मी कू कराया था उस को अपने यहॉ पनाह दिये हुऐ हैं।
आज दोनो देशो के राष्ट्रपति अमेरिका के राष्ट्रपति बाईडेन से मिलने वाशिंगटन जा रहे हैं मगर अरदोगान के रोक लगाने से यह अब आसानी से सदस्य नही बन सकते हैं और अब समय लगे गा।कुछ लोग कह रहे हैं कि एक साल भी लग सकता है।
रूस के साथ फ़िनलैंड का 800 km से ज़्यादा लम्बा बोडर लगता है और सत्तर साल से दोनो शांति से रह रहे हैं। दोनो देशों के बीच हाई वे और हाई स्पीड ट्रेन का लाईन बिछ रहा था।यह सब बनना बंद हो गया और रूस ने फिनलैंड को बिजली देना बंद कर दिया।
अरदोगान के लिए मौलाना रोम से इक़बाल के अक़िदत मंदी पर एक शेर नज़र है:
“सुहबते पिर रोम से मुझ पे हुआ यह राज़ फाश
लाख हकीम सरबजीब, एक कलीम सर बकफ़”