FB Post of 25th March 2021 “मिस्र व बाबुल मिट गये, बाक़ी निशॉ तक भी नहीदफ्तर हसती मे उन की दास्ताँ तक भी नही” मोहम्मद बदीउज्जमॉ साहेब ने इक़बाल के नज़म “गोरिस्तॉ शाही” के इस शेर को समझाते हुऐ लिखा… Continue Reading →
Post of 6th March 2021 “ऐ मौजे दजला तू भी पहचानती है हम को अब तक है तेरा दरिया अफ़साना खॉ हमारा” “क़ाफला हेजाज़ मे एक हुसैन भी नहीगरचे है तेरा ताबेदार अभी गेसूये दजला व फेरात” मोहम्मद बदिउज़्ज़मॉ साहेब… Continue Reading →
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