#अज्ज_आँखा_वारिसशाह_नूँ #अमृता_प्रीतम (1919-2005) की पंजाबी भाषा में लिखी यह लाजवाब रचना 1947 के बंटवारे पर आधारित है, इसमें अमृता प्रीतम #वारिस_शाह (1722-1798) से आग्रह करती हैं कि वो अपनी क़ब्र से उठें और पंजाब की इस हालत पर छंद के… Continue Reading →
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