Post of Misbah Siddiki Saheb, 26 July 2022 #अख़्लाक़ के उंसुर हों अगर अस्ल मिज़ाज, जो क़ौम हो कभी न मुहताज-ए-इलाज। हो उस को हमेशा ख़र्क़-ए-आदत का ज़ुहूर, हासिल हो उसे उम्र-ए-अबद की मेराज।। اخلاق کے عنصر ہوں اگر اصل… Continue Reading →
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