Post of 2nd September 2023
अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक मामलों के उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अखुंद के कार्यालय ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान पेट्रोलियम मंत्रालय और तुर्किये, ईरान और चीन की निजी कंपनियों के बीच कल काबुल में $ 6.55 billion के सात प्रमुख खनन अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए।
तालिबान अधिकारियों के मुताबिक, तुर्की, ईरान और चीन की कम्पनी अफ़ग़ानिस्तान के हेरात, घोर, तखर आदि खदानों से सोना, तांबा, लोहा और प्लंबम (Lead) निकाले गी और उस का प्रोसेसिंग करें गी।
तालिबान प्रशासन का कहना है कि “इन सात परियोजनाओं में $6.55 billion के विदेशी निवेश से अफ़ग़ानिस्तान मे हजारों नौकरियां पैदा होंगी और देश की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा।”
15 अगस्त 2021 “फ़ॉल ऑफ काबुल” के बाद तालिबान प्रशासन द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के इतिहास मे यह सबसे बड़ा समझौता है।
#नोट: इस खनन एग्रिमेंट में तुर्की और ईरान का शामिल होना एक शुभ अवसर है क्योंकि इस से ईरान अब अफगानिस्तान, पाकिस्तान में अपना आतंकी संघठन बंद कर दे गा। हम को उम्मीद है कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी पाकिस्तान के खनन प्रोजेक्ट और गवादर पोर्ट में निवेश पर जल्द हस्ताक्षर करें गें।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman पिछले दो साल से क़तर और चीन अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं।पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान ने $1 billion के लगभग फल और सूखा मेवा निर्यात किया है तथा चीन वहॉ से Lithium निकाल कर बैट्री बनाने में इस्तेमाल कर रहा है।
लोगों को याद होगा, “फ़ॉल ऑफ काबुल” के बाद अमेरिका, यूएनओ तथा पश्चिमी देश अफ़ग़ानिस्तान में लाखों लोगों की भूकमरी से मौत की भविष्यवाणी कर रहे थे मगर दो साल में हम लोगों ने अफ़ग़ानिस्तान की हालत बेहतर होते देखी मगर ख़राब नहीं।
आतंकवाद का अन्त हो गया, सभी देशों के आतंकीयों को तालिबान ने मार दिया या भगा दिया।अब ईरान का आतंक भी ख़त्म होगा जिस से पाकिस्तान में भी शांति होगी।
Kamil Khan सर मुझे याद है आप एक बार कहा था के अफगान तालिबान की राजनीत संघ वाले कभी समझ ही नहीं सकते, वो बात आज सच हो गई, के दुनिया ने अफ़ग़ानिस्तान को बिल्कुल अलग थलग कर दिया मगर सिर्फ दो साल मे आज उनका रुपिया भारत से बेहतर हो गया, और एक नहर रेगिस्तान में बना रहे हैं जिसमें उनका दावा है के जल्द ही हमारे देश मे इतना गेहूं पैदा होगा के हम कभी भूखे नहीं रहेंगे, अल्लाह मुबारक करे
- Mohammed Seemab Zaman, Kamil Khan साहेब, मुस्लिम की राजनीति मुस्लिम समाज ही समझता है और हर जगह अलग अलग राजनीतिक पहलू होता है। इसी वजह कर हम ने लिखा था तालिबान या अफगानिस्तान की राजनीत संघ या संघीतकार लोग नही समझ सकते हैं, इस के लिए इन को पढे लिखे, ख़ानदानी मुस्लिम के घर शाम मे जा कर #चाय पिना होगा।देख रहे हैं न सुडान का मामला अलग है और पश्चिम अफ्रिका के देशो का मामला अलग है। चुन चुन कर फ्रांस को पश्चिम अफ्रिका से तुर्की या दूसरे मुस्लिम देश निकाल रहे हैं। एक बैक यह क्यो शुरू हो गया, ग़ौर किया है क्यो? फ्रांस बहुत कार्टून बनवा रहा था और इस्लाम मे परिवर्तन की बात कहने लगा था इस वजह कर इन को मैकरोन के वक्त मे ही निकालना शुरू करवा दिया कुछ मूल्कों ने। बहुत सी बात मे silent reaction करवाया जाता है।बहुत सी बात है जो एक आम आदमी नही समझ पाये गा जब तक की दुनिया देखा और समझा नही होगा।
- Kamil Khan, Mohammed Seemab Zaman वाह सर दिमाग़ खोल देने वाली बात लिखी आप ने के मुस्लिम राजनीत जगह और छेत्र भाषा आदि के साथ कल्मा तय्यब के साथ चलती है जबकि दूसरे लोग सिर्फ़ मुस्लिम की मस्जिद टोपी दाढ़ी देख कर अपनी राय बना लेते हैं.
Anish Akhtar, Mohammed Seemab Zaman बहुत शानदार बात कही आपने एक जियोपोलिटिकल समझ रखने हिन्दू व्यक्ति ने मुझे मुह पर यही बात कही थी कि दुनिया की राजनीति को समझने के लिये मुस्लिम लोगो से बात करके ही समझा जा सकता है मैंने कहा कैसे तो उसने सिर्फ इतना कहा कि यहूदी को मुस्लिम जितना अच्छे से समझ सकता है उतना कोई भी नही समझ सकता हिन्दू तो बिल्कुल भी नही.
Zeenat Khan ख़ासकर ईरान का शामिल होना ज़्यादा अच्छा रहा अब उसका खुद का भी इंटरेस्ट जुड़ गया अब आतंकवाद पे रोक लगाए गा.. इन सब के बीच भारत को क्या हाथ लगा हज़ारों करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर तो खड़ा किया था
- Kamil Khan, Zeenat Khan भारत सरकार अपना हिंदू मुस्लिम अजंडा छोड़ नहीं सकती वरना चीन से ज़्यादा फायेदा भारत उठाता क्योंकि भारत अफ़ग़ान हमेशा एक दूसरे पूरक रहे हैं.
Salim Khan अफगानिस्तान का आंतरिक कलह से निकलने के बाद अच्छी ख़बर सुनाई दी है और बाकी जिन देशों के नाम बताए गए हैं उनमें पाक सबसे अहम है क्योंकि अभी भी वहाँ राजनैतिक उठापटक जारी है मगर यदि ये आगे बढ़ने लगता है तो शायद वहाँ के हालात में सुधार हो सकता है और हम अपने बारे में अभी विचारने की स्तिथि में नहीं आ पाएंगे क्योंकि हम पर अभी भी राष्ट्रवाद हावी है और अभी हम चढ़ान के दौर में हैं तथा दो पीढ़ी के बाद के लोग सोंच -समझ को विकसित कर पाएंगे।
सौबान रजा Sir, आपके जरिए बहुत ही अच्छी अच्छी खबरें/और जानकारियां हम लोगों को मिलती रहती हैं जो आज के जमाने बहुत ही कम खबरें पूरी ईमानदारी से प्रकाशित की जाती है।
Anish Akhtar शानदार..पाकिस्त को सऊदी ही सुधार सकता है लेकिन समझ नही आ रहा कि सऊदी पूरी तरह इंटरेस्ट क्यो नही ले रहा है हालात बद से बदतर होते जा रहे है अमेरिकी जरखरीद फ़ौज जो खुद के लोगो की दुश्मन ओर भ्रष्ट है उसको क्यो नही सुधार रहा है
- Syed Asif Ali, Anish Akhtar सर पाकिस्तान से ब्रेन ड्रेन होना शरू हो चूका है।। मने पढ़ी लिखी प्रतिभा विदेश प्लायन करना शरू कर चुकी है।
Sajid Aftab हम पहुंच गये मून पर और नून रोटी खाने वाला मुल्क हमरी करेंसी के बराबर पहुंच गये।
Aqeel Mughal आतंक लगभग पूरी दुनिया से खत्म होने को है, लेकिन भारत मे भगवा आतंक को ताकतवर बनाया जा रहा