FB Post of 29th August 2021
सऊदी अरब मे European Research Council द्वारा वित्त पोषित दस साल के शोध से पता चला है कि सैकडो हजारो साल पहले मानव पूर्वज (Human ancestors) अरब मे बसे हुऐ थे।बहुत सारा प्रमाण या सबूत तो ख़त्म हो गया मगर अभी भी 10,000 साल पूराने पहाड़ों पर खुदे कलाकृतियॉ या نوادرات मौजूद हैं।
हजारो कलाकृतियॉ 7,000 साल पूराने पाये गये हैं, जो यह साबित करते हैं कि मिस्र के पिरामिड और इंग्लैंड के स्टोनहेंज (Stonehenge) से भी पूरानी मानव सभ्यता अरबीयन प्रायद्वीप/ जज़ीरा मे मौजूद थी।
#पहाड पर खूदे कलाकृतियों में उत्तर-पश्चिम सऊदी अरब में तबुक के पास आदमकद ऊंट और अन्य जानवरों की आकृति पाई गई है, जो 8,000 साल से भी पहले की है।
#शोधकर्ताओं ने सऊदी अरब मे 2,000 साल पहले के बेबीलियोन राजा की शिलोत्कीर्णन (Petroglyphs) पाया हैं तथा 26 लाईन का हस्तलिपि (scripts) खुदा मिला है जो यह साबित करता है मानव संचार और संपर्क मे अरबीयन प्रायद्वीप का बहुत बडा योगदान है।
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संघ प्रमुख डा० मोहन जी भागवत बिना किसी सबूत या प्रमाण के कहते हैं कि हमारे भारत की सभ्यता 40,000 साल पूरानी है और अब समय आ गया है कि पूरा विश्व हमें विश्व गुरू माने गा।
भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (Archeological Survey of India) उप्र के बागपत मे 2,200 पहले हड्डी का अवशेष पाता है जिस को वह बिना Radiometric या Luminescence dating techniques के जाँच के महाभारत से जोड कर कल्पना कर प्रोपगंडा और प्रचार करता है।
भारतीय पुरातत्ववेत्ता मुकेश सिंह चंडीगढ के पहाड मे 26 लाख (2.6 million) साल पूराना अफ्रिका से आया पत्थर का औज़ार पा कर प्राचीन सभ्यता के Homo lineage का प्रचार करते हैं जिस के दुनिया के आर्केलोजिस्ट ख़ारिज कर देते हैं।
अब समय आ गया है कि डा० मोहन जी, बूद्धिजिवी, पुरातत्ववेत्ता तथा इतिहासकार भारत के मानव सभ्यता, इतिहास का गलत प्रचार, प्रसार या परोपगंडा बंद करें और समाज को गुमराह न करें तथा भारत की छवी नष्ट न करें।देशहित मे सही शोध करवा कर और सही इतिहास लिखवा कर एक पढा लिखा मानव समाज बना कर हम लोगो को दुनिया मे विश्व गुरू बनायें।
(#नोट: मानव सभ्यता के तीन पार्ट का यह आखरी पोस्ट है। भविष्य मे कभी अरब के देवी देवताओं पर पोस्ट करें गें)